Edited By Punjab Kesari, Updated: 03 Feb, 2018 11:46 AM
सांपला बाईपास स्थित रबड़ फैक्टरी में शुक्रवार शाम शार्ट-सर्किट से अचानक आग लगने के करण हड़कम्प मच गया। हालांकि करीब एक घंटा कड़ी मशक्कत के बाद मजदूरों व ग्रामीणों की सहायता से काबू पा लिया। बाद में सूचना पाकर जिला मुख्यालय की तरफ से दमकल विभाग की...
सांपला(ब्यूरो): सांपला बाईपास स्थित रबड़ फैक्टरी में शुक्रवार शाम शार्ट-सर्किट से अचानक आग लगने के करण हड़कम्प मच गया। हालांकि करीब एक घंटा कड़ी मशक्कत के बाद मजदूरों व ग्रामीणों की सहायता से काबू पा लिया। बाद में सूचना पाकर जिला मुख्यालय की तरफ से दमकल विभाग की गाड़ी मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक आग पर काबू पा लिया गया था। संयोग रहा कि फैक्टरी के अंदर रखा लाखों रुपए का सामान ही जला, जबकि हादसे में किसी मजदूर को चोट नहीं पहुंची। करीब 20 दिन पहले कुलताना रोड पर आर.एस.पी. टायर रिसोलिंग फैक्टरी में तेल टैंक में लगी आग में एक मजदूर के जिंदा जलने से व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े हो गए थे। फैक्टरी में मजदूरों के पास न तो फायर सेफ्टी उपकरण थे और न ही आग बुझाने के लिए पर्याप्त अग्निशमन यंत्र। केवल एक अग्निशमन यंत्र था लेकिन उसे चलाना कोई नहीं जानता था।
आसपास पानी का इंतजाम नहीं था। इतना ही नहीं 6 माह पहले ही खोली गई फैक्टरी के मालिक ने फायर एन.ओ.सी. भी नहीं ली थी। जिले में अवैध रूप से चल रहीं फैक्टरियों व संस्थानों को लेकर कोई जांच नहीं की जाती। फैक्टरी में मजदूर दम तोड़ते हैं और पैसे के दम पर मामले को दबा दिया जाता है। फैक्टरी में आपातकालीन स्थिति के लिए पुलिस और फायर ब्रिगेड का कोई नम्बर लिखा था। फैक्टरी में काम करने वाले मजदूरोंका रिकार्ड ही नहीं रखा जाता था। मजदूरों की न हाजरी लगती थी और न ही रहने की व्यवस्था थी।
जगदीश चंद्र, एस.एच.ओ., सांपला
मामले की सूचना मिलते ही हमने फायर ब्रिगेड को तुरंत सूचना दे दी और पहले हुए हादसे में मामला दर्ज कर लिया गया था। अगर अब किसी मजदूर की शिकायत मिलती है तो मामला दर्ज कर लिया जाएगा।