Edited By Deepak Paul, Updated: 10 Feb, 2019 10:57 AM
मोदी सरकार की तर्ज पर हरियाणा सरकार ने राज्य के किसानों को अलग से पैंशन देने का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। हरियाणा में किसानों को यह पैंशन मोदी सरकार की पैंशन से कुछ अलग होगी, क्योंकि इसमें वाॢषक के बजाय मासिक पैंशन देने का प्रारूप तैयार किया गया है।...
चंडीगढ़(पांडेय): मोदी सरकार की तर्ज पर हरियाणा सरकार ने राज्य के किसानों को अलग से पैंशन देने का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। हरियाणा में किसानों को यह पैंशन मोदी सरकार की पैंशन से कुछ अलग होगी, क्योंकि इसमें वाॢषक के बजाय मासिक पैंशन देने का प्रारूप तैयार किया गया है। खास बात यह है कि इस पैंशन की राशि को भी बेहतर रखने का सुझाव दिया गया है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश के किसानों को यह तोहफा मिल जाएगा। सूत्रों की मानें तो 13 फरवरी को होने वाली खट्टर कैबिनेट की बैठक में पैंशन मुद्दे पर मोहर लग सकती है, ताकि 20 फरवरी से शुरू हो रहे विधानसभा के बजट सत्र में इसे पास करवाया जा सके।
किसानों को पैंशन का तोहफा देने के लिए खट्टर सरकार ने भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष एवं विधायक सुभाष बराला की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की थी। इस कमेटी में विधायक अभय सिंह यादव, विधायक महिपाल ढांडा, विधायक घनश्याम दास अरोड़ा, विधायक पवन सैनी और कृषि विभाग के महानिदेशक अजीत बालाजी जोशी सदस्य के तौर पर शामिल हैं। इस कमेटी की अब तक दो बैठकें हो चुकी हैं, जिसमें काफी हद तक होमवर्क किया जा चुका है। पिछली बैठक 29 जनवरी को हुई थी, जिसमें कमेटी द्वारा ड्राफ्ट तैयार करने की बात कही गई थी।
समिति सदस्यों ने कहा था कि जल्द ही वह अपनी रिपोर्ट बनाकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को सौंपे देंगे। कमेटी के मुखिया सुभाष बराला ने बताया कि समिति सभी प्रकार की बारीकियों पर चर्चा कर चुकी है तथा अगली बैठक में समिति के सदस्यों के अलावा कृषि वैज्ञानिक, प्रगतिशील महिला किसान और महिला वैज्ञानिकों से भी उनकी राय ली जाएगी, जिससे इस योजना को एक सार्थक योजना का रूप मिलेगा। बराला ने बताया कि संबंधित विभागों से डाटा प्राप्त हो गया है और डाटा के आधार पर कमेटी ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। अगली बैठक में वितरण प्रणाली जैसे विषयों पर अंतिम निर्णय लेकर समिति द्वारा बहुत जल्द रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। सरकार के उच्चपदस्थ सूत्रों की मानें तो सरकार किसी भी तरह से पैंशन मुद्दे को लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले अमलीजामा पहनाना चाहती है।