कुरुक्षेत्र और गीता महोत्सव का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार करेगी फिल्म '48 कोस' : उपायुक्त

Edited By Isha, Updated: 10 Jul, 2022 11:11 AM

film  48 kos  will promote kurukshetra and gita festival internationally

धर्मनगरी कुरुक्षेत्र और कुरुक्षेत्र में आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव जैसे भव्य कार्यक्रमों के साथ-साथ श्रीमद्भागवत गीता के संदेश को देश दुनिया में प्रचारित करने में हिंदी फिल्म ''48 कोस'' मील का पत्थर साबित होगी। यह फिल्म सही मायनों...

चंडीगढ़(चंद्र शेखर धरणी): धर्मनगरी कुरुक्षेत्र और कुरुक्षेत्र में आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव जैसे भव्य कार्यक्रमों के साथ-साथ श्रीमद्भागवत गीता के संदेश को देश दुनिया में प्रचारित करने में हिंदी फिल्म '48 कोस' मील का पत्थर साबित होगी। यह फिल्म सही मायनों में देखने लायक है। यह कहना है कुरुक्षेत्र के उपायुक्त मुकुल कुमार का। वे कुरुक्षेत्र के डिवाइन सिनेप्लेक्स में हिंदी फिल्म '48 कोस' की स्क्रीनिंग और स्पेशल शो को देखने पहुंचे थे। उपायुक्त मुकुल कुमार ने फिल्म '48 कोस' को देखा और फिल्म देखने के बाद अपनी प्रतिक्रिया देते हुए फिल्म के लेखक, निर्माता- निर्देशक राजेंद्र वर्मा यशबाबू और फिल्म की पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि जिस उद्देश्य को लेकर यह फिल्म बनाई गई है, उसमें कामयाब हुई है। यह फिल्म समाज को एक सार्थक संदेश देने का काम करेगी। जिस प्रकार केंद्र और प्रदेश सरकार धर्मनगरी कुरुक्षेत्र को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित कर रही है, उन प्रयासों में हिंदी फिल्म '48 कोस' भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

इस फिल्म में जिस प्रकार से गीता के संदेश, ब्रह्मसरोवर के विहंगम दृश्य, गीता ज्ञान संस्थानम, अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का संदेश और बुराई पर सच्चाई की जीत और अहंकार को त्यागने जैसे विषयों को सिल्वर स्क्रीन पर दिखाया गया है सही मायनों में यह जीवंत दृश्य और संदेश सही मायनों में '48 कोस' शीर्षक की सार्थकता साबित करते हैं। फिल्म के निर्माता निर्देशक राजेंद्र वर्मा ने कहा कि अपनी फिल्मों के माध्यम से वे समाज को एक सकारात्मक संदेश देने के साथ-साथ कुरुक्षेत्र की महिमा का भी प्रचार-प्रसार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करना चाहते हैं। उन्हें खुशी है कि उनकी यह फिल्म 48 कोस के प्रचार प्रसार और संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का काम करेगी। उन्होंने सिनेमा प्रेमियों से अपील की 48कोस फ़िल्म को अपने नजदीकी सिनेमाघर में अवश्य देखें। इस मौके पर मुंबई से पहुंचे फिल्म में अहम किरदार निभा रहे प्रख्यात फिल्म अभिनेता पंकज बेरी का सभी ने स्वागत किया और उन्होंने भी खुद को '48 कोस' फिल्म का हिस्सा बनने का सौभाग्य समझते हुए सभी से इस फिल्म को देखने की अपील भी की। कुरुक्षेत्र में यह फिल्म आज शुक्रवार 8 जुलाई से डिवाइन सिनेप्लेक्स में रिलीज हुई है।

इस मौके पर नगर परिषद की निवर्तमान अध्यक्षा उमा सुधा, युवा भाजपा नेता साहिल सुधा, युवा जजपा जिलाध्यक्ष डॉ. जसविंदर खैहरा, लाडवा नगरपालिका प्रधान साक्षी खुराना, अमित खुराना, समाजसेवी संदीप गर्ग, अश्वनी जैन, विनोद रावल, अनिता रावल, अश्वनी अरोड़ा, धीरज गुलाटी, प्रदीप झाम्भ, केडीबी सदस्य सौरभ चौधरी, हरीश लूथरा व अन्य कई गणमान्य लोग भी मौजूद थे। 

  हरियाणा और कुरुक्षेत्र के भी कई कलाकार '48कोस' में शामिल
गौरतलब है कि शुक्रवार 8 जुलाई को रिलीज हुई हिंदी फिल्म 48 कोस में हिंदी सिनेमा के प्रख्यात कलाकार अनिल धवन, अरुण बख्शी, पंकज बेरी, जेडी बल्लू, रमन नासा के अलावा  कुरुक्षेत्र के अनिल वर्मा, पारुल कौशिक, नरेश सागवाल, आशी खेत्रपाल, गर्वित खुराना, आरव वधवा, जय रल्हन, रितिका राय, जस्सी रल्हन, योगिता पाल, नरेश ढांडा, विनोद यादव, युवराज धीमान, सोनिया काठपाल, संजीव चौहान, हरि चनालिया आदि फ़िल्म में नज़र आ रहे हैं।

 

 गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज और गीता ज्ञान संस्थानम भी '48कोस' मे
"फिल्म '48 कोस' की शूटिंग का कुछ हिस्सा कुरुक्षेत्र की गीता ज्ञान संस्थान में भी हुआ है।  फिल्म में गीतामनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज और गीता ज्ञान संस्थान तथा संथानम के संग्रहालय में भगवान श्री कृष्ण का विराट स्वरूप के मनोहारी दृश्य भी फिल्म 48 कोस में नजर आ रहे हैं। लेखक, निर्माता, निर्देशक राजिंदर वर्मा ‘यशबाबू’ का कहना है की हमारे साहित्य में ऐसे कई पात्र एवं चरित्र है जिनका उल्लेख शायद हमारी नौजवान पीढ़ी भूल गयी है। एक सवाल का जवाब देते हुए राजिंदर वर्मा ‘यशबाबू’ कहते हैं कि हमारे इतिहास के गर्भ में ऐसी कई कहानियां है जो आज भी अनकही है। अगर आज के लेखक चाहे तो वह कहानियां भी श्रोताओं के समक्ष प्रस्तुत की जा सकती हैं। हिन्दी फीचर फिल्म ‘48 कोस’ द्वारा उनकी कोशिश कुरुक्षेत्र का नाम विश्व पटल पर ले जाने की है। राजिंदर वर्मा ने कहानी के संदर्भ में बताया कि बचपन से ही वह महाभारत से प्रभावित थे। 48 कोस के द्वारपाल यक्षों की कहानियां उनको बहुत आकर्षक लगती थी। इन्हीं कहानियों को वह आधुनिक रूप में दर्शकों के सामने प्रस्तुत करना चाहते थे। कहानी को अपने स्वरूप में आने में डेढ़ साल लगा। राजिंदर वर्मा ने यह भी कहा कि वह दावे के साथ बोल सकते हैं कि यह फीचर फिल्म दर्शकों के दिलों में अपनी ख़ास जगह बनाएगी और सोचने पर मजबूर कर देगी। इस फिल्म में नामी कलाकार पंकज बेरी, अनिल धवन, अरुण बक्शी, सोहित सोनी, अनिल वर्मा, जागृति ठाकुर, नलिनी खत्री, योगिता पॉल के अलावा बाल कलाकार आरव वधवा, गर्वित खुराना, रीतिका राय, जय रल्हन ने विशेष रूप से काम किया है। फिल्म की कहानी राजिन्द्र वर्मा, पटकथा थामन ए., छायाकार विरेन्द्र कुमार, सम्पादन सुनील अरोड़ा का है तथा फिल्म में गीत संदीप गौड़ व संगीत अरुण बक्शी व विकास रल्हन ने दिया है। यशबाबू एंटरटेनमैंट द्वारा निर्मित फिल्म ‘48 कोस’ सिनेमाघरों में 8 जुलाई को रिलीज हो रही है।

 

प्रश्न : फिल्म की कहानी संक्षेप में बताएं।
उत्तर :
फिल्म की कहानी चार किरदारों के इर्द-गिर्द घूमती है। इन चारों किरदारों में चार यक्षों के अंश हैं। कहानी में नया मोड़ तब आता है जब तीन बच्चे गुरुकुल से गायब हो जाते हैं।

प्रश्न : 8 जुलाई को आपकी फिल्म कई बड़ी फिल्मों से टक्कर लेगी, इस बारे में आपका क्या ख्याल है?
उत्तर :
हमारी फिल्म विषय प्रधान फिल्म है। थिएटरों में ‘48 कोस’ देखने के लिए दर्शक खिंचे चले आएंगे। ऐसी फिल्म कई सालों के बाद आती है। हमें लगता है कि दर्शक ऐसी फिल्म को नजरअंदाज नहीं कर पाएंगे।

प्रश्न : आप अपनी फिल्म को लेकर काफी आश्वस्त लग रहे हैं।
उत्तर :
हमारी फिल्म फैमिली एंटरटेनर है। अच्छे कंटेंट के साथ-साथ अच्छे कलाकार भी हैं। मुझे पूरा यकीन है कि यह फिल्म दर्शकों का दिल जीतने में कामयाब होगी। 

 

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