महिला किसान ने खेती में छोड़ दिया मर्दों को भी पीछे, पाया ये मुकाम(VIDEO)

Edited By Rakhi Yadav, Updated: 11 May, 2018 03:48 PM

सिरसा जिले के छोटे से गांव अरनियांवाली की रहने वाली एक महिला किसान ने अपनी मेहनत की बदौलत वो मुकाम हासिल किया है। जो किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था। गांव की बेरानी जमीन के टिलों में बारिश के आने से कभी बाजरे की....

सिरसा(सतनाम सिंह): सिरसा जिले के छोटे से गांव अरनियांवाली की रहने वाली एक महिला किसान ने अपनी मेहनत की बदौलत वो मुकाम हासिल किया है। जो किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था। गांव की बेरानी जमीन के टिलों में बारिश के आने से कभी बाजरे की फसल भी नहीं होती थी। लेकिन आज यहां कीन्नू के बाग लहला रहे हैं। वो भी ऑर्गेनिक। सुनीता अपने खेत में ड्रिप सिस्टम के जरिये बाग़ को पानी लगाती है। ख़ास बात ये है कि पानी की मोटर को फोन के जरिये चलाती है। जिसके लिए उसने एक यंत्र भी बनाया हुआ है।

सुनीता की शादी 2001 में गांव अरनियांवाली के कृष्ण लांबा के साथ हुई थी। उनकी अपनी10 एकड़ जमीन थी। उस पर बेरानी जमीन में रेत के टिले होते थे। 2003 में पति  को सरकारी नौकरी मिल गई।  पति के नौकरी लग जाने के बाद घर की पूरी जिम्मेदारी यानि खेतीबाड़ी का जिम्मा सुनीता पर आ गया।
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जब सुनीता ने खेतीबाड़ी की जिम्मेदारी संभाली तो सबको हैरान कर दिया। यह बात 2009 की है जब सुनीता अपने खेत में गई। खेत में उसने ट्रैक्टर चलाने की सोची। जब पति ने उसका साथ दिया तो वह हर रोज सुबह जल्दी उठती और खेत में जाकर ट्रैक्टर चलाना सिखती। उसके बाद एक दिन जब गांव में ट्रैक्टर लेकर सुनीता पहुुंची तो सभी को हैरान कर दिया।

सुनीता ने सोचा कि क्यों ना परंपरागत खेती को छोड़कर कुछ ऐसा किया जाए। ताकि उसको ज्यादा मेहनत भी ना करनी पड़े और आमदनी भी अच्छी हो जाए। क्योंकि वह खुद अकेली गांव की चार-पांच महिलाओं को लेकर ट्रैक्टर पर खेत में जाती थी और पूरा दिन खेत में महिलाओं के साथ काम करती थी। पति नौकरी करता था और सुनीता खेत में काम। फिर एक दिन सुनीता ने सिरसा में जाकर बागवानी विभाग से संपर्क किया।

विभाग के अधिकारियों ने कहा कि वो अपने खेत की मिट्टी की जांच करवाए। सुनीता ने अपने खेत की मिट्टी की जांच करवाकर अपनी जमीन पर कीन्नू के बाग लगवाने की सोची। हालांकि पानी की कमी थी, इसलिए उसने अपने ही खेत में वाटर टैंक बनवाया। उसके बाद ड्रिप सिस्टम भी लगवाया ताकि बालु रेत में पानी अधिक खर्च ना हो।

अब सुनीता की मेहनत रंग लाने लगी है। पिछले साल उसने एक एकड़ कीन्नू का ठेका 1 लाख रूपये में लिया। यानि 10 एकड़ में उसको 10 लाख रूपये सालाना इनकम हुई। अब सुनीता लांबा के संघर्ष की गांव में हर कोई तारिफ करता है। सुनीता को खेत में पहले दिक्कत होती थी जब खेत में लाइट आती तो ही ड्रिप सिस्टम की मोटर खेत में आकर चलानी पड़ती थी। अब उसने तकनीकी युग के चलते ऐसा बना लिया है, जिससे उसके मोबाइल में खेत में बिजली आते ही मैसेज आ जाता है।
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जब वह घर में हो तो अपनी एक कॉल कर एक बटन दबाने से ड्रिप सिस्टम को चालू कर देती है और दूसरा बटन दबाकर ड्रिप सिस्टम की मोटर को बंद भी कर देती है। उसकी इस तकनीक से हर कोई गांव का व्यक्ति अचंभा करता है कि वह आखिर घर बैठे ही अपने खेत की मोटर कैसे चालू कर देती है। लेकिन ये सच है। सुनीता पूरे खेत के ड्रिप सिस्टम को अपने मोबाइल से ऑपरेट करती है।

सुनीता कहती हैं कि सिरसा जिले के अनेक गांव के किसान उससे संपर्क साधकर खाद लेकर जाते हैं। हर महीने वह 50 हजार रूपये की खाद बेच देती है। इस केंचुआ फार्म में भी सुनीता ने ड्रिप सिस्टम लगाया हुआ है। हर दिन 3 घंटे ड्रिप से केंचुआ खाद में पानी दिया जाता है। सुनीता दूसरी महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करती है। 
 

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