हिंसक घटनाओं पर किसान संगठनों ने मांगी माफी, चढूनी ने हरियाणा सरकार पर बोला जमकर हमला

Edited By vinod kumar, Updated: 27 Jan, 2021 06:28 PM

farmers organizations apologize for violent incidents

गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुई हिंसक घटनाओं की पूरे देश में निंदा हो रही है। किसान संगठनों पर निशाना साधा जा रहा है। इस बीच भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने हिंसा के लिए माफी मांगी। उन्होंने कहा कि बीते कल हुई हिंसक घटनाओं के लिए...

सोनीपत (पवन राठी): गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुई हिंसक घटनाओं की पूरे देश में निंदा हो रही है। किसान संगठनों पर निशाना साधा जा रहा है। इस बीच भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने हिंसा के लिए माफी मांगी। उन्होंने कहा कि बीते कल हुई हिंसक घटनाओं के लिए किसान संगठन माफी मांगते है। एक झंडा चढ़ाने की वजह से हम देश में विरोध का सामना कर रहे हैं। आज गद्दारों की वहज से हमारा आंदोलन बदनामी झेल रहा है। एक रणनीति की वजह से ये सब हो रहा है। चढूनी ने कहा कि दिल्ली पुलिस भी इसकी मुख्य वजह है। हमने दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को पहले ही दंगे के लिए चेता दिया था। दीप सिद्धू जैसे लोगों ने आंदोलन को खराब करने का काम किया है। 

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चढूनी ने कल हुई घटना पर केंद्र सरकार को जिम्मेवार बताया। उन्होंने कहा कि सरकार ने सारा काम करवाया है। हरियाणा और केंद्र सरकार छोटे-छोटे मुद्दों पर किसान संगठनों और पंजाब व हरियाणा के किसानों में फूट डालने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि तिरंगा देश की शान है और तिरंगे को हम अपनी शान समझते हैं, तिरंगे के लिए हम अपनी जान देने को भी तैयार है। कुछ लोग मौके का फायदा उठाना चाहते हैं। खासतौर पर हरियाणा सरकार मौके का फायदा उठाना चाह रही थी, जिसने अपनी चाल शुरू कर दी है। अपने लोगों को सड़कों पर निकाल दिया है। 

यह सरकार की गद्दारी है, यह काम सरकारों के नहीं होते हैं। एक आदमी की गलती या कुछ लोगों की गलती सभी किसानों पर कैसे थोप सकते हैं। हरियाणा सरकार बात को बढ़ाने की बजाय कंट्रोल करें। हम देश के वफादार हैं। देश में कुछ गद्दार लोग हैं, जिनकी हम निंदा करते हैं। यह साजिश पहली बार नहीं रची। इससे पहले भी सरकार ने कई बार साजिश रची हैं। 

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उन्होंने कहा कि सरकार अलग-अलग तरह के आरोप लगाकर फूट डालना चाहते ही, इससे किसानों बचना है और अफवाहों पर ध्यान नहीं देना है। आंदोलन को अच्छे तरीके से चलाना है। किसानों का आंदोलन किसी एक कोम का नहीं है। जयचंद तो हमारे देश में पहले भी हुए हैं, हमारे बीच में गद्दार तो पहले भी हुए, अभी हैं और आगे भी रहेंगे। आज इन गद्दारों की वजह से किसान बदनाम हो रहे हैं। 

वहीं किसान नेता बलदेव सिरसा ने कहा कि जो ट्रैक्टर ट्राली वापस जा रही हैं करनाल से निकलकर और अंबाला से पहले कुछ शरारती तत्वों ने झंडे उतार कर दूसरे झंडे लगा रहे हैं, यह सभी हरियाणा सरकार करवा रही है। रात को आंदोलन को खराब करने के लिए किसी ने अफवाह फैला दी कि सिंघु बॉर्डर पर स्टेज के पास लाठी चार्ज हो गया है और किसान पंजाब की तरफ कुछ करने लगे, पता लगने के बाद रसोई ढाबे के पास हम पहुंचे और वहां किसानों को समझाया और वापस बुलाया। ताकि आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके से चलाया जा सके। क्योंकि इस आंदोलन के बीच में कुछ शरारती तत्वों शामिल हो चुके हैं।

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