Edited By Vivek Rai, Updated: 21 Mar, 2022 03:35 PM
एक बार से केंद्र औऱ हरियाणा सरकार की मुश्किलें बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं। क्योंकि एक बार फिर किसान अपनी मांगों को लेकर आर पार की लड़ाई करने के मूड में लग रहे हैं।
हिसार (विनोद): एक बार से केंद्र औऱ हरियाणा सरकार की मुश्किलें बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं। क्योंकि एक बार फिर किसान अपनी मांगों को लेकर आर पार की लड़ाई करने के मूड में लग रहे हैं। दरअसल, हिसार के लघु सचिवालय में आज किसानों ने सयुक्त मोर्चा के आह्वान पर जमकर धरना देकर प्रदर्शन किया। इस दौरान हरियाणा के 40 से अधिक किसान संगठन ने प्रदर्शन किया। किसान नेता सूबे सिंह ने कहा कि सरकार ने वादा किया था कि देश के किसानों को एमएसपी मिलना कैसे सुनिश्चित किया जाय इसपर एक कमिटी बनायी जाएगी। अब तक सरकार ने न तो कमेटी के गठन की घोषणा की है और न ही कमेटी के स्वरूप और उसकी मैंडेट के बारे में कोई जानकारी दी है।
सरकार का वादा था कि आन्दोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमे तत्काल प्रभाव से वापिस लिये जायेंगे अब तक सिर्फ हरियाणा सरकार ने कुछ कागजी कार्रवाई की है और केस वापिस लेने के कुछ आदेश जारी किए हैं। लेकिन हरियाणा में भी यह काम अधूरा है। किसानों को अब भी समन आ रहे हैं। किसान नेता कहा कि दिल्ली पुलिस ने कुछ दिन पहले घोषणा की थी की वह 54 में से 17 केस वापिस लेगी। लेकिन अभी तक न कोई सूचना है की कौन से केस वापिस लिए जायेंगे न ही कोई सफाई है की बाकी केस वापिस क्यों नहीं होंगे।
रेलवे द्वारा देश भर में किसानों पर लगाए मुकदमे वापिस नहीं हुए हैं। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल सरकार की तरफ से आंदोलन के दौरान बनाए गए केस वापिस लेने के आश्वासन पर नाममात्र की भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
आन्दोलन के दौरान शहीद हुए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने पर अभी तक न तो किसी औपचारिक निर्णय की घोषणा नहीं हुई है। वहीं लखीमपुर खीरी हत्याकांड में एसआईटी की रिपोर्ट में षड्यंत्र की बात स्वीकार करने के बावजूद भी इस कांड के प्रमुख षड्यंत्रकारी अजय मिश्र टेनी का केंद्रीय मंत्रिमंडल में बना रहना हर संवैधानिक और राजनैतिक मर्यादा के खिलाफ है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने 11 से 17 अप्रेल के बीच एमएसपी की कानूनी गारंटी सप्ताह आयोजित करने का फैसला किया है। अगर तब तक भी सरकार अपने आश्वासन पर अमल नहीं करती है तो किसानों के पास आंदोलन को दोबारा शुरू करने के सिवा और कोई रास्ता नहीं बचेगा।
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