Edited By Rakhi Yadav, Updated: 20 Apr, 2018 05:18 PM
किसान के बेटे और आर्मी ऑफिसर के पोते उकलाना मंडी निवासी साहिल वर्मा ने गुरु जंबेश्रवर विश्वविद्यालय में सिविल इंजीनियरिंग में टॉप करके एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। उनकी इस उपलब्धि पर महामहिम राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी, शिक्षामंत्री रामबिलास...
उकलाना( पासा राम धत्तरवाल): किसान के बेटे और आर्मी ऑफिसर के पोते उकलाना मंडी निवासी साहिल वर्मा ने गुरु जंबेश्रवर विश्वविद्यालय में सिविल इंजीनियरिंग में टॉप करके एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। उनकी इस उपलब्धि पर महामहिम राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी, शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा व उप कुलपति डा. टंकेश्र्वर ने प्रशस्ति पत्र व गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया। जिसके बाद साहिल वर्मा के परिवार में खुशी का ठिकाना नहीं रहा और उन्हें बधाई देने के लिए आस-पास के गांवों के लोगों का तांता लगा हुआ है।
कैप्टन चंद्रभान ने बताया कि वह किसान परिवार से संबंध रखते है। जब वे खुद भी पटवारी की ट्रैनिंग कर रहे थे तो उनका कॉपरेटिव बैंक में सचिव के पद पर चयन हो गया था। लेकिन वे देश की सेवा के लिए सेना में जाना चाहते थे। इसलिए सेना में भर्ती हो गए और वहीं पर ऑटोमोबाईल इंजीनियरिंग का कोर्स किया। सेना में बोफोर्स गन व स्कानिया गाड़ी लाई गई तो उनकी रिपेयर के लिए उन्हें विदेश भेजा गया था।
विश्र्वविद्यालय के टॉपर बने साहिल वर्मा ने उकलाना के आरडीएम सरस्वती पब्लिक स्कूल से दसवीं तथा उकलाना पॉलिक्निक इंजीनियरिंग कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हासिल किया। जिसके बाद उन्होंने बी.टेक में विश्र्वविद्यालय टॉप किया।
पिता और दादा से ली प्रेरणा
गोल्ड मेडलिस्ट साहिल वर्मा ने बताया कि उनके पिता रणबीर सिंह और दादा कैप्टन चंद्रभान से प्रेरणा लेते हुए उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग को चुना। उन्होंने गोल्ड मेडल हासिल करने के लिए कभी भी पढ़ाई नहीं की बल्कि कामयाबी के लिए कड़ी मेहनत की। जिससे उनकी मेहनत रंग लाई और वे विश्र्वविद्यालय टॉपर बने हैं।
उनके जीवन का लक्ष्य एक अच्छा इंजीनियर बनकर देश के लिए कुछ अलग कार्य करना है। जिससे देश का विकास हो और आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए ऐसी नई तकनीक देकर जाना है। जिससे उनका जीवन ही बदल जाए। वे ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को संदेश देना चाहते हैं कि अगर कड़ी मेहनत की जाए तो वे भी देश ही नहीं बल्कि दुनिया में अपनी पहचान बना सकते है।
परिवार में खुशी का माहौल
साहिल के दादा कैप्टन चंद्रभान, पिता रणबीर सिंह, दादी बिदामो देवी, माता शारदा देवी व बहन अचला रानी को जैसे ही पता लगा कि साहिल ने उनके सपनों को साकार करते हुए जीजेयू में टॉप किया है। उसके लिए उन्हें राज्यपाल द्वारा प्रशस्ति पत्र व गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया है तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। साहिल की दादी व माता ने कहा कि वे गृहणी है लेकिन अपने बेटे को सफल बनाने के लिए हमेशा प्रेरित करती आई है। आज उनकी मेहनत रंग लाई है और साहिल ने पूरे परिवार का नाम प्रदेश में रोशन किया है।