किसान परेशान, अनाज मंडी में नहीं हो रहा गेहूं का उठान

Edited By Rakhi Yadav, Updated: 25 Apr, 2018 12:42 PM

farmer is disturbed wheat procurement not being raised in grain market

अगले कुछ दिनों में किसानों को गेहूं की फसल बेचने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है। क्योंकि जिला की मंडियों में व्यापारियों द्वारा यू.पी. से गेहूं लाकर बेचने से रोकने में नाकाम रहने के चलते खरीद को फिलहाल बंद कर दिया। विभागों के आला अधिकारियों....

करनाल(सरोए): अगले कुछ दिनों में किसानों को गेहूं की फसल बेचने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है। क्योंकि जिला की मंडियों में व्यापारियों द्वारा यू.पी. से गेहूं लाकर बेचने से रोकने में नाकाम रहने के चलते खरीद को फिलहाल बंद कर दिया। विभागों के आला अधिकारियों द्वारा मंडियों के सचिवों पर सख्त कार्रवाई करने की बजाय खरीद बंद करके किसानों को ही एक प्रकार से सजा दे दी, जिससे आने वाले दिनों में विकट स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

जबकि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी अपना ही तर्क दे रहे है कि केवल हरियाणा के किसानों का ही गेहूं मंडियों में खरीदा जाएगा। उसके साथ उन्हें अपने डाक्यूमेंट लाने होंगे। दूसरी तरफ इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि एजेंसी अगर गेहूं खरीदना जारी रखती है तो खरीद एजैंसियों के पास गेहूं को रखने की ज्यादा जगह नहीं बची है।

जितनी जगह थी, उतना गेहूं तो खरीदा जा चुका है। पिछले साल गेहूं की खरीद 15 मई तक चली थी और उस समय तक करीब 15 लाख 50 हजार क्विंटल गेहूं की खरीद की गई थी। जबकि अब तक करीब 14 लाख क्विंटल गेहूं से अधिक खरीदा जा चुका है।

मंडी में धड़ाधड़ गेहूं आ रहा है। आढ़तियों ने बताया कि अगर ऐसी ही स्थिति रही तो आने वाले 2-3 दिनों में खरीद स्थायी तौर से ही बंद कर दी जाएगी। कई आढ़तियों ने तो यहां तक कहा कि लोकल किसानों का तो लगभग पूरा गेहूं आ चुका है। अब सारा गेहूं यू.पी. से ही बिकने के लिए आ रहा है। स्थिति इतनी विकट है कि मंडी अधिकारी आढ़तियों से फोन करके पूछ रहे हैं कि कैसे यू.पी. का गेहूं रोका जाए। जो मंडी अधिकारी की नाकामी को दिखाने के लिए काफी है।

सरकार के नियमों की नहीं हुई पालना
काफी हैरानी वाली बात है मंडी में यू.पी. से ट्रकों-कैंटरों- ट्रालों में गेहूं लादकर व्यापारी ला रहे हैं, उन्हें कार्रवाई के नाम पर पकड़ा भी जा रहा है, फिर छोड़ा भी जा रहा। उसके बाद भी यू.पी. का गेहूं मंडी में बिक रहा है। जो मिलीभगत की तरफ इशारा करता है। अगर मंडी में सरकार के नियमों की पालना की जाती तो गेहूं के सीजन में करीब 10 लाख क्विंटल गेहूं ही मंडी में आ पाता।

मिट्टी-रेत होता है यू.पी. से लाई गेहूं में : चौधरी
पंचायत नई अनाजमंडी एसोसिएशन प्रधान रजनीश चौधरी ने बताया कि यू.पी. से ट्रकों व ट्रालों में गेहूं लाकर बिकना बंद होना चाहिए। क्योंकि व्यापारी यू.पी. से लाए गेहूं में मिट्टी, रेत आदि मिलाकर लाते हैं ताकि वजन बढ़ सके।

किसानों को दिक्कत नहीं आने देंगे : सचिव
नई अनाजमंडी सचिव जिले सिंह ने बताया कि अब तक 13 लाख 27 हजार क्विंटल गेहूं खरीद जा चुका है। उनका ध्यान मंडी में व्यापारियों द्वारा यू.पी. से लाए गेहूं को नहीं बिकने पर लगा हुआ है। मंडी में ज्यादा गेहूं की आवक देखते हुए खरीद को बंद किया गया है लेकिन किसानों को दिक्कत नहीं आने देंगे।

पूरी सतर्कता बरती जाएगी : डी.एफ.एस.सी.
डी.एफ.एस.सी. कुशल बूरा ने बताया कि गेहूं खरीद में पूरी सतर्कता बरती जाएगी, क्योंकि यू.पी. से ज्यादा गेहूं मंडियों में पहुंच रहा है। हरियाणा के किसानों को अपने कागज साथ लेकर आना होंगे ताकि उसका गेहूं खरीदा जा सके। इसलिए खरीद बंद की है। 

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