स्कूलों में फर्जी दाखिले का मामला: सरकार ने हाईकोर्ट में पेश किया जवाब

Edited By Rakhi Yadav, Updated: 03 Apr, 2018 09:13 AM

fake admission case in schools government submitted reply in the high court

हरियाणा के स्कूलों में कागजों में फर्जी दाखिलों दिखाए जाने के मामले में हरियाणा सरकार ने जवाब पेश करते हुए कहा कि हरियाणा के सभी 7 विजीलैंस हैडक्वार्टस द्वारा 7 केस दर्ज किए गए हैं। सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को आश्वासन दिया कि इन केसों में...

चंडीगढ़(ब्यूरो): हरियाणा के स्कूलों में कागजों में फर्जी दाखिलों दिखाए जाने के मामले में हरियाणा सरकार ने जवाब पेश करते हुए कहा कि हरियाणा के सभी 7 विजीलैंस हैडक्वार्टस द्वारा 7 केस दर्ज किए गए हैं। सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को आश्वासन दिया कि इन केसों में 6 महीने में जांच पूरी कर आरोप पत्र संबंधित जिला अदालतों में पेश कर दिए जाएंगे। 

सरकार का जवाब सुनने के बाद हाईकोर्ट ने केस की सुनवाई आगे की तारीख लगा स्थगित कर दी। विजीलैंस ब्यूरो इन 7 केसों में पूरे राज्य के स्कूलों में कथित रूप से हुई फर्जी नियुक्तियों की जांच करेगी। दायर याचिका में एडवोकेट जगबीर मलिक ने हस्तक्षेप कर फर्जी दाखिलों को लेकर दलीलें पेश की थीं। इससे पूर्व विजीलैंस ब्यूरो ने हाईकोर्ट में अपनी जांच रिपोर्ट दाखिल की थी जिससे हरियाणा में गैस्ट टीचर्स को एडजस्ट करने के लिए फर्जी दाखिले लगाने का आरोप प्रारंभिक रूप से साफ हो गया था। 

दायर रिपोर्ट में सामने आया था कि सिर्फ रोहतक, हिसार और गुरुग्राम के प्रति जिला 5 स्कूलों के हिसाब से 15 स्कूलों में ही 1500 फर्जी दाखिले दिखाए गए। आरोपों में राज्य के 4 हजार स्कूलों में 4 लाख से अधिक फर्जी दाखिलों का आरोप लगाया गया था।  मामले में शुरूआत में हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को जांच के आदेश दिए थे। जिस पर सरकार ने एक रिटायर्ड सैशंस जज से जांच करवाई थी जिस जांच से हाईकोर्ट असंतुष्ट रहा जिसके बाद जांच विजीलैंस ब्यूरो को सौंपी गई थी।

विजीलैंस ने अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए मामले में एफ.आई.आर. दर्ज करने की सिफारिश की थी। इससे पहले गैस्ट टीचर्स को हाईकोर्ट के आदेशों पर सेवामुक्त कर दिया गया था।  सिंगल बैंच के फैसले को गैस्ट टीचर्स ने डिवीजन बैंच में चुनौती दी थी जिसमें कहा गया था कि राज्य में टीचर्स के पद खाली हैं।

ऐसे में उन्हें नौकरी से न निकाला जाए। इस मामले में एक व्यक्ति ने अर्जी दायर करते हुए आंकड़े पेश करते हुए कहा था कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सरकारी स्कूलों में 22 लाख के करीब दाखिले थे। वहीं जब सरकार ने इन दाखिलों का कम्प्यूटरीकरण किया तो यह दाखिले सिर्फ 18 लाख के करीब ही रह गए थे। 
 

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