Exclusive- आडवाणी ने अयोध्या मन्दिर के लिए जो संघर्ष किया वह अतुलनीय: सतपाल जैन

Edited By Shivam, Updated: 10 Nov, 2019 05:17 PM

6 दिसंबर 1992 से लगातार चल रहे विवादित मामले अयोध्या मामले पर पांच सदस्य कमेटी सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने रविवार फैसला सुनाया है, जिसको लेकर हर किसी ने न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है। अयोध्या मामले के घटनाक्रम के गवाह रहे वरिष्ठ अधिवक्ता व भारत...

चंडीगढ़(चन्द्रशेखर धरणी): 6 दिसंबर 1992 से लगातार चल रहे विवादित मामले अयोध्या मामले पर पांच सदस्य कमेटी सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने रविवार फैसला सुनाया है, जिसको लेकर हर किसी ने न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है। अयोध्या मामले के घटनाक्रम के गवाह रहे वरिष्ठ अधिवक्ता व भारत सरकार में एडिशनल सोलेस्टर जरनल सतपाल जैन लगातार लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती के साथ भी न्यायालय में पेश होते रहे और केस की पैरवी में उनके साथ थे। 

सतपाल जैन का कहना है कि आडवाणी ने अयोध्या मन्दिर के लिए जो संघर्ष किया व अलख जगाई वह अतुलनीय है। सोमनाथ मन्दिर से यात्रा की वह बधाई के पात्र हैं।आज के परिवेश में जल्दी न्याय मिले के लिए मोदी, अमित शाह की जोड़ी को इसका श्रेय जाता है। 

खास बातचीत में सतपाल जैन ने बताया कि माननीय उच्च न्यायालय का फैसला स्वागत योग्य है ,और सबको इसका सम्मान करना चाहिए, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल भारत सरकार की ओर से एडवोकेट सतपाल जैन आयोग में वकील के तौर पर लड़ाई लड़ते रहे, उन्होंने कहा कि यह फैसला देश हित व जनहित का है, इसके लिए न्यायपालिका बधाई का पात्र है, सब का पक्ष जानने के बाद उन्होंने निष्कर्ष निकाला और फैसला सुनाया है। 

जब सतपाल जैन से जानना चाहा कि आप प्रत्यक्षदर्शी भी रहे हैं बीजेपी नेता भी रहे हैं और अधिवक्ता के रूप में न्यायालय में पेश भी होते रहे हैं, तो आपका सफर यह कैसा रहा?

उन्होंने कहा, '6 दिसंबर 1992 को हम कार सेवा के लिए गए थे, मैं जब भी शामिल था और उस समय कुछ लोगों ने तोडफ़ोड़ का काम शुरू किया था, देखते ही देखते गुंबदों का तोडऩे का काम शुरू हुआ, शाम तक तीनों गुंबद को छोड़ा गया। उस समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर कल्याण सिंह विराजमान थे और उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया था। इस घटना को करीब 30 वर्ष हो चुके हैं और यह विवाद चलता रहा, उसके बाद देश के प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने एक आयोग का गठन किया था। उस आयोग ने यह जांच करनी थी की ढांचा कैसे था और किस प्रकार तोड़ा गया, तो पार्टी हाईकमान ने मुझे बुलाकर यह निर्देश दिए थे कि उन्हें लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती, व बीजेपी का पक्ष रखने के लिए अधिवक्ता के तौर पर पेश होना है और पक्ष रखना है।'

उन्होंने कहा, 'मैं पिछले 10-12 साल लगातार पार्टी की ओर से अपना पक्ष रखता रहा और सभी का पक्ष सुनने का भी मौका मिला, स्वर्गीय पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव भी सुनवाई में शामिल होते रहे, मुलायम सिंह, लालू यादव अन्य अभी आते रहे और मुझे भी काफी जानकारियां हासिल करने का मौका मिला।'

(पूरी बातचीत सुनने के लिए वीडियो देखें)

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!