Edited By vinod kumar, Updated: 04 Aug, 2021 11:29 PM
हरियाणा की शुगर मिलों में अब एथेनॉल बनेगा। सभी 11 शुगर मिलों को चरणबद्ध तरीके से एथेनॉल बनाने के लिए तैयार किया जाएगा। शाहबाद शुगर मिल पहली ऐसी शुगर मिल होगी जहां पर एथेनॉल पहले बनाना शुरू किया जाएगा। यह मिल सितंबर तक शुरू हो जाएगी। इसके अलावा करनाल...
चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा की शुगर मिलों में अब एथेनॉल बनेगा। सभी 11 शुगर मिलों को चरणबद्ध तरीके से एथेनॉल बनाने के लिए तैयार किया जाएगा। शाहबाद शुगर मिल पहली ऐसी शुगर मिल होगी जहां पर एथेनॉल पहले बनाना शुरू किया जाएगा। यह मिल सितंबर तक शुरू हो जाएगी। इसके अलावा करनाल और पानीपत में भी काम शुरू किया जाएगा। यह जानकारी प्रदेश के सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल ने खास बातचीत करते हुए दी। उन्होंने कहा कि शुगर मिलों में एथेनॉल बनाने से इनका मुनाफा बढ़ेगा और घाटे में चल रही शुगर मिलें प्रॉफिट में आ जाएंगे।
बनवारी लाल ने बताया की प्रदेश में इस साल गन्ने की पेराई एक नवंबर से होगी। हालांकि शुगर मिलों के उच्च अधिकारियों व गन्ना उत्पादकों के बीच हाल ही में जो बैठक हुई थी उसमें किसानों ने अक्टूबर में पेराई करने की मांग की थी, लेकिन तकनीकी कारणों के चलते अक्टूबर में पेराई संभव नहीं है।
सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल ने शुगर मिलों के संचालकों को अक्टूबर तक सारी मिलों को तैयार करने के आदेश दिए हैं। मिलो की मरम्मत व मशीनरी आदि के बदलाव के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया है। मिलों में अब कोई भी मरम्मत या कल पुर्जों का बदलाव कमेटी की इजाज़त के बाद होगा। ऐसी शिकायतें हैं कि पहले मरम्मत के नाम पर या मिलों में बदलाव के नाम पर घपले होते थे, जिसके चलते कमेटी बनाने का फैसला लिया गया है।
सहकारिता मंत्री ने बताया की शुगर मिल की आमदन बढ़ाने के लिए कई तरह के उपक्रम किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि रोहतक की शुगर मिल में रिफाइंड चीनी बनाई जा रही है। जो सामान्य चीनी से ज्यादा महंगी बिकती है। इसके साथ-साथ उन्होंने कहा कि इस साल खांड बनाने का प्रोजेक्ट भी है। प्रदेश में खांड को लोग काफी पसंद करते हैं जिसके चलते फैसला लिया गया है।
उन्होंने कहा कि पिछले साल की भांति गुड़ और शक्कर बनाने का काम इस साल भी होगा और गुड़ व शक्कर आकर्षक पैकिंग के साथ बाजार में भेजी जाएगी, हालांकि पिछले साल गुड़-शक्कर के मामले में नतीजे उतने बेहतर नहीं रहे, जितने सोचे गए गए थे। पिछले साल क्योंकि देरी से यह प्लान बनाया गया। जिसके चलते विभाग को अच्छे कारीगर नहीं मिल सके। डॉ बनवारी लाल ने कहा की इस दफा समय रहते प्लानिंग कर ली गई है।
(हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भी, बस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें।)