Edited By kamal, Updated: 10 Apr, 2019 09:57 PM
यमुनानगर के एक सरकारी स्कूल के परीक्षा परिणाम ने एक बार फिर से सिद्ध कर दिया है कि सरकार भले...
यमुनानगर (सुरेंद्र महता): यमुनानगर के एक सरकारी स्कूल के परीक्षा परिणाम ने एक बार फिर से सिद्ध कर दिया है कि सरकार भले ही सरकारी स्कूलों में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए पानी की तरह पैसा बहा रही हो लेकिन परिणाम ढाक के तीन पात ही रहने वाला है। यमुनानगर जिले के बिलासपुर के एकलौते सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल के नॉन बोर्ड के परीक्षा परिणामों में कुल बच्चों में से आधे से अधिक बच्चे फेल आए हैं।
सरकारी स्कूलों में गिरते परीक्षा परिणामों के स्तर को लेकर जहां सरकारें विभिन्न योजनाएं व दिशा निर्देश देती रहती है वहीं यमुनानगर के बिलासपुर स्कूल के नान बोर्ड का परीक्षा परिणाम अध्यापकों की मेहनत व उनकी कर्तव्य परायणता कि जीती जागती तस्वीर है। इस स्कूल के कुल 212 बच्चों में से 142 के करीब बच्चे अनुत्तीर्ण घोषित किए गए हैं।
कार्यवाहक जिला शिक्षा अधिकारी पृथ्वी सैनी कहते का कहना कि स्कूलों में बच्चे पढ़ रहे हैं। परीक्षा परिणाम बेहतर आ रहा है लेकिन इस स्कूल का नाम सामने आते ही वह चुप्पी साध लेते हैं और कहते हैं कि ऐसा क्यों हुआ यह जांच का विषय है। एक प्रश्न के उत्तर में उनका मानना है कि स्कूल में अध्यापकों की कमी नहीं है इसके बावजूद वह स्वयं मानते है कि ऐसा परीक्षा परिणाम नहीं आना चाहिए।