झटका: सस्ती नहीं होगी बिजली, देना होगा एफ.एस.ए.

Edited By vinod kumar, Updated: 09 Dec, 2019 10:09 AM

electricity will not be cheap

हरियाणा में सस्ती बिजली का सपना देख रहे उपभोक्ताओं के लिए बुरी खबर है। निकट भविष्य में बिजली सस्ती होने की कोई संभावना नहीं है। उपभोक्ताओं को पूर्व निर्धारित रेटों पर भी बिजली के बिल भरने होंगे। चुनाव दौरान बिजली सस्ती करने को लेकर चल रही तमाम...

करनाल(शर्मा): हरियाणा में सस्ती बिजली का सपना देख रहे उपभोक्ताओं के लिए बुरी खबर है। निकट भविष्य में बिजली सस्ती होने की कोई संभावना नहीं है। उपभोक्ताओं को पूर्व निर्धारित रेटों पर भी बिजली के बिल भरने होंगे। चुनाव दौरान बिजली सस्ती करने को लेकर चल रही तमाम अटकलों पर सरकार बनने के बाद विराम लग गया है।

हरियाणा में बिजली उपभोक्ताओं से वसूला जाने वाला एफ.एस.ए. लंबे समय से विवाद का विषय बना है। बिजली निगमों द्वारा उपभोक्ताओं से बिना किसी कारण के फ्यूल सरचार्ज एडजस्टमैंट (एफ.एस.ए.) वसूला जाता है। हालांकि इस मुद्दे पर हरियाणा इलैक्ट्रीसिटी रैगुलेटरी कमीशन (एच.ई.आर.सी.) भी अपनी आपत्ति दर्ज करवाते हुए बिजली निगमों को फटकार लगा चुका है। प्रदेश में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव दौरान भी यह मुद्दा उठा था।

चुनाव दौरान मुख्यमंत्री ने एफ.एस.ए. को समाप्त करने के भी संकेत दिए थे। अब चुनाव के बाद दूसरी बार सत्ता संभाल रही मनोहर सरकार ने इस मुद्दे पर उपभोक्ताओं को राहत देने की बजाए फिर से एफ.एस.ए. वसूलने को लेकर एक पत्र जारी कर दिया है।

उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा अपने अधीन आते जिलों में तैनात सभी अधिकारियों, फील्ड स्टाफ के अलावा सभी औद्योगिक एसोसिएशन, आर.डब्ल्यू.ए., राइस मिलर एसोसिएशन समेत करीब 4 दर्जन संगठनों के प्रतिनिधियों को एक पत्र जारी करके कहा गया है कि वर्ष 2012 में लागू किए गए नियमानुसार विभिन्न श्रेणियों के उपभोक्ताओं से 37 पैसे प्रति यूनिट एफ.एस.ए. वसूला जाता है। पत्र में कहा गया कि पूर्व निर्धारित नियमानुसार ही आगामी आदेशों तक एफ.एस.ए. वसूला जाएगा इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं है। यह पत्र जारी होने के बाद साफ हो गया है कि हरियाणा के बिजली उपभोक्ताओं को विभागीय खामियों के चलते अभी भी अतिरिक्त बोझ सहना पड़ेगा।

क्या होता है एफ.एस.ए.
बिजली कंपनियां जब भी बिजली की खरीद करती हैं तो उन्हें खरीद से पहले एक प्रस्ताव तैयार करके हरियाणा इलैक्ट्रीसिटी रैगुलेटरी कमीशन को देना पड़ता है। इसमें निगमों द्वारा बिजली की मात्रा तथा खरीद पर आने वाले खर्च का ब्यौरा दिया जाता है। इस बीच बिजली निगम तथा बिजली कंपनियों की कागजी कार्रवाई में समय लग जाता है। जिसके चलते अक्सर बिजली निगमों को एच.ई.आर.सी. को दिए बजट से अधिक राशि में बिजली खरीदनी पड़ती है। यह अतिरिक्त बोझ एफ.एस.ए. के रूप में उपभोक्ताओं से वसूला जाता है। बिजली निगमों की कोताही के कारण हरियाणा के उपभोक्ताओं को औसतन 37 पैसे प्रति यूनिट अतिरिक्त अदायगी करनी पड़ रही है।

पत्र में सीधे स्वीकार नहीं की गई है खामी
उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा जारी पत्र नंबर 32/ एसई/ आर.ए./एन/54/ में कहा गया है कि वर्तमान में उपभोक्ताओं से 37 पैसे प्रति यूनिट की दर से एफ.एस.ए. वसूला जा रहा है। चालू वित्त वर्ष की पहली व दूसरी तिमाही में इसी दर से वसूली की गई है। पत्र जारी करने वाले अधिकारी ने अपने अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वर्तमान में एफ.एस.ए. वृद्धि की कोई योजना नहीं है। इसे पहले की तरह ही वसूला जाए। इस पत्र से साफ होता है कि सरकार एफ.एस.ए. की राशि को समाप्त करने की बजाए बढ़ाने की तरफ भी कार्रवाई कर सकती है।

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