Edited By Isha, Updated: 10 Dec, 2019 04:54 PM
स्मार्ट सिटी की बिजली व्यवस्था स्मार्ट होने जा रही है। बिजली मीटर की रीङ्क्षडग के लिए अब घर-घर चक्कर लगाने की जरूर नहीं पड़ेगी। बिजली निगम के कर्मचारी ऑफिस में बैठकर ही पूरी व्यवस्था पर
करनाल (मनोज): स्मार्ट सिटी की बिजली व्यवस्था स्मार्ट होने जा रही है। बिजली मीटर की रीङ्क्षडग के लिए अब घर-घर चक्कर लगाने की जरूर नहीं पड़ेगी। बिजली निगम के कर्मचारी ऑफिस में बैठकर ही पूरी व्यवस्था पर नजर रखेंगे। किस उपभोक्ता ने कितनी बिजली खपत की इसका पूरा रिकॉर्ड ऑनलाइन होगा। एक क्लिक करते ही स्मार्ट मीटर में लगी चिप से पूरा आंकड़ा सामने होगा। करनाल शहर में नई व्यवस्था लागू करने के लिए काम जारी है।
हरियाणा में कुल 10 लाख मीटर बदले जाएंगे। इसकी शुरूआत सी.एम. सिटी से हो चुकी है। एक लाख मीटर करनाल में चेंज होने हैं। शहर में करीब 35 हजार स्मार्ट मीटर अब तक लग चुके हैं। 62 टीमें इसमें जुटी हैं। अधिकारियों की माने तो मार्च तक काम पूरा कर लिया जाएगा। मीटर बदलने का जिम्मा एल. एंड टी. कम्पनी को सौंपा गया है। आठ साल तक मीटर का रखरखाव भी कम्पनी ही करेगी। उपभोक्ता से न तो मीटर बदलने का चार्ज लिया जाएगा। न ही 8 साल तक मुरम्मत के पैसे उन्हें चुकाने होंगे।
मोबाइल में देख सकेंगे रीडिंग
स्मार्ट मीटरों की सबसे खास बात यह है कि यह चिप बेस्ड होंगे। इनमें जो सिम लगी होगी उससे पूरा डाटा ऑनलाइन होगा। बिजली निगम के अलावा उपभोक्ता भी इस पर नजर रख सकेंगे। उपभोक्ता के पास मीटर का अकाऊंट नंबर होगा। मोबाइल एप के जरिए घर बैठे ही वह रीङ्क्षडग व बिल के बारे में जानकारी हासिल कर सकेंगे। मेल पर बिजली का बिल आएगा। इसके अलावा फोन पर भी बिजली बिल की अमाऊंट का मैसेज पहुंच जाएगा। स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं के पास पहले की तरह बिल भी पहुंचाएं जाएंगे।
इन एरिया में लगे स्मार्ट मीटर
एल. एंड टी. कम्पनी के कर्मचारियों ने सोमवार को सैक्टर-13 एक्सटैंशन में स्मार्ट मीटर लगाए। कई टीमें पूरा दिन इस काम में जुटी रही। इससे पहले सैक्टर-6 से इसकी शुरूआत की गई थी। इसके बाद सैक्टर-7 व 8 के सभी घरेलू मीटरों को बदला गया। सैक्टर-9 व 14 में भी स्मार्ट मीटर लग चुके हैं। अब सैक्टर-13 एक्सटैंशन में काम चल रहा है। जी.टी. रोड के उस पार का पूरा एरिया कम्पनी कवर कर चुकी है।
प्रीपेड सिस्टम अभी नहीं
लोगों में अफवाह है कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद प्रीपेड सिस्टम लागू हो जाएगा। यानि मोबाइल की तर्ज पर यह मीटर काम करेंगे लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। बिजली निगम के अधिकारियों की माने तो पहले की तरह बिल सिस्टम ही लागू रहेगी। हां, इन मीटर की खासियत यह है कि इनमें प्रीपेड सिस्टम शुरू करने का ऑप्शन जरूर है। इसकी जरूरत महसूस हुई तो मीटर को बदलने की बजाय इनसे ही काम चल जाएगा।
जिले में 16 सब-डिवीजन
जिले में बिजली निगम की 16 सब-डिवीजन हैं। जबकि एक सब ऑफिस है। करनाल के शहरी एरिया को 5 सब-डिवीजन में बांटा गया है। करनाल एरिया में 1.20 लाख बिजली उपभोक्ता हैं। इनमें एक लाख घरेलू मीटर हैं। बाकी कमॢशयल उपभोक्ता हैं। फिलहाल केवल घरेलू मीटरों को स्मार्ट बनाया जा रहा है।