Edited By Isha, Updated: 14 May, 2021 01:07 PM
कोरोना वायरस ने ईद उल फितर की खुशियों को फीका कर दिया। मुसलमानों के सबसे बड़े त्यौहार ईद पर ना तो मुस्लिम समाज के लोग ईदगाह में एक साथ नमाज पढ़ सके और ना ही नए कपड़ों में इस बार लोग नजर आए
नूंह मेवात(एे.के. बघेल): कोरोना वायरस ने ईद उल फितर की खुशियों को फीका कर दिया। मुसलमानों के सबसे बड़े त्यौहार ईद पर ना तो मुस्लिम समाज के लोग ईदगाह में एक साथ नमाज पढ़ सके और ना ही नए कपड़ों में इस बार लोग नजर आए । लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए ज्यादातर मुस्लिम समाज के लोगों ने अपने घरों में ही ईद की नमाज अदा की । मुस्लिम समाज के लोग इस बार ईद के अवसर पर ना तो एक दूसरे के गले मिल सके और ना ही एक दूसरे के घर टोलियां बनाकर सेवई व खीर इत्यादि लजीज व्यंजन खाने के लिए नहीं जा सके ।
कुल मिलाकर लोगों ने ईद उल फितर के त्यौहार पर सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए अपने घरों में ही नमाज पढ़ी । इतना जरूर है कि नमाज के दौरान हर मुसलमानों ने कोरोना महामारी से इलाके व प्रदेश तथा देश को महफूज रखने की दुआ मांगी। मुसलमानों ने दोनों हाथ फैला कर अल्लाह से इस पवित्र त्यौहार पर दुआ मांगी कि जो लोग कोरोना पॉजिटिव हैं व जल्द स्वस्थ होकर अपने घर लौटे और जिनको कोरोना नहीं हुआ है । उनसे कोरोना दूर रहे । कुल मिलाकर देश कोरोना की वजह से बुरे दौर से गुजर रहा है । लगातार केस बढ़ रहे हैं और लाखों लोगों की जान अब तक जा चुकी है । वैसे इस बार सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया भर में ईद उल फितर के त्यौहार को उस हर्षोल्लास के साथ नहीं बनाया जा सका , जो बीते सालों में देखने को मिलता था ।
इस बार रमजान के महीने में इससे पहले बाजारों में जो रौनक दिखती थी, जमकर खरीदारी होती थी। ऐसा नजारा भी अब की बार देखने को नहीं मिला । लोगों ने अपने घरों में ही नमाज पढ़ी और अपने बच्चों के साथ ही ईद के पर्व की खुशियों को साझा किया। मुसलमानों ने सरकार व सिस्टम के नियमों का पालन करते हुए कोरोना से जंग जीतने में अपना भरपूर सहयोग ईद उल फितर जैसे बड़े त्यौहार पर देने का काम किया है। खास बात यह रही इन दिनों भीषण गर्मी को देखते हुए लोगों ने सुबह 6 बजे से ही पारा बढ़ने से पहले ईद की नमाज अदा करनी शुरू कर दी।
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