Edited By Isha, Updated: 30 Nov, 2019 01:45 PM
जिले के लोगों को सरकार की तरफ से कितनी सस्ती व उनके नजदीक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विभाग में 187 मैडीकल आफिसर.......
हिसार (रमनदीप) : जिले के लोगों को सरकार की तरफ से कितनी सस्ती व उनके नजदीक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विभाग में 187 मैडीकल आफिसर के पदों में से आधे से ज्यादा 98 पद खाली हैं। डाक्टर्स की कमी झेल रहे स्वास्थ्य विभाग के खुद के हालात इस कदर खराब हैं कि कई पी.एच.सी. व सी.एच.सी. बंद कर दी गई हैं। अब इन स्वास्थ्य सैंटर्स को पोलियो की दवाई पिलाने व गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण के लिए प्रयोग किया जा रहा है।
इन पी.एच.सी. व सी.एच.सी. के एरिया में अगर किसी को मामूली चोट भी लग जाए तो यहां उसका कोई इलाज उपलब्ध नहीं है। स्वास्थ्य विभाग में डिप्टी सिविल सर्जन के 8 में से 2, एस.एम.ओ. के 16 में से 11 व मैडीकल अफसर के 187 में से 98 पद खाली हैं। जिले के लोगों को नजदीक में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से 28 प्राइमरी हैल्थ सैंटर व 9 सामुदायिक हैल्थ सैंटर का निर्माण किया गया है।
हैरानी की बात है ग्रामीण एरिया कि इन पी.एच.सी. में से 4 में एक भी डाक्टर नहीं हैं। तलवंडी रुक्का, धांसू, बिचपड़ी व काजलां ऐसी सी.एच.सी. हैं जहां 8 पदों पर एक भी डाक्टर नहीं है। इसके अलावा खांडाखेड़ी सी.एच.सी. में 6 पदों पर सिर्फ 2 डाक्टर हैं। जिले के उकलाना, मिर्चपुर, सोरखी, सीसवाल सी.एच.सी. में मैडीकल अफसर के 28 में से 18 पद खाली हैं।
बरवाला, नारनौंद के नागरिक अस्पताल में भी40 की बजाय सिर्फ 5 डाक्टर
बरवाला के नागरिक अस्पताल, नारनौंद के नए बने अस्पताल में भी स्वास्थ्य सेवाओं के हालात बदतर हैं। दोनों जगहों पर अस्पताल तो बन चुके हैं, लेकिन अभी तक यहां पर डाक्टर्स की तंगी है। बरवाला के नागरिक अस्पताल में 11 पद हैं और वहां पर सिर्फ 1 डाक्टर ड्यूटी देता है। इसके अलावा नए बने नारनौंद नागरिक अस्पताल में 29 पदों पर सिर्फ 4 डाक्टर ड्यूटी दे रहे हैं। बरवाला व नारनौंद दोनों जगह हिसार के रिमोट एरिया में पड़ते हैं इसके बावजूद यहां पर स्वास्थ्य सेवाओं की हालत में कोई सुधार नहीं किया जा रहा।