Edited By Deepak Paul, Updated: 07 Jul, 2018 12:25 PM
हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की चेयरपर्सन ज्योति बैंदा ने महिला एवं बाल विकास विभाग को परामर्श देते हुए कहा कि वे जेल में रह रहे बच्चों के लिए समय-समय पर सी.डी.पी.ओ. व आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ताओं की ड्यूटी लगाएं ताकि वे बच्चों को रहन-सहन,...
चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की चेयरपर्सन ज्योति बैंदा ने महिला एवं बाल विकास विभाग को परामर्श देते हुए कहा कि वे जेल में रह रहे बच्चों के लिए समय-समय पर सी.डी.पी.ओ. व आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ताओं की ड्यूटी लगाएं ताकि वे बच्चों को रहन-सहन, उठना-बैठना, बोलना इत्यादि का प्रशिक्षण दे सकें। जिला बाल संरक्षण अधिकारियों व कारागार के प्रतिनिधियों को परामर्श देते हुए कहा कि जेलों में रह रही महिला कैदियों व उनके बच्चों की विस्तृत जानकारी एक महीने के अंदर भिजवाना सुनिश्चित करें।
यह निर्देश उन्होंने आज पंचकूला में हरियाणा आवास बोर्ड के सभागार में महिला कैदियों के बच्चे और उनकी परिस्थितियों के विषय पर आयोजित सैमीनार में दिए। महानिरीक्षक जेल जगजीत सिंह ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 19 जेलें हैं और 15 जेलों में महिला वार्ड हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा की कारागार में 732 महिला कैदी हैं और इनमें उनके साथ 45 बच्चे रह रहे हैं।