Edited By vinod kumar, Updated: 14 Apr, 2021 11:00 PM
हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि आंदोलन करने का अधिकार हमारा संविधान देश के हर व्यक्ति को देता है, लेकिन आंदोलन की ओट में कानून हाथ में लेना और व्यवस्था को बिगाड़ने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। कुछ लोग बेवजह देश का माहौल खराब...
रेवाड़ी (योगेंद्र सिंह): हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि आंदोलन करने का अधिकार हमारा संविधान देश के हर व्यक्ति को देता है, लेकिन आंदोलन की ओट में कानून हाथ में लेना और व्यवस्था को बिगाड़ने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। कुछ लोग बेवजह देश का माहौल खराब करने की नियति से लगातार साजिश बनाकर काम कर रहे हैं।
सरकुलर रोड अंबेडकर चौक पर सोमवार को उप-मुख्यमंत्री ने 350 किलो वजनी कांस्य प्रतिमा के अनावरण अवसर पर पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों का विरोध करने वालों को सरकार कुछ भी नहीं कह रही। वह अपना काम कर रहे तो सरकार अपना, लेकिन प्रदेश की शांति को बनाए रखना भी प्रदेश सरकार का दायित्व है। उन्होंने कहा कि किसान शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं और सरकार भी उनके रास्ते में कोई खलल नहीं डाल रही। दूसरी ओर कुछ लोग किसानों को गुमराह करने में लगे हैं। यही लोग शांति व्यवस्था को भंग करने के लिए तरह-तरह की साजिश रचकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। यह सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी।
स्कूल खोले तो संचालकों पर होगी कार्रवाई
उन्होंने कहा कि कोराना की भयावह स्थिति के चलते ही स्कूल बंद करने का निर्णय सरकार ने लिया है। सैनिक स्कूल कुंजपुरा में एक साथ डेढ़ सौ से अधिक बच्चे कोरोना संक्रमित पाए गए थे और इसी के चलते सरकार ने आठवीं तक के स्कूल तीस अप्रैल तक बंद करने का निर्णय लिया है। इन छुट्टियों को ग्रीष्मकालिन अवकाश में समायोजित किया जाएगा। बावजूद यदि सरकार के आदेश के बाद भी किसी ने स्कूल खोले और बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने का प्रयास किया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
कोराना गाइड लाइन की उड़ी धज्जियां
उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला रेवाड़ी आए तो आम लोगों के साथ ही जजपा कार्यकर्ता सभी कोविड-19 की गाइड लाइन भूल गए। लगा कि जैसे देश में कोराना जैसी कोई बीमारी ही नहीं है। नेताओं से लेकर अधिकारियों ने आधे-अधूरे मास्क लगा रखे थे। किसी के कान में मास्क था लेकिन मुंह-नाक खुली थी। ऐसे लोगों की तादात भी काफी थी जिनके पास से मास्क ही नजर नहीं आ रहे थे। पुलिस से लेकर कई अधिकारी भी बिना मास्क नजर आए। इसी के चलते लोग सवाल उठाते हैं कि आम आदमी के मास्क नहीं होने पर प्रशासन चालानी कार्रवाई करता है लेकिन जब नेता और उनके समर्थक इसका पालन नहीं करते तो अधिकारियों क्यों आंख बंद कर लेते हैं।
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