Edited By Isha, Updated: 09 Dec, 2020 02:41 PM
हरियाणा के उपमुख्यमंत्री और जजपा प्रमुख दुष्यत चौटाला गजब धर्मसंकट में फंस गए हैं। उनके सामने संकट है कि किसानों का साथ दें या कुर्सी बचाएं।
डेस्कः हरियाणा के उपमुख्यमंत्री और जजपा प्रमुख दुष्यत चौटाला गजब धर्मसंकट में फंस गए हैं। उनके सामने संकट है कि किसानों का साथ दें या कुर्सी बचाएं। दरअसल किसान आंदोलन तेज होता जा रहा है और सरकार के अड़ियल रवैये के चलते फिलहाल किसानों और सरकार के बीच कोई आम सहमति बनती नजर नहीं आ रही है, ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि किसान आंदोलन पूरे देश में और तेज होगा। ऐसे में दुष्यंत चौटाला पर दबाव बढ़ता जा रहा है कि वे कुर्सी को लात मारकर किसानों का साथ दें। आज सुबह से ट्विटर पर ट्रेंड हो रहा है #दुष्यंत_किसान_या_कुर्सी । आइए देखते हैं लोग ट्विटर पर क्या कह रहे हैं।
— Joban Randhawa (@iJobanRandhawa) December 9, 2020
केंद्र सरकार के तीन नए कृषि बिलों के खिलाफ करीब दो सप्ताह से किसानों का प्रदर्शन जारी है। किसानों और सरकार के बीच इस मुद्दें पर पांच चरण में वार्ता हो चुकी है मगर कोई समाधान नहीं निकला। किसानों ने सरकार से संसद का विशेष सत्र बुलाकर इन बिलों को वापस लेने की मांग की है। Indian State Police attacked women, children, and elderly yesterday in Chandigarh who were peacefully protesting and participating in Bharat Band Protest.
We must remain on alert in Delhi as well.#दुष्यंत_किसान_या_कुर्सी#TakeBackFarmLaws pic.twitter.com/HbFxWmLeww
— #ਮੈਂ_ਵੀ_ਕਿਸਾਨ (@farmer_kisan) December 9, 2020
अपनी मांग के समर्थन में अन्नदाताओं ने आज यानी 9 दिसंबर को भारत बंद बुलाया था। कृषि बिलों पर हरियाणा और पंजाब के किसान केंद्र सरकार के खिलाफ सबसे अधिक हमलावार हैं। इन सब के बीच जजपा प्रमुख और हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने किसान आंदोलन पर चुप्पी साध रखी है।
प्रदेशभर के लोग लगातार भाजपा और जजपा इस मुद्दे पर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। हालांकि दुष्यंत के छोटे भाई दिग्विजय चौटाला और पिता अजय चौटाला किसान प्रदर्शन के चलते डैमेज कंट्रोल की पूरी कोशिश में जुटे हैं।