दुष्यंत, अनिल विज मानहानि मुकद्दमा: कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं

Edited By Isha, Updated: 20 Nov, 2019 03:11 PM

dushyant anil vij defamation case no one is ready to back down

नई हरियाणा सरकार के 2 शीर्ष और सबसे शक्तिशाली मंत्री कानूनी लड़ाई में बंद हैं जिसमें से कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला राज्य के नए गृह मंत्री अनिल विज के खिलाफ मानहानि के मुकद्दमे को अपने ताॢकक

डेस्कः नई हरियाणा सरकार के 2 शीर्ष और सबसे शक्तिशाली मंत्री कानूनी लड़ाई में बंद हैं जिसमें से कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला राज्य के नए गृह मंत्री अनिल विज के खिलाफ मानहानि के मुकद्दमे को अपने तार्किक निष्कर्ष पर ले जाने पर अड़े हैं जबकि विज भी एक कदम पीछे हटने के मूड में नहीं हैं।

विधानसभा के वरिष्ठ सदस्य हैं विज
राज्य के मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बाद दुष्यंत उप-मुख्यमंत्री जबकि अनिल विज को गृह मंत्रालय के साथ सबसे महत्वपूर्ण विभाग भी मिला है। विज हरियाणा में अम्बाला छावनी से 6 बार विधायक रहे व वर्तमान में राज्य के सबसे वरिष्ठ भाजपा नेता हैं। वह बेरी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के रघुवीर सिंह कादियान के साथ हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा के 2 सबसे वरिष्ठ सदस्यों में से हैं जो 6 बार सदन के सदस्य भी रहे हैं। विज कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के प्रभारी भी हैं जिसे भाजपा व जजपा द्वारा अपने संबंधित घोषणापत्रों में किए गए वायदों को चुनकर ड्राफ्ट करने की आवश्यकता है। तब राज्य सरकार सी.एम.पी. दस्तावेज के आधार पर अगले 5 वर्षों के लिए आगे बढ़ेगी।

क्या है मामला 
पिछले साल दुष्यंत ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग में एक घोटाले का आरोप लगाया था, जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए विज ने कथित रूप से दुष्यंत के खिलाफ एक आपत्तिजनक व्यक्तिगत टिप्पणी की थी। इसके बाद दुष्यंत, जो उस समय हिसार से सांसद थे, ने हरियाणा के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री विज के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकद्दमा दायर किया था। दुष्यंत की शिकायत अनुसार विज ने अप्रैल में मीडिया को दिए अपने बयान में कहा था, ‘‘दुष्यंत चौटाला जिस क्षेत्र में आते हैं, वहां नशीली दवाओं का दुरुपयोग होता है। मुझे लगता है कि उसने भी ड्रग्स लेना शुरू कर दिया है और उसे किसी नशामुक्ति केंद्र में जाना चाहिए।’’ पिछले साल 14 अगस्त से मामले में हिसार की सत्र अदालत में 12 सुनवाई हुई हैं जबकि दुष्यंत ने पहले ही अपने ‘‘प्रारंभिक साक्ष्य’’ और शिकायतकत्र्ता पक्ष के 2 गवाहों के बयान भी अदालत द्वारा दर्ज किए हैं, यह मामला अब अदालत में ‘‘अभियुक्तों को बुलाने’’ तक पहुंच गया है। हालांकि दुष्यंत ने अदालत से अपनी निजी उपस्थिति की छूट मांगी है।

अब तक की कार्रवाई
15 नवम्बर को मामले की अंतिम सुनवाई हुई और दुष्यंत ने व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट मांगी जो उस दिन के लिए ही दी गई थी। अभियुक्त को बुलाने के ङ्क्षबदु पर बहस के लिए मामला तय किया गया था। इस स्तर पर शिकायतकत्र्ता की ओर से व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट के लिए एक आवेदन उसके वकील के माध्यम से दायर किया गया है। आवेदन में वॢणत आधारों को देखते हुए छूट दी गई है। न्यायिक मैजिस्ट्रेट, प्रथम श्रेणी वर्षा जैन ने 15 नवम्बर को आदेश दिया था कि अब मामले को अभियुक्तों के सम्मन बहस के लिए 7 फरवरी, 2020 तक स्थगित कर दिए गए हैं। इससे पहले 19 सितम्बर को जब इस मामले को उठाया गया था तब अदालत ने आदेश दिया था कि  मामला सुनवाई की दलीलों के लिए तय किया गया था। शिकायतकत्र्ता दुष्यंत की ओर से व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट के लिए एक आवेदन उनके वकील के माध्यम से दायर किया गया है। आवेदन में उल्लिखित आधार को देखते हुए केवल आज के लिए व्यक्तिगत उपस्थिति से उपरोक्त नामित शिकायतकत्र्ता को छूट दी गई है और मामले की अगली तारीख 18 अक्तूबर दी गई। हालांकि, 18 अक्तूबर को, क्योंकि जे.एम.आई.सी. छुट्टी पर था, मामले की सुनवाई 15 नवम्बर के लिए तय की गई थी।

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