भारी बिलों के कारण काटनी पड़ रही थी कई गौशालाओं की बिजली, अब इस तरीके से हो रही है रोशन

Edited By Isha, Updated: 26 Dec, 2019 10:36 AM

due to heavy bills many gaushalas had to be cut

हरियाणा अक्षय ऊर्जा विकास एजैंसी और हरियाणा गौ सेवा आयोग सोलर पावर प्लांट्स लगा रहा है जिससे गौशालाएं रोशन हो रही हैं। एक गौशाला को 5 किलोवाट सौर ऊर्जा से रोशन करने पर अमूमन 5

चंडीगढ (अर्चना सेठी): हरियाणा अक्षय ऊर्जा विकास एजैंसी और हरियाणा गौ सेवा आयोग सोलर पावर प्लांट्स लगा रहा है जिससे गौशालाएं रोशन हो रही हैं। एक गौशाला को 5 किलोवाट सौर ऊर्जा से रोशन करने पर अमूमन 5 लाख 30 हजार का खर्च आता है परंतु गौशाला प्रबंधन को सिर्फ 10 प्रतिशत का खर्च देना होता है। 10 प्रतिशत गौ सेवा आयोग और 80 प्रतिशत वित्तीय सहयोग अक्षय ऊर्जा विकास विभाग द्वारा किया जाता है। 80 प्रतिशत खर्च में 50 प्रतिशत केंद्र और 30 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा दिया जाता है। 

अधिकारियों की मानें तो अम्बाला,यमुनानगर, पंचकूला, हिसार, सिरसा, जींद, कैथल, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, सोनीपत, रोहतक, झज्जर, गुरुग्राम और फतेहाबाद जिलों की 335 गौशालाओं में सोलरपावर प्लांट्स लगा दिए गए हैं। हालांकि 12 करोड़ के प्रोजैक्ट में 278 गौशालाओं में प्लांट्स लगाए जाने थे परंतु टैंडर के कम दामों की वजह से 57 अतिरिक्त गौशालाएं रोशन हो सकी।

2020 तक रोशन होंगी सारी गौशालाएं
हरियाणा गौ सेवा आयोग के महासचिव डा. कल्याण सिंह का कहना है कि दूसरे चरण का काम भी जल्द शुरू कर दिया जाएगा। वर्ष 2020 में लगभग सभी गौशालाएं सौर ऊर्जा से रोशन हो जाएंगी। पहले फेज में 278 की बजाय 335 गौशालाओं में प्लांट्स लगा दिए गए थे। अब बाकी की गौशालाओं में प्लांट्स लगा दिए जाएंगे। आयोग चाहता है कि हरियाणा की एक भी गौशाला अंधेरे में न रहे। गौशालाओं को यूं भी नियमित तौर पर ग्रांट दी जाती है, ताकि काम अच्छे से हो सके।  

बिजली कनैक्शन लेने पर ही लग सकेगा प्लांट
हरियाणा में करीब 578 गौशालाएं हैं जबकि गौ सेवा आयोग तहत 522 रजिस्टर्ड हैं। आयोग के अधिकारी का कहना है कि गैर रजिस्टर्ड गौशालाएं आवेदन देती हैं तो उनमें भी प्लांट्स लगा दिए जाएंगे। सूत्रों का कहना है कि बिजली बिल नहीं भरने पर 10 गौशालाओं के कनैक्शन काट दिए गए थे। दूसरे चरण के प्रोजैक्ट पर भी 12 करोड़ का खर्च आएगा। इसके तहत बची गौशालाओं में प्लांट्स लगा दिए जाएंगे। बिजली कनैक्शन वापस लेने वाली गौशालाएं भी प्लांट्स लगवा सकेंगी।

आधा रह जाएगा बिजली का खर्च
गौशाला संचालक का कहना है कि 12 से 13 हजार रुपए मासिक बिजली का खर्च आता है। रोशनी के अलावा बिजली का इस्तेमाल चारा काटने की मशीन, ट्यूबवैल से पानी निकालने के लिए लगाई 3 फेज की मोटर और दलिया दलने की मशीन को चलाने के लिए किया जाता है। गौशाला पर बिजली के बोझ से घबराकर कई संचालक कुंडी कनैक्शन ले लेते हैं। अब गौशालाएं सोलर पावर प्लांट लगा लेंगी तो बिजली खर्च में 50 फीसदी कमी आएगी।

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