Edited By vinod kumar, Updated: 09 Dec, 2019 05:46 PM
आशुतोष गोवारिकर की फिल्म पानीपत को लेकर हरियाणा-राजस्थान में संग्राम शुरू हो गया है। फिल्म में भरतपुर के संस्थापक महाराजा सूरजमल को लालची शासक के रूप में दर्शाने का विरोध करते हुए भरतपुर में लोग सड़कों पर उतर आए। राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे,...
पानीपत: आशुतोष गोवारिकर की फिल्म पानीपत को लेकर हरियाणा-राजस्थान में संग्राम शुरू हो गया है। फिल्म में भरतपुर के संस्थापक महाराजा सूरजमल को लालची शासक के रूप में दर्शाने का विरोध करते हुए भरतपुर में लोग सड़कों पर उतर आए। राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, महाराजा सूरजमल के वंशज व पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र, सांसद हनुमान बेनीवाल, रोहतक के पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा सहित कई लोगों ने फिल्म पर बैन की मांग की है।
फिल्म में महाराजा सूरजमल को मराठा पेशवा सदाशिव राव से संवाद के दौरान इमाद को दिल्ली का वजीर बनाने व आगरा का किला उन्हें सौंपे जाने की मांग करते दिखाया गया है। इस पर मराठा पेशवा सदाशिव राव आपत्ति जताते हैं और अहमदशाह अब्दाली के खिलाफ युद्ध में साथ देने से सूरजमल इनकार कर देते हैं। सूरजमल को हरियाणवी भाषा व राजस्थानी भाषा के टच में भी दिखाया है।
सूरजमल के वंशज विश्वेंद्र सिंह बोले- हमने तो मदद की थी
राजस्थान के मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि वे महाराजा सूरजमल जाट की 14वीं पीढ़ी से हैं। पेशवा व मराठा जब पानीपत युद्ध हारकर घायलावस्था में लौट रहे थे, तब महाराजा सूरजमल व महारानी किशोरी ने 6 माह तक मराठा सेना व पेशवाओं को अपने यहां पनाह दी थी। खांडेराव होलकर की मृत्यु भी भरतपुर की तत्कालीन राजधानी कुम्हेर में ही हुई।