चर्चाएं थी रिहा होने की, ठुकवा दिया ‘ताला'

Edited By Isha, Updated: 06 Dec, 2019 10:39 AM

discussions were about to be released rejected  lock

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के तेजा खेड़ा स्थित फार्म हाउस के एक हिस्से को अटैच करने से हरियाणा व साथ लगते राज्यों का राजनीतिक माहौल गर्माया हुआ है। दूसरे दिन भी चारों ओर

पानीपत(खर्ब): हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के तेजा खेड़ा स्थित फार्म हाउस के एक हिस्से को अटैच करने से हरियाणा व साथ लगते राज्यों का राजनीतिक माहौल गर्माया हुआ है। दूसरे दिन भी चारों ओर प्रदेश में पड़े छापों को लेकर चौटाला व हुड्डा की ही चर्चा रही। ओम प्रकाश चौटाला व भूपेंद्र सिंह हुड्डा के ऊपर प्रवर्तन निदेशालय, सी.बी.आई. आदि की बढ़ती जा रही जांचों से प्रदेश के क्षेत्र विशेष में भी चर्चाएं शुरू हो गईं कि यह सब राजनीतिक दुर्भावना को लेकर किया जा रहा है।

वहीं कई दिनों से पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की जेल से रिहाई की चर्चाएं उनके समर्थकों में चल रही थीं। चौटाला को जे.बी.टी. भर्ती मामले में 10 साल की सजा हुई थीं जिसमें से वह करीब 7 साल से ज्यादा की सजा काट चुके है। केंद्र सरकार द्वारा बुजुर्ग व दिव्यांग कैदियों की सजा में रियायत करते हुए कुछ छूट दी गई थी। चौटाला ने भी उसी छूट को आधार बनाते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय में रिहा करने की याचिका दायर की हुई है। 

उनकी तरफ से वकीलों ने पक्ष रखा है कि चौटाला की उम्र 83 साल के करीब हो चुकी है तथा वह दिव्यांग की श्रेणी में भी आते हैं इसके अलावा भ्रष्टाचार की जिस धारा को आधार बनाकर सरकार विरोध कर रही है उस धारा में भी चौटाला 7 साल की सजा पूरी कर चुके हैं। ऐसे में उनको रिहाई का हक बनता है। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा हुआ है,जिसमें कभी भी फैसला आ सकता है। इसलिए चौटाला समर्थकों में उनके रिहा होने की चर्चाएं चल रही हैं,लेकिन इस चर्चा के बीच ही प्रवर्तन निदेशालय ने चौटाला परिवार से संबंधित तेजा खेड़ा फार्म हाउस के नए बने एक हिस्से को अटैच करके ताला लगा दिया है तथा पंचकूला में भी कोठी नंबर 6 को सील कर दिया है। इससे कार्यकत्र्ताओं में मायूसी भी है तथा खुलकर कह रहे हैं कि यह सब राजनीति को लेकर किया जा रहा है। समर्थकों में चर्चा है कि चौटाला के रिहा होने का समय आ रहा था लेकिन सरकार ने फार्म हाऊस पर ही ताला ठोक दिया है।‘

रिहाई वाले मामले से कुछ लेना-देना नहीं ,दोनों मामले हैं अलग’
दूसरी ओर प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से कहा गया है कि ओम प्रकाश चौटाला,अजय चौटाला व अभय चौटाला से संबंधित जिन संपत्तियों को सील किया गया है उन सभी मामलों में जांच पहले से ही चल रही थी। इन संपत्तियों को लेकर ई.डी. ने नोटिस भी भेजा था जिसके बाद छानबीन कर इन संपत्तियों को सील किया गया है। तेजा खेड़ा फार्म हाउस के जिस हिस्से को सील किया गया है इस कार्रवाई का ओम प्रकाश चौटाला की रिहाई वाले मामले से कोई लेना-देना नहीं है।

चौटाला के वकीलों ने जे.बी.टी. भर्ती मामले में सजायाफ्ता चौटाला को कानूनी आधार पर रिहा करने की मांग रखी है। वहीं सील की संपत्तियों वाला मामला आय से अधिक संपत्ति का दूसरा मामला है। हालांकि रिहाई का विरोध करने वाले सरकारी वकील इस मामले को अदालत में उठा सकते थे लेकिन अदालत पहले ही बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख चुकी है। यदि अदालत से ओमप्रकाश चौटाला को रिहाई के आदेश मिल गए तो यह इनैलो के लिए एक नया उदय होने के समान होगा। ओमप्रकाश चौटाला के बाहर होने से इनैलो पार्टी वर्कर में कितना बदलाव आ सकता है यह आने वाला समय ही बताएगा। 

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