जांच रिपोर्ट में खुलासा: डेढ़ साल पहले लापरवाही से मरीज की मौत, चिकित्सक पर केस दर्ज

Edited By Deepak Paul, Updated: 27 Jul, 2018 11:49 AM

disclosure in the investigation report half a year ago

आई.टी.आई. चौक के नजदीक स्थित एक प्रतिष्ठित अस्पताल के चिकित्सक और नॄसग स्टाफ के खिलाफ पुलिस ने एक महिला मरीज की इलाज के दौरान लापरवाही बरतने से हुई मौत के मामले में केस दर्ज किया है। यह मामला जनवरी 2017 का है। केस को लेकर जांच हुई थी। जांच रिपोर्ट...

हिसार(पंकेस): आई.टी.आई. चौक के नजदीक स्थित एक प्रतिष्ठित अस्पताल के चिकित्सक और नॄसग स्टाफ के खिलाफ पुलिस ने एक महिला मरीज की इलाज के दौरान लापरवाही बरतने से हुई मौत के मामले में केस दर्ज किया है। यह मामला जनवरी 2017 का है। केस को लेकर जांच हुई थी। जांच रिपोर्ट में चिकित्सक और नॄसग स्टाफ को दोषी माना गया। जांच रिपोर्ट के आधार पर अब सिविल लाइन पुलिस ने कार्रवाई करते हुए केस दर्ज कर मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है। अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी की सूचना नहीं है। 
 

छाती में दर्द होने पर ले गए थे अस्पताल
इस संबंध में डिफैंस कालोनी में रहने वाले अमरलाल ने सिविल सर्जन और अन्य जगहों पर शिकायत दी थी। इन शिकायत के आधार पर एक जांच कमेटी बनाई गई। उस जांच कमेटी में दी गई शिकायत में अमरलाल ने कहा था कि 8 जनवरी 2017 को उसकी 65 वर्षीय पत्नी को अचानक छाती में दर्द हुआ और उल्टियां आने लगी। इसके बाद उसे आई.टी.आई. चौक के नजदीक एक निजी अस्पताल में लेकर गया।  वहां आपातकाल विभाग में मौजूद चिकित्सक नवदीप और नॄसग स्टाफ को मरीज की हालत बारे बताया लेकिन चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ मरीज की हालत गंभीर होने के बावजूद गौर नहीं किया। इलाज शुरू करने की बजाय एक फार्म भरने को कहा।

चिकित्सक को दोबारा से अपील की कि आप मरीज की हालत को देखते हुए इलाज शुरू कर दो। हालांकि यह कहने के बाद चैकअप जरूर किया। उस समय मरीज की हार्ट बीट -41, बी.पी. 100/60, ऑक्सीजन लैवल 85 प्रतिशत और शूगर 419 थी। यह सब होने के बावजूद चिकित्सक ने इलाज शुरू नहीं किया। 

बैड खाली नहीं होने की कही थी बात
करीब एक घंटा समय बीतने के बाद चिकित्सक ने कहा कि मरीज की हालत गंभीर है इसलिए दूसरे निजी अस्पताल में ले जाओ। यहां आपातकाल विभाग में कोई बैड खाली नहीं है। दोहता संदीप ने चिकित्सक से अपील की कि आप यहीं पर इलाज कर दो। हम किसी दूसरे अस्पताल में इस हालत में नहीं ले जा सकते। इसके बाद चिकित्सक ने मरीज को डिस्चार्ज कर दिया। इसके बाद जब दूसरे निजी अस्पताल में मरीज को ले जाया गया तो चिकित्सक ने चैकअप करके बताया कि मरीज की सारी नसें बंद हैं। वहां से हार्ट विशेषज्ञ के पास मरीज को ले जाने को कहा गया। जब तीसरे अस्पताल में गए तो वहां पर बताया गया कि मरीज को दिमाग में अटैक के साथ हार्ट अटैक आ गया इसलिए किसी मल्टी स्पैशलिस्ट अस्पताल में ही इलाज संभव है।
 

शिकायत में कहा गया कि मरीज को वापस पहले वाले ही अस्पताल में ले जाया गया। वहां पर हार्ट विशेषज्ञ डा. भारद्वाज ने इलाज शुरू किया लेकिन काफी कोशिश करने के बावजूद मरीज को बचाया नहीं जा सका। शिकायत में आरोप लगाया गया कि डा. नवदीप ने जान-बूझकर समय पर ई.सी.जी. नहीं की, जिससे बीमारी का पता चल सके। यही नहीं अस्पताल में बैड होने के बावजूद पहले मरीज को डिस्चार्ज कर दिया। 
 

शिकायत में आरोप लगाया गया कि डा. नवदीप और नॄसग स्टाफ की लापरवाही की वजह से मरीज की जान गई। शिकायत में कहा गया कि उस समय अस्पताल प्रबंधक ने चिकित्सक और नॄसग स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था लेकिन कोई जांच रिपोर्ट शिकायतकत्र्ता को उपलब्ध नहीं करवाई। यह शिकायत हिसार सिविल सर्जन को भी भेजी गई। अब सिविल लाइन थाना पुलिस ने आरोपी डाक्टर व स्टाफ के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

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