Edited By vinod kumar, Updated: 07 Mar, 2020 02:43 PM
हरियाणा के जेजेपी-भाजपा गठबंधन सरकार के कार्यकाल में ब्राह्मणों को दोहली की जमीन का मालिकाना हक देने का फैसला बदल दिए जाने पर जमकर राजनीति हो रही है। सत्तापक्ष जहां अपने फैसले को सही बता रहा है, वहीं विपक्ष इस फैसले को ब्राह्मण विरोध होने की बात कह...
झज्जर(प्रवीण): हरियाणा के जेजेपी-भाजपा गठबंधन सरकार के कार्यकाल में ब्राह्मणों को दोहली की जमीन का मालिकाना हक देने का फैसला बदल दिए जाने पर जमकर राजनीति हो रही है। सत्तापक्ष जहां अपने फैसले को सही बता रहा है, वहीं विपक्ष इस फैसले को ब्राह्मण विरोध होने की बात कह रहा है। इसी बीच दिग्विजय चौटाला ने अपनी प्रतिक्रया देते हुए कहा कि सच्चाई तो यह है कि हुड्डा राज में इस फैसले का लाभ केवल चहेतों को ही मिल पाया था, गरीब आदमी को नहीं।
उन्होंने कहा कि हुड्डा राज में 912 एकड़ के करीब पंचायती जमीन पर दोहली की जमीन का मालिकाना हक देने पर लाभ पहुंचाया गया। लेकिन, गठबंधन सरकार इस मामले में व्यक्ति विशेष से छेड़छाड़ नहीं कर रही है। सिर्फ पंचायती जमीन पर यदि किसी का कब्जा है तो वह सरकार छुड़ाने का प्रयास कर रही है।
जेजेपी की महिला विंग की जिलाध्यक्ष बबीता पूनिया के आवास पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने दीपेंद्र हुड्डा के उस बयान को लेकर भी पलटवार किया जिसमें दीपेंद्र ने जेजेपी के भाजपा को समर्थन देने पर इसे समपर्ण बताया था। कहा कि सच्चाई तो यह है कि दीपेन्द्र अपने पिता के सीएम नहीं बनने पर दुखी है और यहीं वजह है कि उनकी तकलीफ वाजिब है। यदि यहीं गठबंधन कांग्रेस से जेजेपी कर लेती तो दीपेन्द्र की नजर में समपर्ण नहीं होता।
उन्होंने कहा कि सौ दिन के कार्यकाल में गठबंधन सरकार ने इतने काम कर दिए है जिनमें से काफी दोनों पार्टियों के घोषणा पत्र में थे। जब इस गठबंधन सरकार का कार्यकाल पूरा होगा तो हरियाणा में इतना काम कर दिए जाएगें जिससे की कांग्रेस का भविष्य पूरी तरह से अंधकारमय हो जाएगा। कॉमन मीनिमम प्रोग्राम पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए दिग्विजय चौटाला ने कहा कि कुछ पर सहमति हो गई है और कुछ पर सहमति होनी शेष है।
बढ़ रहे नशे पर भी चिंता जताई और कहा कि जल्द ही हरियाणा सरकार कोई ऐसा फैसला लेने वाली है जोकि इस नशे की रोकथाम पर दूरगामी परिणाम देगा। इस मौके पर जिलाध्यक्ष राकेश जाखड़, प्रदेश प्रवक्ता अजय गुलिया, जिला प्रैस प्रवक्ता प्रीतम कुकडौला, संजय कबलाना, उपेन्द्र कादयान सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता व कार्यकर्ता उपस्थित थे।