Edited By Isha, Updated: 28 Dec, 2019 09:48 AM
प्रॉपर्टी टैक्स से बचने के लिए हरियाणा के ढाबे मालिकों ने सरकार के समक्ष प्रस्ताव दिया है कि शहरी निकायों की बजाय उन्हें ग्राम पंचायतों के अधीन किया जाए। बता दें कि आजकल जी.टी. रोड ढाबा........
चंडीगढ़ (बंसल) : प्रॉपर्टी टैक्स से बचने के लिए हरियाणा के ढाबे मालिकों ने सरकार के समक्ष प्रस्ताव दिया है कि शहरी निकायों की बजाय उन्हें ग्राम पंचायतों के अधीन किया जाए। बता दें कि आजकल जी.टी. रोड ढाबा कल्चर खूब चल रहा है,लेकिन स्थानीय निकायों का प्रॉपर्टी टैक्स ज्यादा जबकि ग्राम पंचायतों का टैक्स काफी कम होता है जिसके चलते उन्होंने सरकार के समक्ष ऐसा प्रस्ताव दिया है।
अम्बाला से लेकर सोनीपत तक सैंकड़ों ऐसे ढाबे हैं जिनके पास ग्राहकों की कतार देखी जा सकती है,जो कहने में तो ढाबे हैं लेकिन उनके सामान के रेट और सुविधाएं किसी अच्छे होटल से कम नहीं हैं। स्थानीय निकाय के अधिकारियों का मत है कि सरकार अगर उनके प्रस्ताव को स्वीकृत करती है तो निकायों के राजस्व को काफी नुक्सान होगा। सूत्रों अनुसार ढाबा मालिकों द्वारा दिए मौखिक प्रस्ताव पर सरकार में मंथन चल रहा है,क्योंकि ढाबा मालिकों के सत्तापक्ष के नेताओं के साथ अच्छे संबंध हैं।