Edited By Deepak Paul, Updated: 11 Jan, 2019 11:51 AM
28 जनवरी को हो रहे जींद उप-चुनाव में कांग्रेस और जेजेपी ने अपने सबसे बड़े दिग्गजों को चुनावी दंगल में उतारकर जींद की चुनावी जंग को बेहद रोचक बना दिया है। बुधवार को तमाम मुख्य दलों के उम्मीदवारों के नामांकन पत्र दाखिल करने के साथ ही जींद में सियासी...
जींद(जसमेर मलिक/संजय अरोड़ा): 28 जनवरी को हो रहे जींद उप-चुनाव में कांग्रेस और जेजेपी ने अपने सबसे बड़े दिग्गजों को चुनावी दंगल में उतारकर जींद की चुनावी जंग को बेहद रोचक बना दिया है। बुधवार को तमाम मुख्य दलों के उम्मीदवारों के नामांकन पत्र दाखिल करने के साथ ही जींद में सियासी पारा पूरी तरह से चढ़ गया। 1,69,210 मतदाताओं वाले इस विधानसभा क्षेत्र में 35 गांव और एक शहर आता है। वहीं 28 जनवरी को जींद में होने वाले उपचुनाव में देवीलाल व सुर्जेवाला परिवार 5वीं बार आमने-सामने होगा।
जींद जिले के चुनावी इतिहास में 5वीं बार पूर्व उप-प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल और एक दौर में प्रदेश में कांग्रेस की राजनीति की धुरी रहे पूर्व मंत्री शमशेर सिंह सुर्जेवाला परिवार आमने-सामने चुनावी दंगल में उतर गए हैं। जींद जिले में चौधरी देवीलाल के परिवार का 7वां चुनाव 28 जनवरी को होने जा रहा है।
जींद जिले में कांग्रेस और देवीलाल परिवार के बीच राजनीतिक वर्चस्व की जंग बहुत लंबी है। 1993 में नरवाना में हुए उप-चुनाव में ओमप्रकाश चौटाला और रणदीप सुर्जेवाला के बीच मुकाबला हुआ था। इसमें ओमप्रकाश चौटाला ने रणदीप सुर्जेवाला को लगभग 18 हजार मतों के अंतर से पराजित किया था। 1996 में नरवाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के रणदीप सुर्जेवाला और हविपा के जय प्रकाश तथा इनैलो के ओमप्रकाश चौटाला के बीच हुए मुकाबले में बाजी रणदीप सुर्जेवाला ने मारी थी। फरवरी 2000 में नरवाना में फिर ओमप्रकाश चौटाला और रणदीप सुर्जेवाला आमने-सामने हुए थे। इसमें बाजी ओमप्रकाश चौटाला ने मारी थी। 2005 के विधानसभा चुनाव में नरवाना में फिर मुकाबला ओमप्रकाश चौटाला और रणदीप सुर्जेवाला के बीच हुआ था, जिसमें रणदीप ने तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला को हराया था।
विधानसभा क्षेत्र का यह है जमीनी ब्यौराकुल मतदाता 169210
जींद शहर के मतदाता लगभग 90 हजार
35 गांवों के मतदाता 79,210
गांवों से आकर जींद शहर में बसे मतदाता 30 हजार से ज्यादा
पुरूष मतदाता 90,200
महिला मतदाता 79,010
87 भवनों में कुल पोलिंग बूथ 158
2014 में बूथ थे 153
जातिगत वोट बैंक
48 हजार जाट मतदाता
38 हजार अनुसूचित जाति
20 हजार पिछड़ा वर्ग
18 हजार पंजाबी समुदाय
11 हजार ब्राह्मण
11 हजार वैश्य मुदाय
गुप्ता को मनाने पहुंचे रणदीप सुर्जेवाला
कांग्रेस उम्मीदवार रणदीप सुर्जेवाला पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता को मनाने उनके घर पहुंचे। दोनों के बीच काफी देर तक वन-टू-वन बातचीत हुई। बाद में रणदीप सुर्जेवाला ने कहा कि मांगेराम गुप्ता कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे हैं। वह चुनाव में उनका साथ देंगे। चुनावी जंग जीतने के लिए रणदीप सुर्जेवाला ने कांग्रेस के रूठे हुओं को मनाने का सिलसिला वीरवार को ही शुरू कर दिया। इसके तहत वह सबसे पहले पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता केनिवास पर पहुंचे। गुप्ता जींद से 3 बार कांग्रेस और 1 बार निर्दलीय विधायक रह चुके हैं। उप-चुनाव में मांगेराम गुप्ता का नाम कभी कांग्रेस तो कभी भाजपा के संभावित उम्मीदवार के रूप में उछला लेकिन,किसी पार्टी ने उन्हें अपना उम्मीदवार नहीं बनाया। जींद में गुप्ता के असर को अपने पक्ष भुनाने के लिए उनसे मुलाकात की।
अब तक बने विधायक
वर्ष विधायक पार्टी
1967 बाबू दया किशन कांग्रेस
1968 बाबू दया किशन कांग्रेस
1972 चौधरी दल सिंह एन.सी.ओ.
1977 मांगे राम गुप्ता निर्दलीय
1982 बृजमोहन सिंगला लोकदल
1987 प्रो.परमानंद लोकदल
1991 मांगेराम गुप्ता कांग्रेस
1996 बृज मोहन सिंगला हविपा
2000 मांगे राम गुप्ता कांग्रेस
2005 मांगेराम गुप्ता कांग्रेस
2009 हरिचंद मिढा इनैलो
2014 हरिचंद मिढा इनैलो
सबसे अधिक बार जीतने व हारने का रिकॉर्ड मांगेराम गुप्ता के नाम
जींद में एक अनूठा रिकॉर्ड है। यहां पर सबसे अधिक 4 बार विजयी होने एवं 4 बार पराजित होने का रिकॉर्ड मांगेराम गुप्ता के नाम है। गुप्ता ही एक ऐसे नेता है जो जींद में आजाद उम्मीदवार के रूप में भी विजयी हुए। मांगेराम 1991 में भजनलाल सरकार एवं बाद में 2005 में हुड्डा सरकार में मंत्री भी रहे।
143 मतों से पराजित हुए थे मांगेराम गुप्ता
जींद में सबसे रोचक मुकाबला 1982 में हुआ था। तब कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में मांगे राम गुप्ता और लोक दल उम्मीदवार के रूप में बृज मोहन सिंगला आमने-सामने थे। इसमें लोकदल के बृज मोहन सिंगला ने कांग्रेस के मांगे राम गुप्ता को लगभग 143 मतों के अंतर से पराजित किया था।