देवीलाल घराने के सदस्यों में जारी है मुलाकातों का दौर

Edited By Deepak Paul, Updated: 04 Jan, 2019 10:19 AM

devi lal family members continue in meeting

इनेलो से अलग होकर अपनी नई पार्टी बनाने वाले सांसद दुष्यंत चौटाला द्वारा जहां पार्टी की मजबूती के लिए विभिन्न दलों के नेताओं से मुलाकात का सिलसिला लगातार जारी है तो वहीं वे अपने परिवार के बड़े सदस्यों से मुलाकात करके उनका भी आशीर्वाद हासिल करने का...

सिरसा(संजय अरोड़ा): इनेलो से अलग होकर अपनी नई पार्टी बनाने वाले सांसद दुष्यंत चौटाला द्वारा जहां पार्टी की मजबूती के लिए विभिन्न दलों के नेताओं से मुलाकात का सिलसिला लगातार जारी है तो वहीं वे अपने परिवार के बड़े सदस्यों से मुलाकात करके उनका भी आशीर्वाद हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं। गुरुवार सुबह पूर्व सांसद अजय सिंह चौटाला अपने पुत्र सांसद दुष्यंत चौटाला को साथ लेकर अपने चाचा चौ. रणजीत सिंह से मिलने दूसरी दफा उनके निवास पर पहुंचे। अजय सिंह व दुष्यंत दोनों करीब सुबह 9 बजे रणजीत सिंह के आवास पर पहुंचे और लगभग 2 घंटे तक वहां रहे।

इस दौरान पारिवारिक सदस्यों ने भी आपस में बातचीत की और एक साथ नाश्ता भी किया। दो घंटे की इस मुलाकात के दौरान चाचा-भतीजा व दादा-पोते के बीच क्या बातचीत हुई? इसका तो भेद नहीं लग पाया है मगर ऐसी चर्चाएं हैं कि पारिवारिक सदस्यों की इस मुलाकात में जींद उपचुनाव के साथ साथ कई अन्य राजनीतिक मुद्दों पर भी बातचीत हुई है। भले ही इस मुलाकात का समूल ब्यौरा नहीं मिला है मगर इससे इससे सियासी हलचल जरूर पैदा हुई है। 

गौरतलब है कि रणजीत सिंह वर्तमान में कांगे्रस में हैं और वे लगातार दो बार रानियां विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं और आगामी चुनाव में भी कांग्रेस के सशक्त दावेदार हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि इनैलो से अलग होने के बाद जहां अजय सिंह चौटाला की अपने चाचा रणजीत सिंह से यह दूसरी मुलाकात है तो वहीं सांसद दुष्यंत चौटाला दादा से पहली बार उनके आवास पर जाकर मिले हैं। इससे पहले अजय सिंह चौटाला 16 नवम्बर को उनसे मिले थे। अजय व दुष्यंत के अलावा 26 नवम्बर को हरियाणा विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अभय सिंह चौटाला ने भी चाचा रणजीत सिंह से मुलाकात की थी।

मगर उन्होंने भी इस मुलाकात को केवल पारिवारिक मुलाकात बताया था। इनैलो में विभाजन के बाद अजय सिंह, अभय चौटाला व दुष्यंत द्वारा रणजीत सिंह से जारी मेल मिलाप के इस सिलसिले से प्रदेश के बड़े इस सियासी घराने देवीलाल परिवार की सियासत भी गर्माती नजर आ रही है। बेशक रणजीत सिंह के साथ साथ अजय सिंह चौटाला व अभय सिंह चौटाला ने अपनी इन मुलाकातों को पारिवारिक बताते हुए कहा कि राजनीति से इस मुलाकात का कोई लेना-देना नहीं है मगर राजनीतिक पर्यवेक्षक अजय व अभय की अलग अलग राजनीतिक राहें होने के बाद कांग्रेस में बैठे अपने चाचा से इस तरह मिलने को लेकर तरह तरह के कयास लगा रहे हैं। 

मैं तो अक्सर उनसे मिलने जाता हूं: अजय सिंह
पूर्व सांसद अजय सिंह चौटाला ने चाचा रणजीत सिंह से आज हुई मुलाकात के बारे में कहा कि हमारा परिवार हैं और वे हमारे चाचा हैं। मैं पारिवारिक सदस्य के नाते उनसे अक्सर मिलने जाता हूं। त्योहार पर तो उनसे मुलाकात होती ही है वहीं जब भी सिरसा आता हूं यदि वो सिरसा में होते हैं तो अवश्य मिलता हूं। आज की मुलाकात भी पारिवारिक थी और न तो कोई राजनीतिक चर्चा हुई और न इस इरादे से हम मिलने गए।

देवीलाल परिवार में यूं हुए थे मतभेद
चौ. देवीलाल 1987 में प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तब उनके तीन बेटे ओमप्रकाश चौटाला, प्रताप सिंह व रणजीत सिंह सियासत में सक्रिय थे और तीनों ही पिता की सत्ता में सहयोगी बने। चौटाला को राज्यसभा सदस्य बनाया गया तो प्रताप सिंह हरियाणा लघु आयात एवं निर्यात निगम के चेयरमैन बनाए गए। जबकि तीसरे बेटे रणजीत सिंह उनकी सरकार में कृषि मंत्री थे।

जब चौ. देवीलाल हरियाणा की सत्ता से अलग होकर देश के उपप्रधानमंत्री बन गए और 1990 में उनके बड़े बेटे ओमप्रकाश चौटाला प्रदेश के मुख्यमंत्री बने, तब कई कारणों से ओमप्रकाश चौटाला के उनके दोनों भाइयों रणजीत सिंह व प्रताप सिंह में मतभेद पैदा हो गए और 1993 में रणजीत सिंह लोकदल छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए और प्रताप सिंह ने भी बड़े भाई का साथ छोड़कर अलग राह पकड़ ली। अब एक लंबे अंतराल के बाद परिवार में फिर वही इतिहास दोहराया गया है और पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के दोनों बेटों की भी सियासी राहें अलग अलग हो गई हैं।

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