देवीलाल ने हरियाणा, राजस्थान व पंजाब से एक साथ लड़ा था चुनाव

Edited By Shivam, Updated: 17 Apr, 2019 10:11 AM

devi lal contested from haryana rajasthan and punjab together

हरियाणा की सियासत में ‘लालों’ की एक अहम भूमिका रही है। लंबे अरसे तक यहां की राजनीति तीन लालों देवीलाल, बंसीलाल व भजनलाल के इर्द-गिर्द घूमती रही है। उनमें से एक लाल, देवीलाल हरियाणा की सियासत का एक ऐसा...

हरियाणा की सियासत में ‘लालों’ की एक अहम भूमिका रही है। लंबे अरसे तक यहां की राजनीति तीन लालों देवीलाल, बंसीलाल व भजनलाल के इर्द-गिर्द घूमती रही है। उनमें से एक लाल, देवीलाल हरियाणा की सियासत का एक ऐसा चेहरा थे, जिनके नाम कई दिलचस्प किस्से, तथ्य एवं पहलू जुड़े हैं।

उपप्रधानमंत्री के पद तक पहुंचने वाले देवीलाल के सियासी कॅरियर के अंतिम पड़ाव में एक वक्त ऐसा भी आया जब वे नए-नवेले छत्रपाल सिंह से 1991 में घिराय से विधानसभा चुनाव हार गए और 3 बार भूपेंद्र सिंह हुड्डा से लोकसभा के चुनाव में पराजित हुए। खास बात यह है कि देवीलाल ने रिकॉर्ड 3 उपचुनाव जीते। देवीलाल ने जितने चुनावों में जीत हासिल की, उतने ही चुनावों में उन्हें हार का सामना भी करना पड़ा। लोकसभा चुनावों में हार की हैट्रिक बनाई, तो विधानसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक अपने नाम की। उन्होंने न केवल हरियाणा, बल्कि पंजाब व राजस्थान की जमीन पर चुनावी ताल ठोकी। अपने गृह इलाके को छोड़कर देवीलाल ने बार-बार सीट बदलकर अलग-अलग क्षेत्रों से चुनाव लड़ा।

गौरतलब है कि देवीलाल हरियाणा की सियासत में संयुक्त पंजाब के वक्त से सक्रिय हो गए थे। कम उम्र के चलते वे आजादी से पहले 1937 में हुए चुनाव में हिस्सा नहीं ले सके। ऐसे में 1938 में उन्होंने सिरसा-फतेहाबाद से अपने भाई साहिब राम को चुनावी मैदान में उतारा और जीत दिलवाई। स्वयं देवीलाल पहली बार साल 1952 में सिरसा से विधायक बने। उन्होंने कुल 11 विधानसभा चुनाव लड़े। 8 में जीत दर्ज की तो 3 में हार का सामना करना पड़ा। साल 1959 में वे सिरसा से उपचुनाव जीते। 1962 में फतेहाबाद से आजाद विधायक बने। 67 व 71 का विधानसभा चुनाव ही नहीं लड़ा। 1972 में तोशाम एवं आदमपुर से हार गए। 1974 में रोड़ी से उपचुनाव जीता। 1977 में भट्टू से चौधरी देवीलाल विधायक बने और पहली बार मुख्यमंत्री बने। 1982, 1985 एवं 1987 में लगातार 3 बार महम से विधायक रहे। साल 1991 में कांग्रेस के छत्रपाल सिंह से वे घिराय विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हार गए। 

3 उपचुनाव का रिकॉर्ड
देवीलाल के नाम 3 उपचुनाव जीतने का भी रिकॉर्ड है। देवीलाल ने सबसे पहले साल 1959 में सिरसा विधानसभा से उपचुनाव में जीत दर्ज की। इसके बाद उन्होंने रोड़ी हलका से 1974 में जबकि 1985 में महम विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव में जीत दर्ज की। यह भी एक रोचक पहलू है कि देवीलाल की तरह उनके बेटे ओमप्रकाश चौटाला ने भी 3 उपचुनाव जीते। 1970 में ऐलनाबाद, 1990 में दड़बांकलां च उसके बाद 1993 में नरवाना से उपचुनाव जीता तो देवीलाल के पौते अभय चौटाला ने साल 2000 में रोड़ी से जबकि साल 2010 में ऐलनाबाद उपचुनाव में जीत हासिल की।

(प्रस्तुति : संजय अरोड़ा)

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