हरियाणा में पिछले साल की अपेक्षा इस बार पानी की समस्या कम: देवेन्द्र सिंह

Edited By vinod kumar, Updated: 29 May, 2020 09:38 PM

devender said water problem less in haryana than last year

हरियाणा सिंचाई एवं जल संसाधन, जनस्वास्थ्य विभाग के ए सी एस देवेन्द्र सिंह ने पंजाब केसरी से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि हमारी प्राथमिकता होती है गर्मियों के महीनों में हमेशा के लिए वाटर वर्क टैंक्स और पोंड्स एनिमल्स के लिए उनकी लागातर फिलिंग हो।...

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा सिंचाई एवं जल संसाधन, जनस्वास्थ्य विभाग के ए सी एस देवेन्द्र सिंह ने पंजाब केसरी से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि हमारी प्राथमिकता होती है गर्मियों के महीनों में हमेशा के लिए वाटर वर्क टैंक्स और पोंड्स एनिमल्स के लिए उनकी लागातर फिलिंग हो। सबसे पहला हमारा प्रयास होता है कि नहरी पानी या यहां भी ट्यूबवेल से फिलिंग होती है।

वहां पर हमारे वाटर वर्क टैंक्स और पोंड्स की शत प्रतिशत फिलिंग हो। लेकिन मेवात जैसे ऐसे कुछ मुश्किल इलाके है, जहां भू जलस्तर कम है। वहां पर गर्मियों में पानी की दिक्कत आती है तो वहां तब तक के लिए टैंकर्स के जरिए पानी की आपूर्ति की जाती है।

अगर मैं पिछली बार के आंकड़े देखूं तो मई के महीने में लगभग छह हजार से अधिक पानी के टैंकर सप्लाई किए गए थे। लेकिन इस बार 3 हजार के करीब पानी के टैंकर सप्लाई हो चुके हैं। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पानी की उतनी समस्या नहीं है जितनी पिछली बार थी।

प्रस्तुत है खास बातचीत के प्रमुख अंश
प्रश्न- जिस प्रकार से गर्मियों में पानी की किल्लत देखी जाती है। क्या इस बार भी कहीं पानी की सप्लाई जो आपको टैंकरों के माध्यम से करनी पड़ी है?
देवेन्द्र सिंह - जैसे हमारी प्राथमिकता होती है गर्मियों के महीनों  में हमेशा के लिए वाटर वर्क टैंक्स और पोंड्स एनिमल्स के लिए उनकी लागातर फिलिंग हो। सबसे पहला हमारा प्रयास होता है कि नहरी पानी यां यहां भी ट्यूबवेल से फिलिंग होती है। वहां पर हमारे वाटर वर्क टैंक्स और पोंड्स की शत प्रतिशत फिलिंग हो।लेकिन मेवात जैसे ऐसे कुछ मुश्किल इलाके है जहां भू जलस्तर कम है वहां पर गर्मियों में पानी की दिक्कत आती है तो वहां तब तक के लिए टैंकर्स के जरिये पानी की आपूर्ति की जाती है।

अगर मैं पिछली बार के आंकड़े देखूं तो मई के महीने में लगभग छह हजार  से अधिक पानी के टैंकर सप्लाई किये गए थे। लेकिन इस बार 3 हजार के करीब पानी के टैंकर सप्लाई हो चुके हैं। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पानी की उतनी समस्या नहीं है जितनी पिछली बार थी।

प्रश्न- पीने के पानी के साथ-साथ कृषि के लिए भी पानी बहुत जरूरी है। हरियाणा के पास कितने स्रोत है जिनके माध्यम से किसानों को कृषि के किए पानी की आपूर्ति की जाती है?
देवेन्द्र सिंह- आप लोगों को बताना चाहूंगा कि हरियाणा में जो सिंचाई का सिस्टम है। उसमें मुख्य तौर पर या तो भाखड़ा से पानी आता है। भाखड़ा डैम पर हरियाणा का इंटर स्टेट अग्रीमेंट के तहत जितना हिस्सा है ।उसके मुताबिक पानी हरियाणा आता है। जो हमारा पेरिनियल सोर्स है। जबकि दूसरा हमारा सिस्टम यमुना का है। जिसमें पहाड़ों से पानी आता है। गर्मियों और बारिश के बाद जो पानी आता है उसे हम भाखड़ा के पानी के साथ इस्तेमाल करते है। हमारा साउथ हरियाणा में पानी की दिक्कत है, जिसमें हम यमुना से पानी देते है। इसमें रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, रोहतक, झज्जर काे पानी जाता है। जिसमें पानी चार ग्रुप्स में जाता है

प्रश्न- पीने के पानी की बात करें तो प्रतिदिन शहरों में और ग्रामीण क्षेत्रों में किस दर से पानी की आपूर्ति होती है?
देवेन्द्र सिंह - ये जल जीवन मिशन का और आल इंडिया लेवल का भी मानदंड है कि ग्रामीण क्षेत्रों में 55 लीटर प्रति कैपिटा प्रति दिन के हिसाब से पानी दिया जाता है। जबकि शहरी इलाकों में 135 लीटर प्रति कैपिटा प्रति दिन पानी दिया जाता है। जल जीवन मिशन में हमारा ये लक्ष्य है कि हर घर मे फंक्शनल टैप कनेक्शन हो। इसके अलावा पानी की गुणवत्ता का भी एक तय स्टैंडर्ड है।

प्रश्न- इरीगेशन स्कीम क्या है और वह कहां कहां लागू है हरियाणा में ?
देवेन्द्र सिंह - हरियाणा में जो साउथ वेस्ट का कुछ पोर्शन है। जिसमें सलोप  साउथ वेस्ट से नार्थ ईस्ट की तरफ है। यानी वहां हमें सिंचाई के लिए पानी पहुंचाना पड़ता है। इसके लिए बाकायदा हमारा लिफ्ट कैनाल यूनिट है जिसका अलग से चीफ इंजीनियर है। इसमें 257 पंप है। जिनसे पानी लिफ्ट करके पहुंचाया जाता है। जिसमें मुख्य तौर पर हमारा महेंद्रगढ़ भिवानी क्षेत्र है। उस एरिया में जवाहर लाल नेहरू कैनाल सिस्टम के जरिये यमुना से पानी इस एरिया में पहुंचाते हैं।

प्रश्न- जिस प्रकार से इस बार पहाड़ों में काफी बर्फबारी हुई है। मानसून भी अच्छी होने का अनुमान है। आगे क्या स्थिति रहने वाली है?
देवेन्द्र सिंह - यह ठीक है कि यमुना में जो पानी आता है इसबार 2 से अढ़ाई गुना स्नो मेल्ट अधिक होने की संभावना है। उसके मुताबिक पानी ज्यादा आएगा।जबकि इस बार बीबीएमबी की और से भी पहले से तैयारी की गई है। जिसमें हर माह टेक्निकल कमेटीज की मीटिंग होती है हर माह। उसमें सभी स्टेटस ने मिलकर फैसला लिया है कि भाखड़ा के लेवल को थोड़ा सा डाउन कर पानी से हमने बिजली बना ली। थोड़ा स्पेस बनाया जिसमें जो अतिरिक्त पानी आएगा उसे  स्टोर कर पानी की सप्लाई कर सकें।

प्रश्न- जल जीवन मिशन क्या है और कब तक पूरा होने की संभावना है?
देवेन्द्र सिंह - जल जीवन मिशन भारत सरकार का एक फ्लैगशिप प्रोग्राम है। जिसमें यह टारगेट रखा गया है कि 2024 तक हमारे पूरे भारतवर्ष में हरेक रूरल हाउसहोल्ड में फंक्शन  टैप कनेक्शन (पानी का कनेक्शन)हो। जिसमें 55 लीटर प्रति कैपिटा प्रति दिन पानी की आपूर्ति व अच्छी गुणवत्ता का पानी हो। उसमें हरियाणा ने काफी महत्वकांक्षी योजना बनाई और मुख्यमंत्री ने कहा कि हम भारत सरकार के उद्देश्य से 2 साल पहले इस लक्ष्य को प्राप्त करेंगे।

भारत सरकार का ये 2024 तक का लक्ष्य है जबकि हरियाणा में हम 2022 तक इस लक्ष्य को पूरा कर लेंगे। जिसमे  हमने 1 दिसम्बर 2019 को इस मिशन की शुरुआत की।उसमे से हम 10लाख कनेक्शन पहले ही दे चुके है। पहले 11लाख थे ।जिन्हें मिलाकर हम 30 लाख में से 21से 22लाख तक कनेक्शन दे चुके है ।जबकि बचे हुए 8 लाख कनेक्शन  हम अगले 2साल में पूरे कर देंगे। भारत सरकार ने हमारी सराहना करते हुए बाकी राज्यो को भी हरियाणा का मॉडल फॉलो करने के लिए रिकमेंड किया है।

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