कार्यक्रम स्थगित होने के बावजूद मोखरा पहुंचे सांसद सैनी, प्रशासन ने गांव के बाहर रोका (VIDEO)

Edited By Shivam, Updated: 11 Jun, 2018 10:10 PM

गांव मोखरा में दो गुटों में तनाव की स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने सांसद राजकुमार सैनी को कलानौर मोखरा रोड पर ही रोक लिया, यहां पर पहले से ही भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। प्रशासन की इस कार्रवाई के विरोध में सांसद वहीं पर सड़क के...

रोहतक(दीपक भारद्वाज): गांव मोखरा में दो गुटों में तनाव की स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने सांसद राजकुमार सैनी को कलानौर मोखरा रोड पर ही रोक लिया, यहां पर पहले से ही भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। प्रशासन की इस कार्रवाई के विरोध में सांसद वहीं पर सड़क के बीचों-बीच धरने पर बैठ गए और कहा कि यह तो प्रजातंत्र की हत्या है, इस तरह की दादागिरी से साफ है कि अभी प्रदेश आजाद नहीं हुआ है। सांसद ने कहा कि जब तक आयोजक नहीं आते, वे धरने से नहीं उठेंगे, इस दौरान वहां तनाव की स्थिति बनी रही।

सांसद करीब एक घंटे तक वहां बैठे रहे और बाद में आयोजकों से मुलाकात करने के बाद रोहतक जिले के कलानौर में जनसभा को संबोधित किया। हालांकि अभी भी मोखरा में पूरी तरह तनाव की स्थिति बनी हुई है, जिसको देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। सांसद ने कहा कि विरोध करने वाले बताए कि उन्होंने क्या गलत किया। उन्होंने तो सिर्फ यह कहा है कि मुख्यमंत्रियों ने भेदभाव किया है, अगर उन्होंने एक भी अपशब्द कहा हो तो विरोध करने वाले लोग जनता के सामने रखे।

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सोमवार को महम के गांव मोखरा व कस्बा कलानौर में सांसद राजकुमार सैनी का कार्यक्रम रखा गया था। गांव मोखरा में कार्यक्रम को लेकर आयोजकों व कुछ गांव वालों के बीच विवाद चला हुआ था, जिसको लेकर दोनों पक्षों में पंचायतों का दौर चल रहा था। बताया जा रहा है कि प्रशासन ने भी तनाव की स्थिति को देखते हुए कार्यक्रम की मंजूरी को रद्द कर दिया था। रविवार को भी इस संबंध में विरोध करने वाले लोगों की पंचायत भी हुई थी और उन्होंने साफ कहा था कि गांव में सांसद का कार्यक्रम किसी भी कीमत पर नहीं होने देंगे। सोमवार को गांव मोखरा के मुख्य रोड पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। 

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शाम करीब साढे पांच बजे सांसद सैनी मोखरा रोड पर पहुंचे तो पुलिस प्रशासन ने उन्हें रोक लिया, जिसके विरोध में सांसद वहीं पर धरने पर बैठ गए और उन्होंने कहा कि या तो उन्हें गांव जाने दे या फिर वह आयोजकों से मुलाकात करने के बाद ही धरने से उठेंगे। इस दौरान सांसद ने कहा कि विरोध करने वाले एक बात तो बताए कि उन्होंने ऐसा कौन सा अपशब्द कहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्रियों द्वारा भेदभाव किया गया है, 52 फीसदी लोगों को तो मिला 11 प्रतिशत हिस्सा, वह भी चपरासी क्लर्क, जबकि दस प्रतिशत लोग ले गए 50 व 55 प्रतिशत हिस्सा। आज वही लोग इसलिए विरोध कर रहे हैं कि कही दूसरी जाति का व्यक्ति प्रदेश का नेतृत्व न संभाल ले। करीब एक घंटे तक सांसद सैनी धरने पर बैठे रहे और आयोजकों से मिलने के बाद ही उन्होंने अपना धरना खत्म किया। 

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