लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करने की मांग पकड़ रही ज़ोर, लाडो पंचायत में भी उठी मांग

Edited By Isha, Updated: 29 Jul, 2021 01:44 PM

demand for raising the age of marriage of girls to 21 years

भारतीय संविधान में संशोधन कर लड़कियों के विवाह की आयु 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने की मांग गॉंव शहर में जोर पकड़ रही है। इसके साथ टीम लाडो के वीडियो भी वायरल हो रहे हैं जिसमें लडकियों शादी की उम्र कम से कम 21 वर्ष करने की

चंडीगढ़:  भारतीय संविधान में संशोधन कर लड़कियों के विवाह की आयु 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने की मांग गॉंव शहर में जोर पकड़ रही है। इसके साथ टीम लाडो के वीडियो भी वायरल हो रहे हैं जिसमें लडकियों शादी की उम्र कम से कम 21 वर्ष करने की अपील कर रही हैं । लाडो पंचायत के संयोजक सुनील जागलान ने अभी तक 2 ऑनलाइन व 10 गाँवों में जाकर लाडो पंचायत करवा रहे हैं । हर साल करीब लाखो बाल विवाह होने से चिंतित हरियाणा की लड़कियों ने शादी की उम्र बढ़वाने का बीड़ा जबरदस्त तरीके से उठाया है। मौका था फिर से लाडो पंचायत का, जिसमें हरियाणा, पंजाब, उतर प्रदेश , राजस्थान, दिल्ली की लड़कियों ने भागीदारी करते हुए कानून में संशोधन कर लड़कियों मुखर आर्थिक, सामाजिक हर तरह की आजादी की पुरजोर वकालत की। आनलााइन हुई लाडो पंचायत  में लड़कियों ने दलील दी है कि शादी की उम्र 21 किए जाने का देश की अर्थव्यवस्था, सामाजिक बदलाव और लड़कियों की निजी आजादी पर बहुत सकारात्मक असर पड़ेगा।

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लाडो पंचायत के संयोजक एवं  सेल्फी विद डाटर फाउंडेशन के फाऊंडर सुनील जागलान, जिन्होंने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ मुहिम का सूत्रपात किया। बाद में यह मिशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट बन गया, जो अब तक चल रहा है। सुनील जागलान की सेल्फी विद डॉटर मुहिम दुनिया के कई देशों तक पहुंची।  लाडो पंचायत में लड़कियों ने कहा कि 18 साल की उम्र में शादियां हो जाने से लडकीयॉं मानसिक रूप से प्रताड़ित की जा रही है हैं वह न तो अपनी पढ़ाई पूरी कर पाती हैं और न ही आत्मनिर्भर बन सकती हैं।

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अब माता पिता को लड़की को सिलाई-कढ़ाई सिखाकर और खाना बनाना व कपड़े धोना सिखाकर उन्हें आत्मनिर्भर मान लेना का विचार छोड़कर उन्हें हर तरह से सशक्त करने की ज़रूरत है । जबकि एक कड़वी हकीकत यह है कि लाखों बच्चियों को 18 साल से पहले ही शादी करके भेज दिया जाता है। यहां से शुरू होता है उनका शारीरिक, मानसिक और सामाजिक शोषण। खेलने, खाने, सीखने, पढ़ने और आत्मनिर्भर बनने की उम्र में ऐसी बच्चियां शारीरिक व मानसिक तकलीफ झेल रही होती हैं। 18 साल की उम्र तक तो कोई लड़की स्नातक की पढ़ाई भी पूरी नहीं कर पाती। शादी के बाद उसके पढ़ने, लिखने और आत्मनिर्भर बनकर पति पर निर्भर नहीं रहने के विकल्प भी खुले नहीं होते। 

लाडो पंचायत में दीपाली , अंजलि शर्मा ,रिषिद्धा कटना, प्रियंका वर्मा, अंजू, निशात रून, रीना, पारुल पंघेल, रेणु शर्मा, बाला, नीतू पंवार, तमन्ना, अनवी, आशू, रीता पंवार, रितिका, प्रियांशी जाखड़, संजना और कविता सहरावत ने स्पष्ट तौर पर कहा कि लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करने के बारे में केंद्र को विचार करना चाहिये। मेवात की शहनाज बानो  ने कहा कि लाडो पंचायत से उन्हें अपनी दिल की बात कहने का मौक़ा मिला है और सरकार को 21 वर्ष करने के साथ  आर्थिक  तौर पर मज़बूत करवाने के कोर्स करवाने चाहिए । 

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हरियाणा में हर दिन हो रहे हैं लड़कियों के बाल विवाह  
लाडो पंचायत के संयोजक सुनील जागलान ने बताया कि सरकार व क़ानून की नाक नीचे हर दिन काफ़ी बाल विवाह हो रहे हैं लेकिन सरकार द्वारा इस बारे सख़्त कदम उठाने व हर गॉंव के आस पास  लड़कियों  के लिए सीनियर सैंकडरी स्कूल के अलावा हर 15 गॉंवों पर एक कॉलेज होना ज़रूरी है । लाडो पंचायत ऐसी मानसिकता के खिलाफ एक बड़ा प्रहार कर रही है । हम करीबन 10 लाडो पंचायत करके भारत सरकार को इसकी रिपोर्ट भेजेंगे ।

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