Edited By Isha, Updated: 23 Sep, 2020 04:18 PM
नरमा और कपास की खराब हुई फसल के मुआवजे की मांग और तीन अध्यादेशों के विरोध को लेकर पिछले 16 दिनों से किसान धरने पर बैठे हैं। आज किसानों के धरने का 17 वा दिन है। आज सिरसा के लघु सचिवालय के बाहर किसानों ने हरियाणा सरकार के खिलाफ
सिरसा(सतनाम): नरमा और कपास की खराब हुई फसल के मुआवजे की मांग और तीन अध्यादेशों के विरोध को लेकर पिछले 16 दिनों से किसान धरने पर बैठे हैं। आज किसानों के धरने का 17 वा दिन है। आज सिरसा के लघु सचिवालय के बाहर किसानों ने हरियाणा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की। किसानों ने मांग की है सफ़ेद मक्खी से ख़राब हुई नरमे कपास की फसल का सरकार जल्द मुआवजा दे। किसानों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगे जल्द नहीं मानी तो सरकार के खिलाफ आर पार की लड़ाई लड़ने को किसान मजबूर हो जाएंगे।
अखिल भारतीय स्वामी नाथन संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष विकल पचार ने कहा कि उनका धरना पिछले कई दिनों से खराब हुई फसलों के मुआवजे की मांग को लेकर चल रहा है हालाँकि कुछ दिन पहले हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने स्पेशल गिरदावरी की घोषणा की थी लेकिन वो आदेश अभी तक सिरसा के डीसी नहीं कर पाए है। उन्होंने कहा कि सरकार से बार बार गुहार लगाने के बावजूद सरकार ने उनकी मांग की और कोई गौर नहीं किया जिसके रोष स्वरूप अब सिरसा में 26 सितंबर को महा पंचायत का आयोजन किया जाएगा जिसमें सिरसा फतेहाबाद के हजारों किसान शामिल होंगे और हरियाणा सरकार के खिलाफ बिगुल बजाएंगे।
विकल पचार ने बताया कि खराब हुई फसलों के मुआवजे के लिए किसानों ने सरकार को 29 तारीख तक अल्टीमेटम दिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर फिर भी सरकार उनकी मांग नहीं मानती तो आने वाली 30 सितंबर को किसान जिला सिरसा की 145 पानी की टंकिया पर चढ़ कर विरोध प्रदर्शन करेगा। उन्होंने कहा कि किसान संगठन ने गांवों का निरीक्षण कर 3 पानी की टंकियों का चयन किया गया है जिसमें 6 महिलाएं चढ़ेगी। उन्होंने कहा कि अगर इस दौरान कोई भी हादसा होता है तो इसकी जिम्मेवारी सरकार की होगी।