Edited By Shivam, Updated: 22 Nov, 2019 04:55 PM
गृह मंत्री अनिल विज और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के बीच चल रहा मानहानि का मामला जल्द ही खत्म हो सकता है। यमुना नगर पहुंचे गृह मंत्री अनिल विज ने मीडिया से बात करते हुए इस मामले के संकेत दिए हैं। साथ ही उन्होंने एनआरसी के मामले पर बात करते हुए कहा...
यमुनानगर (सुमित ओबेरॉय): गृह मंत्री अनिल विज और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के बीच चल रहा मानहानि का मामला जल्द ही खत्म हो सकता है। यमुना नगर पहुंचे गृह मंत्री अनिल विज ने मीडिया से बात करते हुए इस मामले के संकेत दिए हैं। साथ ही उन्होंने एनआरसी के मामले पर बात करते हुए कहा कि एनआरसी पूरे देश में लागू होनी चाहिए। वहीं विरोध करने वालों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि यह वही लोग हैं जो जिन्होंने गैर भारतीयों को शरण दी है और वोटों के लालच में उन्हें पाल के रखना चाहते हैं।
यमुनानगर के थानछप्पर में पहुंचे गृह मंत्री अनिल विज से जब मानहानि मामले में ये सवाल पूछा गया कि जेजेपी और बीजेपी इक्कठे सरकार चला रहे हैं ऐसे में उनके और दुष्यंत चौटाला के बीच मानहानि के मुकदमे को लेकर भी क्या बैठकर कोई बातचीत की जाएगी? इस विज ने जवाब देते हुए कहा इस पर कहा कि जब समय आएगा कर लेंगे।
अनिल विज ने दुष्यंत को कहा था नशेड़ी
गौरतलब है कि मामला नशेड़ी बताने से जुड़ा है। दरअसल साल 2018 में चर्चित दवा घोटाला को लेकर तत्कालीन सांसद दुष्यंत चौटाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मनोहर सरकार पर कई बड़े आरोप लगाए थे। जिसके जवाब में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने दुष्यंत चौटाला को नशेडिय़ों के गांव से आना वाला बताया था और कहा था कि दुष्यंत चौटाला को अपना इलाज नशामुक्ति केंद्र में कराना चाहिए।
दुष्यंत ने विज के खिलाफ किया मानहानि का केस
इस पर दुष्यंत चौटाला ने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को नोटिस भेजकर सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को कहा था, लेकिन विज ने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद दुष्यंत ने कोर्ट में अनिल विज के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया था।
कोर्ट में पेश नहीं हुए दुष्यंत चौटाला
अनिल विज के खिलाफ मानहानि केस की सुनवाई शनिवार को होनी थी, लेकिन दुष्यंत चौटाला कोर्ट में पेश नहीं हुए। जिसपर कोर्ट ने केस की सुनवाई 7 फरवरी तक स्थगित कर दी है।
दवा घोटाले पर हुई थी बयानबाजी
दुष्यंत चौटाला की ओर से बीजेपी पर दवा घोटाला कराने का आरोप लगाया था। दुष्यंत चौटाला ने ये मुद्दा लोकसभा में भी उठाया था। इसके बाद अनिल विज और दुष्यंत चौटाला के बीच तीखी बयानबाजी भी चलती थी।