Edited By vinod kumar, Updated: 21 Aug, 2021 04:24 PM
टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेकर पैतृक गांव छारा पहुंचे खिलाड़ी दीपक पुनिया का जोरदार स्वागत किया गया। ग्रामीणों ने दीपक पुनिया के स्वागत में गांव भर में एक यात्रा भी निकाली। ग्रामीणों का कहना है कि दीपक ने ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेकर गांव का नाम रोशन...
बहादुरगढ़ (प्रवीण कुमार): टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेकर पैतृक गांव छारा पहुंचे खिलाड़ी दीपक पूनिया का जोरदार स्वागत किया गया। ग्रामीणों ने दीपक पूनिया के स्वागत में गांव भर में एक यात्रा भी निकाली। ग्रामीणों का कहना है कि दीपक ने ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेकर गांव का नाम रोशन किया है। वहीं खिलाड़ी दीपक पूनिया का कहना है कि वे ओलंपिक खेलों में पदक हासिल नहीं कर पाने से दुखी तो हैं। लेकिन यह तो एक शुरुआत है।
उन्होंने बताया कि खेल के दौरान उन्हें चोट लग गई थी। 2 महीने आराम करने के बाद वे दोबारा मैदान में उतरेंगे और आगे होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स, वर्ल्ड गेम्स और एशियन गेम्स की तैयारी करेंगे। वहीं दीपक के कोच वीरेंद्र आर्य का कहना है कि दीपक भले ही ओलंपिक से पदक ना लाए हो, लेकिन वहां से एक्सपीरियंस जरूर लेकर लौटे हैं। उनका कहना है कि दीपक पूनिया 86 किलोग्राम भार वर्ग कुश्ती में ओलंपिक तक जाने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी हैं। आगे आने वाले समय में दीपक देश का नाम जरूर रोशन करेंगे।
बता दें कि दीपक पूनिया टोक्यो ओलंपिक के अपने सेमीफाइनल मुकाबले में आखरी चंद सेकंड में पॉइंट गवा बैठे थे। जिसके चलते वे कांस्य पदक से चूक गए थे। खिलाड़ी को यह पदक नहीं जीत पाने का मलाल तो है। लेकिन दीपक पूनिया के हौसले अब भी बुलंद है और आगे आने वाले समय में दीपक पूनिया अपनी प्रतिभा का लोहा जरूर मनवाएंगे।
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