Edited By Deepak Paul, Updated: 03 Jan, 2019 09:56 AM
सदन की मर्यादा को गिराना नेताओं के लिए आम बात हो गई है, जिसको लेकर लोगों में भी नेताओं के प्रति उनकी प्रतिष्ठा अब कोई मायने नहीं रखती। अपने को ऊंचा दिखाने के लिए सदन में हर बार बहस इतनी ज्यादा बढऩे लगी है कि नौबत हाथापाई तक पहुंचने लगी है।
पंचकूला(धरणी): सदन की मर्यादा को गिराना नेताओं के लिए आम बात हो गई है, जिसको लेकर लोगों में भी नेताओं के प्रति उनकी प्रतिष्ठा अब कोई मायने नहीं रखती। अपने को ऊंचा दिखाने के लिए सदन में हर बार बहस इतनी ज्यादा बढऩे लगी है कि नौबत हाथापाई तक पहुंचने लगी है। पंजाब केसरी से खास बातचीत के दौरान चर्चा करते हुए राज्यमंत्री कृष्ण बेदी ने कहा कि जब बीजेपी की सरकार बनी थी तो मुख्यमंत्री ने तय किया था कि सदन का समय घटता जा रहा है और हम इस परंपरा को बदलेंगे। हम विधानसभा सत्र को बढ़ाने का काम करेंगे ताकि जनहित के मुद्दों पर खुलकर चर्चा की जा सके।
बीजेपी ने पहली बार शीतकालीन सत्र शुरू कर नई परंपरा की शुरूआत की है लेकिन सत्र के पहले दिन ही विपक्ष के लोगों ने कोई सकारात्मक चर्चा नहीं की। बेदी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए गन्ने का रेट 10 रुपए बढ़ाया है, जिससे किसानों की आॢथक स्थिति मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि आज किसान का गन्ना प्रदेश में ही नहीं देश में भी 340 रुपए के भाव से पहले नंबर पर है।
राज्य मंत्री ने कहा कि बिजली की दरों में गिरावट कर मुख्यमंत्री ने एक मैराथन कदम उठाया है, लेकिन विपक्ष बेवजह की बातें कर सदन का समय खराब कर रहा है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि नेता प्रतिपक्ष को तो उनके नेता ही नेता प्रतिपक्ष मानने को तैयार नहीं। सदन कोई जंग का मैदान नहीं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि फैसला तो विधानसभा व लोकसभा के चुनाव में हो जाएगा। पहले भी हमने कुरुक्षेत्र में इनकी जमानत जब्त करवाकर दिखाई थी और आने वाले समय में भी इसका फैसला कुरुक्षेत्र के मैदान में होगा।