हरियाणा में होने वाले निर्णयों के लिए रात को ही CM की जेब में पर्ची डाल दी जाती है : कासनी (Video)

Edited By Deepak Paul, Updated: 24 Jun, 2018 11:15 AM

हाल ही में आई.ए.एस. सेवा से सेवानिवृत्ति के बाद कांग्रेस में शामिल हुए प्रदीप कासनी ने हरियाणा सरकार व भाजपा पर तीखा हमला बोला है। कासनी ने पंजाब केसरी टी.वी. से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा है कि हरियाणा में सरकार नागपुर से चलती है। कासनी ने कहा है...

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): हाल ही में आई.ए.एस. सेवा से सेवानिवृत्ति के बाद कांग्रेस में शामिल हुए प्रदीप कासनी ने हरियाणा सरकार व भाजपा पर तीखा हमला बोला है। कासनी ने पंजाब केसरी टी.वी. से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा है कि हरियाणा में सरकार नागपुर से चलती है। कासनी ने कहा है कि हरियाणा में होने वाले निर्णयों के लिए रात को ही मुख्यमंत्री की जेब मे पर्ची डाल दी जाती है। कासनी कहते हैं कि भाजपा के आई.टी. सैल ने दुष्प्रचार के तहत राहुल गांधी की छवि पर जो हमला किया था,अब जनता उसे पहचान चुकी है। इसीलिए राहुल गांधी एक ताकत के रूप में उभरने से अब भाजपा को खतरा नजर आ रहा है।प्रस्तुत हैं प्रदीप कासनी से पंजाब केसरी प्रतिनिधि चंद्रशेखर धरणी  की एक्सक्लूसिव बातचीत के प्रमुख अंश

प्र: प्रदीप  कासनी जी कांगे्रस में आपकी एंट्री हुई राहुल गांधी की उपस्थिति में आपका माध्यम कौन रहा? 
उत्तर-  माध्यम राहुल गांधी है उनकी विचारधारा और उनका व्यक्तित्व है। इस समय ये देश जिस तरह मुसीबतों में घिरा हुआ है उनसे बाहर निकलने का उनका जज्बा और समझदारी। 

प्र: कांग्रेस  में आने की आपने क्यों सोची, अन्य दल भी हैं?
उत्तर  -आज का जो राजनीतिक माहौल है उस पर गौर करेंगे तो आप देखेंगे कि सांप्रदायिक ताकते कोपेरेट कैप्टल की खुली वकालत करने वाली ताकते सत्ता पे काबिज हैं और वो समाज को तरह-तरह से बांट के अपनी हकुमत को चलाना चाहती हैं न कि लोगों के काम, गरीबों की जरूरतों को पूरा न करके वैसे तो आज तो पूरा देश ही निर्धनता के कगार पर खड़ा है इन सब की तरफ देखे बगैर लोगो पर हकुमत चलाना चाहते हैं, केवल हिन्दू-मुसलमान केवल गांव शहर, हरियाणा, पंजाब करके जम्मू का नाम कश्मीर करके इस तरह की खतरनाक राजनीति करके देश-प्रेम को देशद्रोह बना दिया गया है, जहा पर ऐसे इशू बना दिए हैं। ऐसे में इन सब से निजात जो दिलवा सकते है और भव्य दृष्टि जिस के पास है और बहुत बड़ा संगठन और राष्ट्र के एक कोने से दूसरे कोने तक संगठन की उपस्थिति अगर कहीं है सारे दुष्प्रचार के बावजूद तो वो राहुल गांधी की कांग्रेस में है। सभी विषयों पर विचार करके मैं कांग्रेस में शामिल हुआ हूं और ता जिंदगी कांग्रेस में रहने वाला हूं।

प्र: अगर बात की जाए कांग्रेस की तो हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी शैलजा, अशोक तंवर, कुलदीप बिश्नोई, कई ग्रुप हैं?
उत्तर-  अशोक तंवर कोई गुट नहीं वो प्रदेश प्रधान हैं, अगर आप कांग्रेस कार्यालय जाएंगे तो वहां अशोक तंवर आपको अध्यक्ष होने के नाते वहां मिलेंगे। अशोक तंवर को बाईपास करके अगर कांग्रेस में जाना चाहोगे तो क्या कोई रास्ता है। क्या मैं संगठन की गरिमा को समझता हूं संगठन में पदाधिकारियों को केंद्रीयता दिए बगैर आप चुस्ती, फुर्ती और संगठन को लड़ाई के लायक नहीं बना सकते हैं। 

प्र: भूपेंद्र सिंह हुड्डा की पत्नी आशा हुड्डा आपकी गुरु रही हैं उसके बावजूद आप?
उतर - व्यक्तिगत रूप से हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है। संगठनिक तौर पर उनके कोई प्रश्न है कोई सवाल है तो हम उनके पास बार-बार जाएंगे। कांग्रेस एक बड़ा संगठन है जिसमें बहुत सारे नेता व कार्यकत्र्ता हैं अपने अपने तरीके से काम करने वाले है उसको हम गुट बाजी नहीं कह सकते। कांग्रेस हमेशा नाजुक मोड़ पर एक साथ खड़ी होती है ये आज तक का इतिहास रहा है।

प्र: पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा 10 साल मुख्यमंत्री रहे हैं उनके कार्यकाल में आप हरियाणा में आई.ए.एस. रहे हैं 33 साल आपने सेवाएं दी हैं हुड्डा के कार्यकाल में कहीं न कहीं उनसे मनमुटाव देखा गया है बार-बार तबादले भी आपके होते रहे हैं?
उत्तर-   संगठन है और सरकार आती है तो सरकार है सरकारी ढांचे में उसका अमल अलग तरीके से होता है। बहुत ज्यादा लिटिगेशन है सरकार में कोई मेरे अकेले के साथ तो हुई नहीं है इसलिए इसको ज्यादा महत्व न दें। जो उस सरकार में रहते बात आई नियुक्तियां और मनमानी का मामला था उसमें भ्रष्टïाचार का कोई मामला नहीं था। उसके अलावा सार्वजनिक तौर पर उनकी सरकार में मेरे कोई इशू थे नहीं। तो आज एक संगठन में रहते हुए कोई काम करने में कोई दिक्कत आती नहीं तरह तरह की यात्राएं चलती रहती हैं अच्छी बात है एक बड़ा संगठन में ही होता है।

प्र: सेवानिवृत्ति के बाद भाजपा, इनैलो,आम आदमी पार्टी ये दल भी आपको अपनी तरफ लाने में कोशिश की होगी?
उतर - आम आदमी पार्टी तो नहीं, इसकी जगह स्वराज पार्टी ने कोशिश की थी वो आज भी मेरे दोस्त हैं। उन्होंने किसानों के समस्याओं को लेकर एक समझदारी विकसित की है। योगेंद्र यादव इस बारे में उसने बात भी हुई है, लेकिन पार्टी ज्वाइन करने के लिए हमें फैसला दोस्तों की राय लेक र करना था और सारे मुद्दे जो हमारे जहन को कुरेदते रहे हैं, जो हरियाणा की जनता से संबंधित है। इस तस्वीर में कांग्रेस के साथ जाने से बेहतर और कोई रास्ता नहीं हो सकता। 

प्र: आपको अभय चौटाला मिले?
उत्तर -बड़े चौटाला(ओम प्रकाश चौटाला) भी मिले। आप के डिप्टी सी.एम. मनीष सिसौदिया भी मिले, अनिल विज से भी बात हुई। अनिल विज में भी ईमानदारी है, बोलने में परिपक्वता है उनका मैं आज भी कायल हंू और कोई किसी भी पार्टी में हो सामाजिक संबंध होना चाहिएं आगे भी रहेंगे। 

प्र: हरियाणा की राजनीति जातीय संतुलन और वर्गीकरण पर आधारित है कासनी आपका गांव का नाम है आपका गौत्र क्या है?
उत्तर:  अगर आप समाज और राजनीति में जाते हैं तो वह जाति पहचानना जरूरी है आज के समय 2 ही जातियां हैं एक कमेरे की दूसरी लुटेरे की। 

प्र: टिकटों के बंटवारे में जाट और नॉन जाट की लड़ाई चल रही है?
उत्तर - मैं भी  जाट हूं मैं  श्योराण  गौत्र  से हूं। आज सभी जाति से किसान हैं। आप गरीबों की सहायता करना सीखें, जाति हमें बांटने की कोशिश है, इससे हमें बचना चाहिए

प्र: अगला टारगेट लोकसभा या विधानसभा?
उत्तर - मेरा टारगेट आर.एस.एस. व भाजपा  से  केंद्र व प्रदेश के लोगों को इससे राहत दिलवाना है जिसका आखिरी प्राय: चुनाव लडऩा है।

प्र: आर.एस.एस. भाजपा  जिनके प्रचार ने राहुल गांधी को पप्पू बना दिया आपने उस पप्पू को उस दिन प्रैसवार्ता में आपने सुरक्षा देने की कोशिश की आप इन चीजों का विरोध कैसे करेंगे?
उत्तर - मैंने आज तक के इतिहास में सबसे ज्यादा किताबें अध्ययन की हैं, जिसमें कांग्रेस का इतिहास पंडित जवाहर लाल नेहरू की, महात्मा गांधी, जीवनी और आर.एस.एस. के बारे में व हिन्द स्वराज सहित अनेक किताबे पड़ी हैं और राहुल गांधी से लंबे समय  मिलने के  बाद मुझे  राहुल गांधी में जवाहरलाल नेहरू नजर आए क्योकि नेहरू जी जेल गए कुर्बानियां दीं। नेहरू जी राजनीतिज्ञ नहीं थे वो एक बड़े राजनेता थे जिनके प्रधानमंत्री बनने से हिंदुस्तान की दुनिया भर में धाक थी। आज राहुल गांधी भी एक आम आदमी के बारे में सोचते हैं, इसलिए उन्हें राजीति का ज्ञान न होने की जो बाते हैं उनको मैं धयर स्याही करता हूं।

प्र: ओ.पी. धनखड़ ने आपके कांग्रेस में शामिल होने के बाद जो बयान दिए उस पर आपका क्या कहना?
उत्तर - उस बयान कोई तथ्य नहीं है। उन्होंने मेरे पिताजी के बारे कहा कि वो मेरी नौकरी के लिए कांग्रेस में शामिल हो गए मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि मेरे पिताजी पहले कांग्रेसी ही थे बाद में वो कुछ समय के लिए लैफ्ट में आए फिर वापस कांग्रेस में चले गए वो चौधरी देवीलाल के रिश्तेदार भी थे और वो वापस कांग्रेस में आए इससे पहले मैं नोकरीं लग चुका था और मैं अपने दम पर मैरिट पर नौकरी लगा। उन्हें तो पता भी नहीं था कि मैं नौकरीं लग गया बाद में पता चला। धनखड़ मेरे बारे में कुछ कहे, लेकिन मेरे पिता के बारे में बिना तथ्य ऐसी बातें कहे, वो शोभा नहीं देता और न ही मैं इस बात को ज्यादा महत्व नहीं देता।

प्र:  आपके 33 साल नौकरी के सफर में 71 तबादले क्या वजह रही?
उत्तर:  वो अतीत की बातें हैं सरकार तबादले करती है वो सरकार बताए। ये सरकार का एक ढकोसला है। मैंने कई बार कोशिश की आर.टी.आई. के जरिए जवाब मांगने की। कोर्ट के माध्यम से भी, वहां उन्होंने कहा कि ये एक कमेटी का मामला है और जमीन अधिग्रहण सही नहीं कि इस मामले में मेरा मनोहर सरकार ने भी तबादला कर दिया। इनका कहना था कि जमीन के रेट ज्यादा हैं तो मैंने कहा कि किसानों के प्रति भी सोचें

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