चकजगतियां के व्यक्ति की पुर्तगाल में मौत

Edited By Naveen Dalal, Updated: 15 Jul, 2019 09:56 AM

death of a person in chile

समय सुबह 4 बजे। अचानक गांव चकजगतियां के सरपंच के मोबाइल पर घंटी बजी जिसे सुनकर सरपंच के पांव तले जमीन खिसक गई और वह भागता हुआ अपने पड़ोसी जसपाल के घर पहुंचा। उन्हें बताया कि अब उसका होनहार बेटा जजविंद्र (27) इस दुनिया में नहीं रहा। ये सुनते ही जसपाल...

थानेसर (नरुला): समय सुबह 4 बजे। अचानक गांव चकजगतियां के सरपंच के मोबाइल पर घंटी बजी जिसे सुनकर सरपंच के पांव तले जमीन खिसक गई और वह भागता हुआ अपने पड़ोसी जसपाल के घर पहुंचा। उन्हें बताया कि अब उसका होनहार बेटा जजविंद्र (27) इस दुनिया में नहीं रहा। ये सुनते ही जसपाल सिंह कुछ पल के लिए बेहोश हो गया। चकजगतियां का जजविंद्र अपने परिवार का कर्ज उतारने के लिए पुर्तगाल गया था। वह अपने परिवार का कर्ज तो नहीं उतार पाया किन्तु अपनी जान पुर्तगाल में अवश्य गंवा आया जिसमें उसके 3 अन्य दोस्तों की भी मौत हो गई।

सरपंच ने बताया कि जजविंद्र विवाहित था जिसके 2 बच्चे हंै जिसमें एक लड़का सहजदीप (5) व लड़की सिरतकौर (4) है। सरपंच ने बताया कि फोन से उन्हें सूचना मिली थी कि जसपाल का बेटा जजविंद्र अपने 3 दोस्तों के साथ काम से लौटने के बाद घरेलू सामान खरीदने पुर्तगाल के बाजार से होता हुआ वापस जा रहा था कि उसकी गाड़ी पेड़ से टकराकर खाई में गिर गई जिसमें चारों युवकों की मौत हो गई।

मां, पत्नी व पिता का रो-रोकर हुआ बुरा हाल
जजविंद्र की यादों को आंखों में समाए उसकी पत्नी सतविंद्र तो मानो पत्थर की मूॢत लग रही थी। उसके दोनों बच्चे उसकी गोद में बैठकर सांत्वना देने वाले लोगों को दोटूक देखते रहे। परिजन उस दिन को कोस रहे थे, जब वह पुर्तगाल गया था। बच्चों के साथ उनका दादा भी जजविंद्र के आने की राह अपने घर के दरवाजे पर टकटकी लगा देखते रहे। रुदन अवस्था में सांत्वना देने वाले सगे-संबंधी उन्हें ढांढस बंधाते रहे।

राज्यमंत्री बेदी व पुत्र गौरव ने परिजनों को दी सांत्वना
घटना की जानकारी मिलते ही जहां राज्यमंत्री कृष्ण बेदी ने फोन से परिजनों को सांत्वना दी व उनके मृतक बेटे का शव जल्द भारत लाने का आश्वासन दिया। उनकेपुत्र गौरव बेदी ने चकजगतियां पहुंचकर परिजनों को सांत्वना दी व पूरी मदद करने की बात कही। उन्होंने मृतक केपासपोर्ट की कॉपी व डिटेल लेकर आगामी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया ताकि जल्द से जल्द शव भारत लाया जा सके।

लोहड़ी मनाने आया था जजविंद्र
परिजनों ने बताया कि इस वर्ष 12 जनवरी को जजविंद्र घर आया था ताकि बच्चों के साथ लोहड़ी मना सके। वह बच्चों के लिए बहुत से खिलौने भी लाया था।

 

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