मृृत कौवों ने बढ़ा दी लोगों की चिंता, वीरान हुआ ओ.पी. जिंदल पार्क

Edited By Manisha rana, Updated: 03 Feb, 2021 08:53 AM

dead ravens increased people s concern op deserted jindal park

मंगलवार सुबह जैन जीव दया केन्द्र के पदाधिकारी संजय जैन को सूचना मिली कि ओ.पी. जिंदल पार्क में करीब 15 से 20 कव्वे मृत पड़े है। इनमें से कुछ तडफ़ रहे हैं। ऐसे में उन्होंने मौके पर जाकर लोगों को जागरूक किया...

यमुनानगर : मंगलवार सुबह जैन जीव दया केन्द्र के पदाधिकारी संजय जैन को सूचना मिली कि ओ.पी. जिंदल पार्क में करीब 15 से 20 कव्वे मृत पड़े है। इनमें से कुछ तडफ़ रहे हैं। ऐसे में उन्होंने मौके पर जाकर लोगों को जागरूक किया। समझाया कि जब तक आर.आर.टी. इन्हें गाइड लाइन के हिसाब से डिस्पोज आफ नहीं करती तब तक इनके नजदीक न जाएं और न ही इन्हें छुएं। सूचना पर सैर करने वाले लोग भी वापिस लोट गए। कुल मिलाकर इस पार्क में सुबह के समय हजारों लोग सैर करते हैं, जो मंगलवार को सैर करने वालों की गिनती उंगली पर रह गई। वो भी बचते बचाते सैर करते नजर आए।

इस मौके पर सैर करने आए माम चन्द, सोनू गुप्ता, विकास कुमार व अनिल दत्ता ने बताया कि उन्होंने पशु पालन विभाग के मुख्यालय और स्थानीय कार्यालय में फोन किया। लैंड लाइन और मोबाइल किसी पर भी फोन नहीं उठाया गया। इस तरह की लापरवाही की लोगों ने निंदा की है। उनका कहना है कि बर्ड फ्लू दस्तक दे चुका है। कम से कम विभाग लोगों को जागरूक तो करें। चाहे वो सोशल मीडिया से या फिर शहर में बैनर आदि लगाकर। अभी तक उन्हें यहां कुछ नजर नहीं आ रहा। वे क्या करें क्या न करें। शहरवासियों का कहना है कि ऐसे लापरवाह अधिकारियों की शिकायत डी.सी., शहर विधायक, शिक्षामंत्री एवं भाजपा जिला अध्यक्ष से की जाएगी। उनके पास काल करने के स्क्रीन शाट है। यदि आदमी एक समय काल न उठाने के लिए व्यस्त है तो काल बैक करना भी उसकी जिम्मेदारी है। 

ऐसे बच सकते हैं बर्ड फ्लू से
बर्ड फ्लू से बचने के लिए पक्षियों तथा जानवरों से सामान्य दूरी बनाए रखे साथ ही, पक्षी की डेड बॉडी के पास नहीं जाना चाहिए। अगर आप पक्षियों के पास जाते है और उनका मल साफ करते है तो ग्लव्स पहनकर करे। यदि पक्षियों के द्रव से संपर्क में आते है या उनको हाथ से छुते है तो साबुन से अपने हाथों को जरूर धोना चाहिए। बर्ड फ्लू वायरस से बचने के लिए समय-समय पर हाथों को सैनिटाइज बेहद जरुरी होता है। पक्षियों से संबंधित कार्य या जो लोग वन विभाग में काम करते है उन्हें जानवरों और पक्षियों से सावधानी बर्तनी चाहिए।

अगर पक्षियों के द्रव या मल से संक्रमित हाथ मनुष्य अपने मुंह पर लगाता है तो उसमे भी संक्रमण आने का खतरा बना रहता है। पोल्ट्री फार्म या प्रभावित इलाकों में जाने से बचें साथ ही, किसी भी संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखें। सरफेस न छुए यानि कच्चा मांस या अंडे को छुते वक्त मुंह पर मास्क और हाथों पर ग्लव्स जरूर पहनें। चिकन को करीब 70-100 डिग्री सेल्सियस ताप पर पकाएं क्योंकि ज्यादा ताप से वायरस नष्ट हो जाता है। कच्चे मांस या अंडों को खाने की दूसरी चीजों से अलग रखना चाहिए ताकि बर्ड फ्लू से बचा जा सके और अपने आप को सुरक्षित रख सकें।

ऐसा हुआ तो बुरे लक्षण
एनीमल हस्बेंडरी से रिटायर्ड सीनियर डिप्टी डायरेक्टर डा. सुबोध शर्मा से जब इस बारे बात की गई तो उन्होंने बताया कि अगर कव्वे मृत मिले हैं या तडफ़ रहे हैं तो ये बुरे लक्षण है, क्योंकि बीती रात ठंड भी इतनी अधिक नहीं थी। ऐसे में ठंड मौत का कारण नहीं हो सकती। कहीं न कहीं ये बर्ड फ्लू का अंदेशा हो सकता है। ये तभी स्पष्ट होगा कि जब टैस्ट करवाए जाएंगे। टैस्ट भोपाल, दिल्ली व जालंधर में हो रहे हैं। कम से कम टेस्ट रिपोर्ट के बाद लोगों का विश्वास तो बहाल होगा। फिलहाल उनकी सलाह है कि जब तक आर.आर.टी. इन्हें डिस्पोज आफ नहीं कर देती और रिपोर्ट नहीं आ जाती तब तक सैर करने से बचें। 

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