सिलेंडर को ऐसे स्थान पर रखें जहां स्पार्किंग के चांस न हों, बीड़ी-सिगरेट से रखें दूर: विनोद मेहता

Edited By Manisha rana, Updated: 05 May, 2021 09:29 AM

cylinder in a place where there is no chance of sparking

इतिहास गवाह है कि जब-जब देश पर त्रासदी आई है गलत काम करने वाले लोग एक्टिवेट हुए हैं। आर्टिफिशियल कमियां दिखाकर, लोगों को डराकर, चीजों को महंगे दामों पर बेचा जाता...

चंडीगढ़ (धरणी) : इतिहास गवाह है कि जब-जब देश पर त्रासदी आई है गलत काम करने वाले लोग एक्टिवेट हुए हैं। आर्टिफिशियल कमियां दिखाकर, लोगों को डराकर, चीजों को महंगे दामों पर बेचा जाता रहा है। ब्लैक मार्केटिंग की जाती है। यह बात पंजाब केसरी से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल मीडिया एडवाइजर विनोद मेहता ने कही। साथ ही उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल सच है कि महामारी के डर से लोगों को प्राइवेट अस्पताल संचालक लूट रहे हैं। लेकिन आज से 15-20 साल पहले कोई आदमी इस गारंटी पर कत्ल कर देता था कि मैं किसी का फोन करवा दूंगा और मेरी जान छूट जाएगी। मेरी जमानत भी हो जाएगी। लेकिन आज हरियाणा में मनोहर लाल की सरकार में यह गारंटी कोई नहीं ले सकता कि मैं गलत काम करके आऊंगा और बच जाऊंगा। कालाबाजारी के इस खेल में जितने भी लोग पिछले 1 हफ्ते के दौरान पकड़े गए हैं। वह जेल में पड़े हुए हैं।चाहे वह किसी के भी रिश्तेदार थे।

मेहता ने कहा कि मैं एक आम नागरिक और पत्रकार होने के नाते कहता हूं कि केजरीवाल ने ऐसा भय फैलाया कि पूरी दिल्ली को हिला कर रख दिया। जिससे लोगों ने ऑक्सीजन स्टोर कर ली और जिन दवाइयों की जरूरत भी नहीं थी, वह उठा-उठा कर रख ली। जो इंजेक्शन हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं। वह भी उठाकर लोगों ने रख लिए। किसी भी संकट के वक्त, महामारी या युद्ध  के वक्त किसी भी पार्टी की लीडरशिप को पैनिक फैलाने से बचना चाहिए। अपने राजनीतिक लाभ लेने के लिए भय नहीं फैलाना जाना चाहिए। यह एक गंभीर समय है। जिसमें लोगों को साथ लेकर, उनका हौसला- आत्मविश्वास-मनोबल बढ़ाकर, उनकी उंगली पकड़कर साथ लेना पड़ता है। यह तो सभी को दिख रहा है कि 24-24 घंटे तक सरकार काम कर रही है। इस मौके पर विनोद मेहता ने कहा कि आज एक तरह से सेल्फ एमरजैंसी है। हमारे नागरिक कोरोना संक्रमण से परेशानी में है। दिक्कत में है। हमें उनका कैसे भी करके इलाज करवाना है। हमें लास्ट नागरिक तक सुविधाएं पहुंचानी हैं।

उन्होंने कहा कि आज सोसाइटी का एक बड़ा हिस्सा पैनिक फैलाने में लगा हुआ है। पहले प्राइवेट अस्पतालों को यह दिक्कत थी कि ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही। पहले इसका डर फैलाया गया। लोगों को कहा गया कि मरीज तो दाखिल कर लूंगा ऑक्सीजन का इंतजाम तुम्हें करना पड़ेगा। मरीज सोचता है कि पैसे कितने भी लगे जान बचनी चाहिए।वह प्राइवेट अस्पताल संचालक को ऑक्सीजन के लिए मोटी रकम भी देने के लिए तैयार हो जाता है। यह एक रिवेन्यू बढ़ाने की प्रैक्टिस हो रही है। इसे रोकने के दो तरीके हैं पहला सरकार डंडा दे। जो कि सरकार ने शुरू कर दिया है। पर यह खेल सप्लाई और आपूर्ति से काबू आएगा। आज हमारी मीटिंग में सप्लाई बढ़ाने पर डिस्कस हुआ है। जिसके बाद डॉक्टरों का बहाना खत्म हो जाएगा। दूसरा बहाना था कि बेड नहीं है। अगर बेड है, तो आईसीयू नहीं है। हम लोग यह कोशिश कर रहे हैं कि जितने मेडिकल कॉलेज किसी कारण से अंडर यूटिलाइज्ड हैं। उनका यूटिलाइजेशन बढ़ाया जाए। उसके बाद इस प्रकार की शिकायतें खत्म हो जाएंगी।

इस मौके पर विनोद मेहता ने कहा कि आज महामारी अपने चरम पर है और प्रदेश में ऑक्सीजन की भारी कमी करीब 2 दिन में पूरी हो जाएगी।  161 मेट्रिक टन ऑक्सीजन लेकर ट्रेन ग्रीन कॉरिडोर बनाकर आ चुकी है । उसके बाद 12 घंटे में डीलोड और 12 घंटे ही लोगों तक पहुंचने में लगेंगे। हरियाणा में जरूरत से 15 फ़ीसदी ऑक्सीजन की मात्रा अधिक हो जाएगी। जिसके बाद मुख्य समस्या खत्म हो जाएगी। इसकी मॉनिटरिंग खुद मुख्यमंत्री कर रहे हैं। प्रदेश सरकार दिन रात एक किए हुए हैं।

इस मौके पर विनोद मेहता ने लोगों से अपील की कि जो अपने घरों में ऑक्सीजन के सिलेंडर रखे हुए हैं। वह सिलेंडर को ऐसे स्थान पर रखें जहां स्पार्किंग के चांस न हों, बीड़ी-सिगरेट से दूर रखें और घर में मोमबत्ती इत्यादि न जलाएं। सुरक्षा के कवच के साथ इस सिलेंडर को रखें और आस पड़ोस में अगर किसी को जरूरत पड़े तो उन्हें यह मदद दे, भरने की जिम्मेदारी सरकार की रहेगी। आपको दिक्कत नहीं आने देंगे। अब तक सबके जहन में यह समस्या थी कि अगर खत्म हो गया तो कहां से भरवाउँगा। लाइनों में लगना पड़ेगा। अगले दो-तीन दिन में यह स्थिति नॉर्मल हो जाएगी। जिस प्रकार से एलपीजी गैस फोन पर मिलती है, मुख्यमंत्री मनोहर लाल  के अथक प्रयासों के कारण और जिस प्रकार से टीमें काम कर रही है। मुझे पूरा विश्वास है कि दो-तीन दिन में आपको उतनी ही आसानी से ऑक्सीजन भी मिलेगी।

विनोद मेहता ने आर्मी द्वारा आम नागरिकों के लिए अपने अस्पताल अलाउ करने के विषय पर कहा कि देश की आर्मी हमेशा सरप्लस सेवा के लिए तैयार रहती है। क्योंकि आर्मी के पास हर प्रकार की सुविधा है और हम उसको एक लास्ट टाइम के लिए इस्तेमाल करते हैं। उनको इस्तेमाल इसलिए भी करना चाहिए। क्योंकि उनकी भी एक्टिविटी रीसाइकिल होती रहनी चाहिए। मान लो 50 साल तक किसी चीज को इस्तेमाल ना करें और युद्ध के लिए वह सामान पड़ा है और वह पड़ा पड़ा जंग लग जाए तो इसके लिए आर्मी की रीसाइक्लिंग पब्लिक की सेवा के लिए कभी-कभी होनी चाहिए। इसमें कोई बुरी बात नहीं है। वैसे आर्मी को इसलिए सीधा इस्तेमाल नहीं किया जाता क्योंकि पब्लिक और आर्मी के बीच में एक गैप भी रहना चाहिए।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा पहले भी मीडिया के लिए कई अच्छे कदम उठाए गए हैं। रिटायर हुए पत्रकारों को हर 7 तारीख को उनके घर में 10 हजार रुपए की पेंशन का मैसेज पहुंच जाता है। लेकिन कोविड की सुरक्षा कवच के बारे में मेरे संज्ञान में जो विचार आपने डाला है वह सरकार से डिस्कस करके अच्छे फॉर्म में इंप्लीमेंटेशन करवाने की कोशिश करूंगा। ताकि पत्रकार काम करते वक्त अपने आप को सुरक्षित महसूस करें। जिस प्रकार से पंचकूला और चंडीगढ़ के सभी पत्रकारों के लिए एक जगह वैक्सीनेशन की व्यवस्था की गई है। हम यह भी सोच रहे हैं कि वैक्सीनेशन की उपलब्धता बढ़ते ही जिला लेवल पर भी पत्रकारों का वन अंडर-वन रूफ वैक्सीनेशन करवा दें और इन्हें सुरक्षा देने के लिए ग्रुप इंश्योरेंस पर भी विचार किया जा सकता है। क्योंकि यह महकमा खुद मुख्यमंत्री जी के पास है तो उनसे डिस्कस करने के बाद ही इस पर निर्णय करवाने की मैं कोशिश करूंगा।

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