करोड़ों का टैक्स घोटाला आया सामने : फर्जी दस्तावेजों के आधार पर फर्म बनाकर लिया GST नंबर

Edited By Manisha rana, Updated: 04 Sep, 2020 02:14 PM

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फर्जी कागजातों के आधार पर जी.एस.टी. नम्बर लेकर टैक्स इनपुट लेते हुए सरकार को चूना लगाने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं...

पानीपत (संजीव) : फर्जी कागजातों के आधार पर जी.एस.टी. नम्बर लेकर टैक्स इनपुट लेते हुए सरकार को चूना लगाने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। डी.ई.टी.सी. (जी.एस.टी.) की जांच में काबड़ी रोड के पते पर रजिस्टर्ड एक ऐसी ही फर्जी फर्म का खुलासा हुआ है जो धरातल पर मौजूद ही नहीं है तथा जिसमें 2 में करोड़ों रुपए कीमत के 19 बिल काटकर सरकार को करीब 15 करोड़ रुपए चूना लगाया गया है।

इतना ही नहीं फर्जी काटे गए बिलों के आधार पर ही टैक्स इनपुट का लाभ भी लिया गया है। इस फर्म के लिए जी.एस.टी. नम्बर लेने के लिए दिल्ली के एक व्यक्ति के आधार कार्ड, पैन कार्ड, फर्जी मोबाइल नम्बर, फर्जी दस्तावेजों, फोटो आदि का सहारा लिया गया है। पूरे मामले का खुलासा होने के बाद टैक्सेशन इंस्पैक्टर ने मामले की शिकायत पुलिस को दी है। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। 

वार्ड नं.-1 एक के कर निरीक्षक डा. नरेन्द्र दहिया ने मैमो संख्या 3645/ई.टी.ओ.-वार्ड नं.-1 के तहत पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि दिल्ली निवासी प्रदीप कुमार पुत्र रविन्द्र कुमार निवासी दिल्ली के दस्तावेजों के आधार पर पानीपत के काबड़ी रोड पर विजय लक्ष्मी इंटरप्राइजेज के नाम से एक फर्म 2017 में खोली गई थी। इसी फर्म के आधार पर ही उक्त व्यक्ति के दस्तावेजों का इस्तेमाल करते हुए जी.एस.टी. नम्बर लिया गया। विजय लक्ष्मी इंटरप्राइजेज नामक इस फर्म में दो साल के भीतर 19 बिलों को काटा गया है, जिन पर करीब 15 करोड़ रुपए का टैक्स बनता है। 

जबकि फर्म की ओर से एक पैसा भी टैक्स जमा नहीं करवाया गया। टैक्स जमा न होने की स्थिति में शक होने पर जब विभाग ने फर्म की जांच शुरू करते हुए मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया। जब विभाग की टीम मौके पर पहुंची तो खुलासा हुआ कि दिए गए पते पर इस नाम की कोई फर्म ही मौजूद नहीं है। वहीं जांच में यह भी सामने आया है कि बिजनैस एड्रेस पू्रफ के तौर पर रैंट एग्रीमैंट अपलोड़ किया गया है। साथ ही पोर्टल पर फर्जी एकाऊंट डिटेल व दस्तावेज अपलोड़ होने पाए गए।

चूंकि फार्म के प्रोपराइटर के तौर शहादरा दिल्ली के प्रदीप कुमार का आधार कार्ड व पैन नम्बर अपलोड किया गया था तो विभाग ने प्रदीप को नोटिस जारी करते हुए जांच में शामिल होने को कहा। जिस पर प्रदीप ने बताया कि उसने अपने जीवन में कभी भी जी.एस.टी. नम्बर नहीं लिया है। उसे इस प्रकार की फर्म होने की भी कोई जानकारी नहीं है। 

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