कॉरिडोर पंजाब को दोबारा आतंकवाद से दहलाने की साजिश : बख्शी

Edited By Deepak Paul, Updated: 06 Feb, 2019 10:32 AM

corridor plot to terrorize punjab again bakshi

सेना मैडल व विशिष्टï सेवा मैडल से सम्मानित पूर्व मेजर जनरल जी.डी. बख्शी ने मंगलवार को कहा कि करतारपुर साहिब का कॉरिडोर शांत पंजाब को दोबारा से आतंकवाद से दहलाने की घिनौनी साजिश है।

गोहाना(अरोड़ा): सेना मैडल व विशिष्टï सेवा मैडल से सम्मानित पूर्व मेजर जनरल जी.डी. बख्शी ने मंगलवार को कहा कि करतारपुर साहिब का कॉरिडोर शांत पंजाब को दोबारा से आतंकवाद से दहलाने की घिनौनी साजिश है। पाकिस्तान इस कॉरिडोर से आतंकवादियों की घुसपैठ करवाने के मनसूबे पाले हुए हैं। उन्होंने कहा कि बहुत हो चुका अङ्क्षहसा का राग, अब शक्ति की साधना करो।बख्शी वैल्कम फाऊंडेशन वैल्फेयर सोसायटी के आयोजन में शहीदों और स्वाधीनता सेनानियों के परिजनों को सम्मानित करने के लिए आए थे तथा सोसायटी के संस्थापक के.सी. शर्मा के साथ पत्रकारों से मुखातिब हो रहे थे। उन्होंने देश में सबसे लम्बे समय तक सत्ता में रही कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने एक सोची-समझी योजना के तहत नेताजी सुभाष चंद्र बोस, शहीद-ए-आजम भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद जैसे महापुरुषों की खुली उपेक्षा की। 2014 में राज बदलने के बाद परिवर्तन की बयार बहने लगी तथा इस बार के गणतंत्र दिवस समारोह में पहली बार आजाद हिन्द फौज के सेनानियों को सम्मान मिला।

बख्शी ने कहा कि पहले पी.एम. जवाहर लाल नेहरू ने ब्रिटिश शासन से बाकायदा समझौता किया था कि आजाद ङ्क्षहद फौज के सदस्यों को भारतीय सेना में शामिल नहीं किया जाएगा, उन्हें पैंशन नहीं दी जाएगी तथा उन्हें गद्दार ट्रीट किया जाएगा।  जी.डी. बख्शी ने कहा कि अगर आज मोहन दास कर्मचंद गांधी जीवित होते, खुद अपनी जुबान से मान लेते कि अङ्क्षहसा से आजादी हासिल होने का दावा कोरा झूठ है। उन्होंने कहा कि सत्याग्रह की ताकत आजमानी हो तो चीन और पाकिस्तान के साथ सत्याग्रह करके देख लो। रिटायर्ड मेजर जनरल कहा कि देश को इजरायल का अनुकरण करना होगा जो अपना एक सैनिक मरने पर दुश्मन के 15 सैनिकों की गर्दनें कलम कर देता है। 
वह बोले कि नपुंसक हम भी नहीं है, हमें अङ्क्षहसा का राग छोड़ कर शक्ति की साधना करना होगी। उन्होंने कहा कि महाभारत होता है तो हो जाने दो, एक बार आर-पार हो जाने दो।

अपने सैनिकों के खून की कीमत समझो, उसे यूं ही बेकार न बहने दो
पूर्व मेजर जनरल ने हरियाणवी युवाओं का आह्वïान किया कि वे सशस्त्र सेनाओं का नेतृत्व करने के लिए आगे आएं, सोच बड़ी करो, सिपाही नहीं, सैन्य अफसर बनने की सोचो। जिन चक्रवर्ती राजा भरत के नाम पर देश का नाम भारत पड़ा, वह कहीं ओर नहीं वरन हरियाणा की पावन माटी में जन्मे सपूत थे। उनके विचार से देशभक्ति की क्रांति की ङ्क्षचगारी गांवों से ही फूटेगी।

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