कोरोना वायरस ने रंग में डाला भंग, इस बार महंगी पड़ेगी होली

Edited By Isha, Updated: 27 Feb, 2020 11:20 AM

corona virus dissolved in color indian market becomes  colorless

चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते इस बार होली स्वदेशी होगी। बाजार से चाइनीज उत्पाद गायब हैं और स्वेदशी पिचकारी, रंग, गुब्बारों की भरमार है। हालांकि मेड इन इंडिया उत्पादों के दाम......

फरीदाबाद (महावीर गोयल) : चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते इस बार होली स्वदेशी होगी। बाजार से चाइनीज उत्पाद गायब हैं और स्वेदशी पिचकारी, रंग, गुब्बारों की भरमार है। हालांकि मेड इन इंडिया उत्पादों के दाम चाइनीज उत्पादों के मुकाबले दोगुने तक महंगे हैं। बाजार में फैंसी आइटम भी इस बार स्वदेशी ही हैं। चीन में कोरोना वायरस का प्रकोप है। इस कारण चीन से विभिन्न उत्पादों का आयात प्रभावित हुआ है। व्यापारियों के मुताबिक होली के चाइनीज उत्पादों का पूर्व में किया गया स्टॉक पहले ही बिक चुका है।

फिलहाल होली का जो स्टॉक व्यापारी मंगा रहे हैं उसमें अधिकांश उत्पाद मेड इन इंडिया हैं। 10 मार्च को होली है। धीरे-धीरे होली की तैयारी शुरू होने लगी हैं। इस बार होली के बाजार में चाइनीज रंग से लेकर पिचकारियां और अन्य उत्पाद कम देखने को मिलेंगे। दरअसर, कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण चाइनीज उत्पाद देश में नहीं आ रहे हैं। ऐसे में इसबार होली पर देसी उत्पादों की झलक बाजार से लेकर घरों तक ज्यादा देखने को मिलेगी। इससे पहले पिछले एक दशक से तकरीबन हर त्योहार पर चाइनीज आइटम बाजार में मजबूती से पकड़ बना लेते थे।

दिवाली पर चाइनीज झालर और कैंडल तो रक्षाबंधन पर चाइनीज राखियां, यहां तक कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर भी चाइनीज हिडोले समेत सजावट के सामान बाजार में दिखायी पड़ते थे। होली पर भी चाइनीज पिचकारियां और रंग की बाजार में जमकर खरीदारी होती थी। लेकिन इस बार कोरोना वायरस की वजह से ये उत्पाद बाजारों में नहीं आ सकेंगे। पिछले साल की बची हुई पिचकारियां ही बाजार में दिखेंगी।

दामों मेें इजाफा
हर बार त्यौहारों पर चाइनीज उत्पादों की भीड़ रहती है। भारत में बने उत्पादों के दाम पहले ही चाइनीज उत्पादों के मुकाबले अधिक होते हैं। चीन से आयात रुकने पर इस बार दाम में और इजाफा हुआ है। यूपी व हरियाणा की फैक्ट्रियों में पिचकारी, कलर स्प्रे, रंग पटाखा बनाने का काम होता है। इस बार होली लोगों की जेब पर काफी महंगी होगी। पिछले साल जो पिचकारी 32 रुपये में खरीदी थी, वह इस बार 60 से 65 रुपये की है। भारतीय उत्पादों की गुणवत्ता बेहतर होती है। पिचकारी 30 रुपये से 500 रुपये तक है।

रंग और गुलाल के दामों पर कोई खास असर नहीं है। रंग-गुलाल के फैंसी आइटम भी अब भारत में बनने लगे हैं, लेकिन फैंसी आइटमों में चाइनीज उत्पादों की बिक्री अधिक होती है। ऐसे में इनके दाम महंगे हुए हैं। कलर स्मॉक की किट 50 रुपये से बढ़ कर अब 90 रुपये की हो गई है। किट के हिसाब से दाम अलग-अलग हैं। बाजार में कुछ ही चाइनीज उत्पाद मौजूद हैं। इसमें गुब्बारों की झाडू सबसे अधिक है। इसमें 50 से अधिक गुब्बारों में एक साथ पानी भरा जा सकता है। बाजार में कुछ चाइनीज स्प्रे भी मौजूद हैं। बाजार में होली को लेकर दुकानें सज गई हैं, लेकिन अभी ग्राहक कम ही हैं। थोक व्यापारियों का कहना है कि अभी दुकानों पर माल सप्लाई किया जा रहा है और रिटेल में होली से पांच से छह दिन पहले ही बिक्री तेज होगी। 


 

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