Edited By Isha, Updated: 24 Jan, 2020 10:26 AM
मीटर रीडर की मनमर्जी के आगे उपभोक्ता नतमस्तक होने लगे हैं। बिना रीड़िंग लिए आ रहे बिजली के बिल उपभोक्ताओं के लिए गले की फांस बनते जा रहे हैं। रोजाना मोबाइल पर फोटो खींचकर........
अम्बाला छावनी (हरिंद्र) : मीटर रीडर की मनमर्जी के आगे उपभोक्ता नतमस्तक होने लगे हैं। बिना रीड़िंग लिए आ रहे बिजली के बिल उपभोक्ताओं के लिए गले की फांस बनते जा रहे हैं। रोजाना मोबाइल पर फोटो खींचकर कार्यालय पहुंचने वाले उपभोक्ताओं की संख्या भी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। लेकिन प्राइवेट कर्मचारियों की कार्यशैली पर लगाम लगाने में विभागीय अधिकारी बेबस नजर आ रहे हैं।
बिजली निगम उपभोक्ताओं के लिए जो भी सुविधा शुरु करता है, वह सही मायने में आज भी उपभोक्ता की पहुंच से दूर है। बेशक विभाग समय-समय पर लोक अदालत लगाकर लंबित मामलों के निपटान की प्रक्रिया अपनाता है, लेकिन आज भी उपभोक्ताओं को बिजली कट, बिजली बिलों से जुड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे ही परेशानी एक बार फिर छावनी के उपभोक्ताओं के लिए शुरु हो गई। यह परेशानी एक डिवीजन की नहीं बल्कि सभी डिवीजन की है।
घरों में पहुंचने वाले मीटर रीडर फील्ड से गायब रहने लगे हैं इसलिए मनमर्जी मुताबिक रीड़िंग के हिसाब से बिल भेजे जा रहे हैं जो उपभोक्ताओं के लिए आने वाले समय में एक मुसीबत खड़ी कर सकता है क्योंकि जो भी बिल आ रहे हैं, उनमें अधिकांश की मीटर रीड़िंग की दुरुस्त नहीं है। कहीं कम तो कही ज्यादा खर्च का बिल उपभोक्ताओं को मिल रहा है। हद तो तब है कि जब उपभोक्ता बिल ठीक कराने के लिए विभागीय कार्यालय पहुंचता है तो उसे मीटर की फोटो खींचकर लाने के निर्देश दिए जाते हैं ताकि सही मीटर रीड़िंग के हिसाब से बिल बनाए जा सकें। कुछ उपभोक्ता इस और बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते, जब 5-6 महीन बाद सही मीटर रीड़िंग नोट की जाती है तो बिल हजारों रूपए में पहुंच जाता है जो आमजन के बस से बाहर होता है।