Edited By Shivam, Updated: 19 Aug, 2018 03:22 PM
हरियाणा सरकार प्रदेश के इतिहास को संजोय रखने के लिए करोड़ों रुपये खर्च करने का दावा कर रही है। अपने शासनकाल में सरकार द्वारा शुरू करवाये गए कई प्रोजेक्ट के पूरा होने का बखान भी किया जा रहा है। लेकिन हकीकत में यह दावे खोखले नजऱ आ रहे हैं। यमुनानगर का...
यमुनानगर(सुमित): हरियाणा सरकार प्रदेश के इतिहास को संजोय रखने के लिए करोड़ों रुपये खर्च करने का दावा कर रही है। अपने शासनकाल में सरकार द्वारा शुरू करवाये गए कई प्रोजेक्ट के पूरा होने का बखान भी किया जा रहा है। लेकिन हकीकत में यह दावे खोखले नजऱ आ रहे हैं। यमुनानगर का गांव टोपरा कलां जहां 50 करोड़ की लगत से बनने वाले अशोक स्तंब की घोषणा तो मुख्या मंत्री मनोहर लाल के द्वारा कर दी गई, लेकिन आज तक इस के लिए कोई भी पैसा न मिलने के कारण यह घोषणा भी कागजों तक सिमट कर रह गई। हालांकि अब तक इसमें जो भी थोड़ा बहुत काम हुआ है वह गांव की पंचायत अपने बलबूते पर करवा रही है।
यमुनानगर से लगभग 25 किलोमीटर दूर गांव पिपरा कला अपने आप में एक इतिहास समेटे हुए हैं। लगभग 2300 साल पहले अशोक सम्राट के शासनकाल में यहां एक स्तंभ बनाया गया था जोकि अशोक स्तंभ के नाम से मशहूर था। यह क्षेत्र व्यपार का केंद्र हुआ करता था और 24वीं शताब्दी में फिरोजशाह तुगलक इस स्तम्ब को यहां से उखाड़कर दिल्ली ले गया और उसने दिल्ली जाकर इसको फिरोजशाह कोटला मैदान में स्थापित कर दिया। सरकार और इलाका वासियों की मांग थी कि उसे फिर से गांव में दोबारा स्थापित किया जाए लेकिन यह तो मुमकिन नहीं हो सकता।
अब उसी की तर्ज पर ऐसा ही एक दम टोपरा कलां में बनाने का प्रोजेक्ट है जिसके लिए हरियाणा सरकार ने 50 करोड रुपए की घोषणा की थी, लेकिन आज तक इसके लिए एक भी पैसा नहीं दिया गया है। ऐतिहासिक धरोहर को संजोने की घोषणा कागजों में सिमट कर रह गई है। इस प्रोजेक्ट के लिए पंचायत ने 27 एकड़ जमीन भी सरकार को दे दी है।
लगभग 3 साल पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर आए थे तब उन्होंने इस प्रोजेक्ट के लिए 50 करोड रुपए की घोषणा की थी, लेकिन आज तक कोई भी आज तक कोई भी धनराशि नहीं दी गई है। पंचायत का कहना है कि जो थोड़ा बहुत काम हुआ है उसके लिए पंचायत ने पंचायती फंड से ही अठारह बीस लाख रुपए लगाए हैं।
इलाका वासियों की मांग है कि सरकार इस प्रोजेक्ट के लिए जल्द से जल्द पैसा दे, ताकि जल्द निर्माण कार्य पूरा किया जा सके। इसके पूरा होने पर यह क्षेत्र एक पर्यटक स्थल के रूप में उभरेगा और इसके साथ साथ ही लोगों को रोजगार भी मिलेगा।