कांग्रेस व बसपा के कम वोट प्रतिशत ने भाजपा को बनाया था ‘सिकंदर ’

Edited By Deepak Paul, Updated: 20 Mar, 2019 09:37 AM

congress and bsp s low vote percentage had made the bjp sikandar

2009 के लोकसभा चुनाव में भाजपा व इनैलो का गठबंधन होने के बाद भी दोनों पार्टियां को मात्र 23 प्रतिशत...

पानीपत(खर्ब): 2009 के लोकसभा चुनाव में भाजपा व इनैलो का गठबंधन होने के बाद भी दोनों पार्टियां को मात्र 23 प्रतिशत वोट मिले थे। वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में अलग चुनाव लडऩे पर अकेली भाजपा को थोक के भाव में 49. 84 प्रतिशत वोट मिले। 2009 के मुकाबले 2014 में भाजपा ने हर हलके में वोट प्रतिशत बढ़ाया जिस कारण लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को समालखा सीट छोड़ बाकी सीटें जीतने में आसानी रही। वहीं इनैलो भाजपा से अलग होने पर जमानत भी नहीं बचा पाई थी।

इस बार भी 2019 के चुनाव में सभी पार्टियां के अलग-अलग प्रत्याशी मैदान में दिखाई देंगे। हालांकि इनैलो-भाजपा गठबंधन की चर्चाएं चली थी जिस पर नेताओं ने ही विराम लगा दिया है।  2014 के चुनाव में भाजपा को आधे के बराबर वोट मिलने का मुख्य कारण कांग्रेस व बसपा के वोट कम होना मुख्य रहा। कांग्रेस व बसपा अपने वोट बैंक को नहीं संभाल पाईं तथा भाजपा को पहली बार बंपर वोट मिले। इसमें मोदी लहर का ही असर था कि हर बूथ मोदी लहर से लबरेज था।

2009 के चुनाव में मिले मतों के वोट प्रतिशत के आंकड़ों पर गौर करें तो उससे साबित होता है कि 2014 में 17.91 प्रतिशत कांग्रेस के वोट कम होने  का नुक्सान  कांग्रेस को हुआ जिसका सीधा-सीधा फायदा भाजपा के नेता को हुआ। 2014 के चुनाव में अरविंद शर्मा को 19.66' वोट मिले जबकि 2009 में शर्मा को 37.57' वोट मिले थे। शर्मा को 2014 में 2,34,670 वोट मिले थे जो पिछले चुनाव से 17.91' वोट कम थे।

करनाल के 9 हलकों में से 8 हलकों में कांग्रेस इनैलो से आगे रहकर दूसरे नंबर पर रही थी। इनैलो केवल असंध में कांग्रेस से आगे रही। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी करनाल संसदीय क्षेत्र के सभी 9 हलकों में 20 हजार से ज्यादा वोट लेने में कामयाब रहे थे। वहीं बसपा को भी 2014 के चुनाव में पिछले चुनाव से 19.56' वोट कम मिले। बसपा प्रत्याशी मराठा वीरेंद्र वर्मा को 2009 के चुनाव में 28.16 प्रतिशत वोट मिले थे जबकि 2014 में मात्र 8.60' ही मिल पाए। बसपा प्रत्याशी को 2014 में 102628 वोट मिले जो 2009 के मुकाबले 19.56' कम थे। 2014 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को 594817 वोट मिले जो 49. 84' था।

इसमें 2009 के गठबंधन चुनाव के मुकाबले भाजपा प्रत्याशी को 26.98' वोट की बढ़ौतरी हुई। भाजपा प्रत्याशी का जीत का मार्जन 30.17' था जिसके तहत 3,60,147 वोट से भाजपा प्रत्याशी ने कांग्रेस प्रत्याशी को हराया था। वहीं, इनैलो प्रत्याशी को मात्र 15' वोट ही मिले। 2009 में इनैलो का कोई प्रत्याशी नहीं था इनैलो व भाजपा के गठबंधन प्रत्याशी ने चुनाव लड़ा था। 2014 में इनैलो प्रत्याशी को 187902 वोट मिले। 5वें स्थान पर आम आदमी पार्टी प्रत्याशी था जिसे 32060 अर्थात 2' वोट मिले थे 2009 में ‘आप’  का कोई प्रत्याशी नहीं था। 

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