कांग्रेस में प्रदेश प्रधान तंवर को बदलने की फिर उठी मांग

Edited By Naveen Dalal, Updated: 16 Jul, 2019 09:52 AM

congress again in talks to replace state chief tanwar

हरियाणा कांग्रेस के आंतरिक मामलों में सोनिया गांधी द्वारा रुचि दिखाने के बाद लगने लगा है कि अब पार्टी में कोई बड़ा बदलाव आ सकता है। इतना ही नहीं, जानकारी तो यह भी है कि पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी भी हरियाणा इकाई के बारे में निरंतर...

धामु: हरियाणा कांग्रेस के आंतरिक मामलों में सोनिया गांधी द्वारा रुचि दिखाने के बाद लगने लगा है कि अब पार्टी में कोई बड़ा बदलाव आ सकता है। इतना ही नहीं, जानकारी तो यह भी है कि पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी भी हरियाणा इकाई के बारे में निरंतर फीडबैक ले रही हैं। जो गुटबंदी हरियाणा कांग्रेस में चल रही है उसको लेकर प्रियंका गांधी बहुत नाराज बताई जा रही हैं। अब पार्टी आलाकमान को लगने लगा है कि अगर हरियाणा के मामलों की इसी तरह अनदेखी की जाती रही तो हरियाणा में कांग्रेस की जमीन भी खिसक जाएगी।

वैसे भी हरियाणा की दसों सीटें भाजपा को जाने से आलाकमान प्रदेश के नेताओं के प्रति आक्रोश में है लेकिन बड़ी जानकारी यह है कि पार्टी के प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने हरियाणा के मामलों में रुचि लेनी बंद कर दी है क्योंकि प्रदेश के सभी बड़े नेताओं को एक करने के उनके प्रयास पूरी तरह से फैल हो गए हैं। उनकी परिवर्तन यात्रा न नेताओं के दिल परिवर्तित कर पाई और न मतदाताओं पर परिवर्तन का प्रभाव डाल पाई। इसके बाद लोकसभा चुनाव में तो पार्टी ने सभी कुुछ गंवा दिया। इतना ही नहीं, पार्टी के प्रदेश प्रधान अशोक तंवर ने उनके निर्देशों की अनदेखी कर चुनाव प्रबंधन कमेटी की 2 बैठकें करके चुनौती दे डाली।

अब आजाद के पास पार्टी को एकजुट करने का कोई फार्मूला नहीं बचा है। अब उन्होंने हरियाणा के बारे में सभी निर्णय ए.आई.सी.सी. पर डाल दिए। ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि पार्टी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलने के साथ ही हरियाणा पर भी निर्णय ले लिया जाएगा। कांग्रेस से जुड़े सूत्र बताते हैं कि केवल एक सप्ताह में कांग्रेस में बड़ा बदलाव आने वाला है। ऐसी ही जानकारी मीडिया को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा भी दे चुके हैं।

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ ही होगा हरियाणा के बारे में भी फैसला
चर्चाकारों के अनुसार कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर चिंतन अंतिम दौर में है। अब कभी भी कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक बुलाई जा सकती है। बताया गया है कि इसी बैठक में हरियाणा के बारे में भी चर्चा होगी और फैसला भी ले लिया जाएगा। अभी तक की जानकारी के अनुसार कांग्रेस की बागडोर युवा को सौंंपी जाएगी। ऐसे में यह भी तय माना जा रहा है कि हरियाणा के प्रदेश प्रधान भी बदल दिए जाएं? पार्टी आलाकमान से जुड़े सूत्रों के अनुसार तंवर विरोधी गुट जम कर रोहतक के पूर्व सांसद दीपेन्द्र हुड्डा के लिए पैरवी कर रहा है। हुड्डा गुट ने भी लोकसभा चुनाव के बाद अपनी रणनीति में बदलाव किया है।

अब सभी नेता गीता भुक्कल, कुलदीप शर्मा, कुमारी शैलजा या कुलदीप बिश्रोई या भूपेन्द्र सिंह हुड्डा का नाम नहीं ले रहे हैं। अब तो सभी मिल कर आलाकमान को यह प्रभाव देने में लगे हुए हैं कि कांग्रेस को इस नाजुक दौर से दीपेन्द्र हुड्डा ही उबार सकते हैं। यह भी जानकारी मिली है कि हुड्डा गुट ने सोनिया गांधी तक भी यह संदेश पहुंचा दिया है कि दीपेन्द्र हुड्डा टीम राहुल से भी जुड़े हुए हैं और युवा भी हैं। सूत्र बताते हैं कि अब दीपेन्द्र हुड्डा के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया, राजस्थान के सी.एम. अशोक गहलोत के साथ प्रभारी गुलाम नबी आजाद भी पैरवी में लगे हुए हैं। दूसरी ओर खुद दीपेन्द्र हुड्डा प्रियंका गांधी के सम्पर्क में निरन्तर बने हुए हैं। इस तरह से दीपेन्द्र हुड्डा की अचानक सक्रियता भी इसी बदलाव की ओर संकेत देती है। कांग्रेस के सूत्र कहते हैं कि वर्तमान हालातों में प्रदेश प्रधान के लिए जिन नेताओं के नाम चल रहे हैं उनमें दीपेन्द्र हुड्डा सबसे आगे हैं।

पार्टी आलाकमान दीपेन्द्र हुड्डा के नाम पर गम्भीर
कहा जा रहा है कि दीपेन्द्र हुड्डा अपने पिताश्री से अधिक सफल प्रधान साबित हो सकते हैं क्योंकि उनका आम आदमी से व्यवहार और उनकी मिलनसारिता की तारीफ विपक्षी नेता भी कर चुके हैं। उनका यह गुण उनको सफल प्रदेश प्रधान बना सकता है। साथ ही अब वह अपने पिताश्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की गोद से बाहर आ चुके हैं। प्रदेशभर में उनकी अपनी पॉकेट है। ऐसी ही सब बातों को लेकर पार्टी आलाकमान दीपेन्द्र हुड्डा के नाम पर गम्भीर है। पहले यह कहा जा रहा था कि आज के आंतरिक तनावपूर्ण हालात और समीप आते विधानसभा चुनाव नए प्रदेश प्रधान के लिए चुनौती रहेंगे। ऐसे में अगर पार्टी आलाकमान वर्तमान प्रदेश प्रधान अशोक तंवर को बदलती है तो दौड़ में दीपेन्द्र हुड्डा ही दौड़ में एक नम्बर पर हैं। दीपेन्द्र हुड्डा के नाम पर दूसरे नेताओं का विरोध भी कम रहेगा। अब प्रदेश कांग्रेस के सभी नेताओं की नजरें ए.आई.सी.सी. की जल्द होने वाली बैठक पर लगी हुई हैं। 

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