हरियाणा में कोरोना रिलीफ फंड का गठन, ग्रुप डी के कर्मचारी देंगे एक दिन का वेतन

Edited By Isha, Updated: 25 Mar, 2020 09:36 AM

cm group d employees will give one day s salary in relief fund

हरियाणा के सभी विभागों के ग्रुप डी सहित सभी कर्मचारियों ने कोरोना वायरस के खिलाफ मजबूती से लडऩे के लिए मुख्यमंत्री रिलीफ फंड में एक दिन का वेतन देने का निर्णय....

चंडीगढ़ : हरियाणा के सभी विभागों के ग्रुप डी सहित सभी कर्मचारियों ने कोरोना वायरस के खिलाफ मजबूती से लडऩे के लिए मुख्यमंत्री रिलीफ फंड में एक दिन का वेतन देने का निर्णय लिया है। प्रदेश के कर्मचारियों के मुख्य संगठन सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, वरिष्ठ उपप्रधान नरेश कुमार शास्त्री व महासचिव सतीश सेठी ने बताया कि अगर सरकार को इसके अलावा भी आर्थिक मदद की आवश्यकता पड़ी तो प्रदेश का कर्मचारी बिल्कुल भी पीछे नहीं हटेगा।

उन्होंने बताया कि कर्मचारी संकट की इस घड़ी में आर्थिक मदद के अलावा अपनी जान जोखिम मे डालते हुए कोरोना से लडऩे व स्वास्थ्य सेवाओं सहित अन्य आवश्यक सेवाओं को सुचारु रूप से चलाने में दिन-रात एक किए हुए हैं। उन्होंने तमाम प्रयासों के बावजूद 23 नगरपालिकाओं व परिषदों मे कार्यरत सफाई कर्मचारियों, मिड डे मील बांट रहे शिक्षकों व आवश्यक सेवाओं में लगे कर्मचारियों को अभी तक सैनिटाइजर, मास्क व साबुन मुहैया न करवाने व सभी कार्यालयों को सैनिटाइजर न करवाने पर कड़ी नाराजगी जताई है।

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के उक्त नेताओं कहा कि बड़े अफसोस की बात है कि सोमवार को मुख्यमंत्री ने अपने निजी कोष से 5 लाख राहत कोष में देने की घोषणा तो कर दी जो सराहनीय है, लेकिन सरकारी खजाने से किसी भी आपातकाल स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए विशेष आॢथक पैकेज देने की कोई घोषणा नहीं की। इतनी भयंकर माहमारी में भी स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने के लिए सरकारी खजाने का मुंह नहीं खोला जाऐगा तो फिर कब खोला जाएंगा। ऐसा न हो की बहुत देर हो जाए और बाद मे हमें बहुत पछताना पड़ सकता है। 

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के मुख्य संगठन सचिव धर्मवीर फोगाट, उप महासचिव सबिता व प्रवक्ता इंद्र सिंह बधाना ने बताया कि संघ के राज्य केंद्र पर प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार कोरोना वायरल संक्रमण को रोकने के काम मे लगे डाक्टर, स्टाफ नर्स व अन्य पैरामैडीकल स्टाफ के पास पुरी सेफ्टी किट तक अभी नहीं पहुंच पाई है। सी.एच.सी. व  पीएजसी  में डाक्टर व अन्य स्टाफ की भारी कमी है। कोरोना वायरल की जांच के लिए प्रदेश में केवल पी.जी.आई.एम.एस., रोहतक व भगत फूल सिंह मैडीकल कालेज खानपुर में दो ही लैब है।

अगर कोरोना वायरल से संक्रमित मरीजों की जांच ही नहीं होगी तो संक्रमण के तेजी से फैलने की संभावना है। उन्होंने सभी नागरिक हस्पतालों, सी.एच.सी. व  पीएजसी  स्तर पर लैब बनाने और नि:शुल्क जांच की मांग की। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमित मरीज को सांस लेने मे काफी दिक्कत होती है, जिसके लिए वेंटीलेटर की संख्या आवश्यकता होती है। लेकिन हमारे पास वेंटीलेटर की भारी कमी है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस की जांच करवाना भी काफी कठिन कार्य है, इसको आसान बनाने और स्वास्थ्य सेवाओं में लगे मैडीकल व पैरामैडीकल स्टाफ को सुरक्षित करना अत्यंत जरूरी है। इसलिए राज्य सरकार को स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के लिए केरल सरकार की तरह तुरंत आॢथक पैकेज की घोषणा करनी चाहिए।

 

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