Edited By Isha, Updated: 24 Dec, 2019 09:47 AM
हरियाणा सी.एम. का ड्रिम प्रोजैक्ट सक्षम सोमवार एक बार फिर धराशायी हो गया। शिक्षा विभाग की ढ़ीली कार्यशैली का खामियाजा एक बार फिर बच्चों को भुगतना पड़ा। जहां स्कूल समय में अध्यापक ........
अम्बाला छावनी (हरिंद्र) : हरियाणा सी.एम. का ड्रिम प्रोजैक्ट सक्षम सोमवार एक बार फिर धराशायी हो गया। शिक्षा विभाग की ढ़ीली कार्यशैली का खामियाजा एक बार फिर बच्चों को भुगतना पड़ा। जहां स्कूल समय में अध्यापक 12 पेज के 2 पेपरों को बार-बार ब्लैक बोर्ड पर लिखते हुए हताश व निराश नजर आए तो वहीं बच्चे भी अधूरे ज्ञान के सहारे सक्षम परीक्षा में उर्तीण होने का फार्मूला देखते रहे।
सोमवार अम्बाला जिला के 3 ब्लॉक में सक्षम के तहत कक्षा 3 से 8 तक मॉक टैस्ट यानि प्रैक्टिस टैस्ट लिए गए। कक्षा 3 से 5 तक हिंदी और कक्षा 6 से 8 तक गणित विषय पर टैस्ट हुआ। लेकिन विभाग की लापरवाही का खमियाजा एक बार फिर स्कूली अध्यापकों सहित बच्चों को झेलना पड़ा। न तो बच्चे अच्छी तरह शिक्षित हो पाए और न ही अध्यापक उन्हें पूरा ज्ञान दे पाए।अम्बाला-2, शहजादपुर और बराड़ा ब्लॉक में हुए मॉक टैस्ट में सभी परेशान नजर आए। जहां कक्षा 3 और 5 के अध्यापकों को 5 पेज का पेपर ब्लैक बोर्ड पर लिखना पड़ा तो वहीं कक्षा 6 और 8 के 7 पेज ब्लैक बोर्ड पर लिखने में ही अध्यापकों के पसीने छूट गए।
नहीं आया सॉलिड पेपर
प्राथमिक शिक्षक संघ प्रधान अमित छाबड़ा ने बताया कि 2 दिवसीय मॉक टैस्ट के तहत सोमवार व मंगलवार टैस्ट प्रक्रिया जारी है। पिछले कुछ समय से मॉक टैस्ट को लेकर मीटिंग भी हुई। अध्यापकों को सक्षम को उत्कृष्ट करने का पाठ भी पढ़ाया गया। लेकिन विभाग खुद ही इसे सिरे पर नहीं पहुंचा पाया। आधे-अधूरे ज्ञान के सहारे ही बच्चों को सक्षम करने की प्रक्रिया पूरी की गई।
उन्होंने बताया कि मॉक टैस्ट के लिए कोई भी कागजी कार्रवाई नहीं की गई, जो भी पेपर भेजे गए, वह सिर्फ और सिर्फ व्हाट्सएप पर ही भेजे गए। ऐसे पेपर को पढऩे में ही अध्यापकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
स्कूल में नहीं फंड
व्हाइट्सएप पर भेजे गए मॉक टैस्ट को प्रिंट करवाने में भी मुख्य अध्यापक गुरेज करते नजर आए। क्योंकि स्कूल में छात्रों की संख्या के आधार से इसका खर्च लगभग 3 हजार रुपए पड़ता है और सक्षम पेपर प्रिंट कराने का कोई भी फंड विभाग ने स्कूल में उपलब्ध नहीं कराया है।