मुख्यमंत्री और मैं एक दूसरे के विरुद्ध नहीं, बल्कि हम अच्छे दोस्त हैं: अनिल विज

Edited By Manisha rana, Updated: 28 Jul, 2021 12:12 PM

cm and i are not against each other but we are good friends anil vij

हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने हरियाणा के उन अधिकारियों को चेतावनी दी है जो हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल व उन्हें अलग...

चंडीगढ़ (धरणी) : हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने हरियाणा के उन अधिकारियों को चेतावनी दी है जो हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल व उन्हें अलग समझते हैं। विज ने कड़े तेवर अपनाते हुए कहा है कि मैं और मुख्यमंत्री अच्छे दोस्त हैं और यह गंदा खेल खेलने वाले अधिकारियों को इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ेगा। विज ने जारी एक बयान में कहा है कि माननीय मुख्यमंत्री जी को प्रसन्न करने के लिए कुछ अधिकारी मेरे विभागीय कार्यों में इस प्रकार बाधा डाल रहे हैं। मानो मैं और मुख्यमंत्री एक दूसरे के विरुद्ध हों। वे बहुत बुरी तरह गलत हैं। मैं और माननीय मुख्यमंत्री अच्छे दोस्त हैं। यह गंदा खेल खेलकर नेतागिरी करने वाले अधिकारियों को अपनी  ड्यूटी की तरफ ध्यान देना चाहिए।

अनिल विज के पास गृह, स्वास्थ्य, शहरी निकाय व तकनीकी शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभाग हैं। यह विभाग सीधे जनता से जुड़े हुए सीधे विभाग हैं। अनिल विज के विभागों ने कोविड की पहली व दूसरी लहर के दौरान जनता को अधिक-से-अधिक सहूलियत देने का काम किया था। जनता के प्रति सीधी जवाबदेही इन विभागों की है। इस दौरान विज बेशक दो बार अस्वस्थ रहे इसके बावजूद कभी ऑक्सीजन के सहारे तो कभी वाकर के सहारे हरियाणा सचिवालय पहुंचते रहे हैं। अनिल विज जनता के प्रति अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सदैव तत्पर रहते रहे हैं। इनके द्वारा जारी किए गए इस बयान को राजनीतिक व प्रशासनिक व्यवस्था से जुड़े अधिकारियों के लिए सीधा और कड़ा संदेश माना जा रहा है।

अनिल विज ने अपने चिर-परिचित अंदाज में जिस प्रकार राजनीतिक चक्रव्यूह में उलझे अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि कुछ अधिकारी मेरे विभागीय कार्यों में जिस प्रकार से बाधा डाल रहे हैं मानो मै और मुख्यमंत्री एक दूसरे के विरुद्ध हो। वह बहुत बुरी तरह से गलत है। मैं और माननीय मुख्यमंत्री अच्छे दोस्त हैं। यह गंदा खेल खेलने वाले अधिकारियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। अनिल विज ने यह शब्द उन अधिकारियों को खुली चेतावनी के रूप में कहे हैं जो प्रशासनिक व्यवस्था मे कम और राजनीति में अधिक रुचि रख रहे हैं। जिसके चलते  निजी हितों के चलते में राजनीतिक खेलते हैं। विज मनोहर पार्ट-वन तथा पार्ट-टू में भी कार्यों में रुकावट डालने वाले अधिकारियों के लिए समय-समय पर चेतावनी जारी करते रहे हैं तथा कुछ मामलों में उन्होंने समय-समय पर एक्शन भी लिए हैं।

अनिल विज का यह कहना है कि यह गंदा खेल खेल रहे अधिकारियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उनका यह बयान अत्यंत कठोर और सीधा संदेश माना जा रहा है। राजनीतिक समीक्षकों का मानना है कि अनिल विज जो कहते हैं वह करते भी हैं। विज के पास जो भी अहम विभाग हैं उन्हीं से संबंधित अधिकारियों को यह संदेश दिया गया है या फिर अन्य विभागों के अधिकारियों के लिए भी यह संदेश है, बारे राजनीतिक समीक्षकों का मानना है कि उन्होंने यह स्पष्ट कहा है कि कुछ अधिकारी मेरे विभागीय कामों में रुकावट डाल रहे हैं। जिसका अर्थ सीधा है कि विज के अधीन विभागों के अधिकारियों के लिए यह संदेश है। विज के यह तेवर स्पष्ट करते हैं कि आने वाले समय में हरियाणा प्रशासनिक अमले में जब भी फेरबदल हुआ, तब इनके विभागों के अधिकारियों को बदला जा सकता है। विज ने इस संदेश के द्वारा सभी को चेतावनी देने की कोशिश की है।

बता दें कि हाल ही में गृह, स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने पुलिस विभाग के कुछ अधिकारियों को चेतावनी देने के लिए एडिशनल चीफ सेक्रेटरी गृह विभाग राजीव अरोड़ा के माध्यम से पत्र लिखकर कहा है कि अधिकारियों द्वारा उनके कार्यालय की तरफ से भेजी जाने वाली शिकायतों पर तुरंत एक्शन रिपोर्ट भेजी जाए। हाल ही में विज ने नगर निगम गुड़गांव पर छापा मारा था तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी चेतावनी देकर जनहित के कार्यों में देरी न करने की बात कही थी। हाल ही में विज द्वारा अपने तीन विभागों पुलिस, स्वास्थ्य और शहरी निकाय पर उठाए गए कदम यह बताने के लिए काफी है कि अनिल विज अधिकारियों द्वारा जनहित में किए गए कामों को लेकर संतुष्ट बिल्कुल भी नहीं है। साथ ही विज इस बात से और ज्यादा नाराज हैं कि उनके इंटरफेयर के बावजूद अधिकारी काम नहीं करना चाहते। विज का मानना है कि अगर उनके दखल के बाद भी काम नहीं होते तो फिर आम जनता को यह अधिकारी किस हद तक परेशान कर रहे होंगे।

विपक्ष समय-समय पर यह आरोप लगाता रहा है कि अफसरशाही सरकार पर हावी है। वहीं भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता भी संगठन की बैठकों में मुद्दा उठाते रहे हैं कि कार्यालयों में उनकी सुनवाई नही होती। अधिकारी उन्हें तवज्जो नहीं देते। जिससे सरकार की कमजोरी तो दिखती ही है, साथ-ही-साथ आगामी चुनावों को लेकर भी चिंता जाहिर की जाती रही है। अनिल विज के दरबार में सैकड़ों लोग रोजाना अपनी समस्याओं को लेकर पहुंचते हैं और विज द्वारा आवश्यक और संतोषजनक कार्यवाही के लिए अपने कार्यालय से संबंधित अधिकारियों के पास आदेश जारी किए जाते हैं। उसके बावजूद अधिकारियों द्वारा आदेशों की अनदेखी की जाती है। जिसके चलते अनिल विज कुछ दिनों से काफी नाराज दिख रहे हैं और अनिल विज की नाराजगी इन अधिकारियों के लिए काफी भारी साबित हो सकती है।

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